भारत के डर से पाकिस्तान ने PoK में लोगों को बंकरों में रहने के दिए निर्देश

भारत के डर से पाकिस्तान ने PoK में लोगों को बंकरों में रहने के दिए निर्देश, LoC के पास न जाने को कहा
आर.बी.एल.निगम, वरिष्ठ पत्रकार 
मोदी सरकार द्वारा हर पल लिए जाने वाले निर्णयों से पाकिस्तान में बहुत खलबली मची हुई है। दरअसल, पाकिस्तान सरकार और आतंकवादियों के सरगना समझ रहे थे कि पिछली सरकारों की भांति वर्तमान मोदी सरकार भी पुलवामा आतंकवादी हमले पर बस बयानबाज़ी करती रहेगी, लेकिन मोदी सरकार द्वारा आतंकवाद के विरुद्ध होती सख्ताई को देख सहम गया है। 
स्मरण हो, प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी ने अपने शपथ समारोह से लेकर अब तक पाकिस्तान आकाओं को संभलने के अनेक अवसर दिए। दो बार, पिछले प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ से मिलने पाकिस्तान गए, लेकिन सरकार को चलाने वाली फौज तब भी मोदी के कदमों की आहट समझने में पूर्णरूप से असफल रही। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आतंकवाद का मुद्दा उठाने पर भी सचेत नहीं हुए, जो प्रमाणित करता है कि पाकिस्तान मुग़ल शासकों की भाँति डरा-धमका कर इस्लामिक गतिविधियों को आगे बढ़ाते रहे। परन्तु भूल गए कि अगर पाकिस्तान मुगलों की राह पर चलेगा तो कभी भारत में हिन्दू सम्राट पृथ्वीराज चौहान, या वीर शिवाजी, महाराणा प्रताप, गुरु गोबिंद सिंह आदि जैसे मुगलों को नाको चने चबवाने को अन्य शूरवीर भी पैदा हो सकता है। 
यदि इस तरह की सख्ती मुंबई हमले के बाद भारत की तत्कालीन सरकार ने लिया होता, आज भारत का नक्शा ही कुछ और होता। दुर्भाग्य से तुष्टिकरण की पुजारी तत्कालीन सरकार जयचन्दों की सहायता से भारतीय जनमानस को हिन्दू आतंकवाद और भगवा आतंकवाद के नाम से भ्रमित कर, बेकसूर हिन्दू साधु, संत एवं साध्वियों को झूठे आरोपों में गिरफ्तार कर, हिन्दू धर्म को कलंकित कर कुर्सिओं पर बैठ मालपुए खाते रहे, किसी भी नेता में इच्छाशक्ति नहीं थी। परन्तु अब हालत काबू से बाहर है, आज विश्व भी पाकिस्तान की नापाक हरकतों से पूर्णरूप से परिचित हो चूका है। 
दूसरे, सत्ता के गलियारों में चर्चा है कि अब पाकिस्तान को इस बात का भी ज्ञान हो जाना चाहिए कि युद्ध के दौरान युद्धविराम करवाने में सफल भी हो जाता है, जैसाकि पिछले युद्धों में होता रहा है, तब इंडो-पाक सीमा वहां से होगी जहाँ तक भारतीय फौज पाकिस्तान की जमीन को कब्ज़ा चुकी होगी। भविष्य के गर्भ में क्या छुपा है, कहा नहीं जा सकता।    
पुलवामा आतंकी हमले के बाद पाकिस्तानी सेना को एक और सर्जिकल स्ट्राइक का डर सताने लगा है. पाकिस्तानी सेना ने पाक अधिकृत कश्मीर (पीओके) के लोगों को रात के समय बंकरों में रहने के लिए कहा है. पाकिस्तान सरकार की डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी ने पीओके के पास रहने वाले लोगों को कहा है कि वह लाइन ऑफ कंट्रोल से दूर रहें. पाक सरकार ने पीओके के लोगों को सुरक्षित जगह रहने के साथ-साथ यातायात के लिए भी सुरक्षित मार्गों का इस्तेमाल करने को कहा है. इसके साथ लोगों से रात के समय घूमने और समूह में निकलने से भी रोका है.
राज्य डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी ने डिप्टी डायरेक्टर एडमिनिस्ट्रेशन के हवाले से नीलम, झेलम, रावलकोट, हवेली, कोटली और भींभर के डीसी को जारी किए गए आदेश में लिखा है, 'ताजा हालात को देखते हुए एलओसी के पास रहने वाले हर शख्स को सूचित किया जाता है कि भारतीय सेना कभी भी कोई हिंसक कार्रवाई कर सकती है. इसलिए जो लोग भी एलओसी के पास रह रहे हैं उन्हें सूचित किया जाता है कि वह सुरक्षा का ध्यान रखें और आने जाने के लिए सुरक्षित मार्गों का इस्तेमाल करें. नागरिक किसी भी एक स्थान पर इकट्ठा ना हों. जो लोग एलओसी के पास रह रहे हैं और उनके पास बंकर नहीं है तो वह तुरंत बंकर तैयार कर लें. रात के समय आवश्यकता न हो तो लाइट ना जलाएं. एलओसी के पास बिना मतलब आवाजाही बंद कर दें. पशुओं को भी एलओसी के पास चराने के लिए न ले जाएं. '
इस आदेश में आगे लिखा है, 'इसके अलावा, आपके (डीसी) निवासियों और उनके प्रियजनों की सुरक्षा के लिए सभी सुरक्षा उपाय किए जाने चाहिए. किसी व्यक्ति पर किसी तरह का संदेह होने पर, संबंधित प्रशासन को तुरंत सूचित करें. इस संदेश को आपके द्वारा निर्दिष्ट क्षेत्रों में रह रहे लोगों तक पहुंचा दिया जाए.'
कश्मीर में सैनिकों की सुरक्षा को लेकर सरकार का बड़ा फैसला, अब हवाई मार्ग से श्रीनगर जाएंगे जवान
पुलवामा आंतकी हमले के बाद श्रीनगर में अर्धसैनिक बलों की सुरक्षा को लेकर केंद्रीय गृह मंत्रालय ने बड़ा फैसला लिया है. गृह मंत्रालय के आदेश के मुताबिक अब बीएसएफ, असम राइफल्स, सीआरपीएफ, सीआईएसएफ, एसएसबी, एनएसजी और आईटीबीपी के जवानों को कश्मीर घाटी में तैनाती के लिए हवाई मार्ग से ही श्रीनगर ले जाया जाएगा. सैनिकों की सुरक्षा को देखते हुए अब सभी अर्धसैनिक बलों के जवान विमान से ही श्रीनगर जाएंगे. इस फैसले के मुताबिक अब हर जवान और हर अफसर को हवाई जहाज से ही जम्मू से श्रीनगर भेजा जाएगा. 

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सभी अर्धसैनिक बलों के लिए जारी किया गया यह आदेश आज (21 फरवरी) से प्रभावी हो गया है.  गृह मंत्रालय ने केंद्रीय अर्धसैनिक बलों के जवानों को अब दिल्ली-श्रीनगर, श्रीनगर-दिल्ली, जम्मू-श्रीनगर और श्रीनगर-जम्मू के रास्ते पर हवाई मार्ग से भेजे जाने की स्वीकृत देते हुए आदेश जारी किया है.
गृह मंत्रालय के इस निर्णय से केंद्रीय अर्धसैनिक बलों के 7 लाख 80 हजार जवानों को सीधा फायदा मिलेगा. इससे पहले कॉन्सटेबल, हेड कॉन्सटेबल और एएसआई रैंक के जवान इस सुविधा के हकदार नहीं थे. जवानों को यह सुविधा जम्मू कश्मीर में ड्यूटी के दौरान यात्रा के साथ ही छुट्टी पर जाने (जम्मू कश्मीर से घर और वहां से वापसी) के लिए भी मिलेगी.(एजेन्सीज़ इनपुट्स सहित)

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