पुलवामा में सीआरपीएफ पर फिदायीन हमले के बाद सुरक्षाबलों ने 21 दिन में कश्मीर घाटी के 18 आतंकियों को मार गिराया। त्राल में हुई मुठभेड़ में मार्च 10 को जैश-ए-मोहम्मद के तीन आतंकी मारे गए। इनमें हमले का मास्टरमाइंड मुदासिर अहमद खान (23) और कामरान शामिल हैं। एक आतंकी खादिल पाकिस्तानी था। मुदासिर ने जवानों पर हमले के लिए गाड़ी और विस्फोटक जुटाया था।
प्रेस कॉन्फ्रेंस में सेना के लेफ्टिनेंट जनरल रणबीर सिंह ने बताया कि मारे गए 18 आतंकियों में 14 जैश-ए-मोहम्मद से ताल्लुक रखते थे। इनमें से 8 पाकिस्तानी थे। जनवरी से अब तक 70 दिन में 44 आतंकियों को मारा गया। सीआरपीएफ के आईजी जुल्फिकार हसन ने कहा कि हम घाटी में जैश के खात्मे के करीब हैं, लेकिन अभी काम पूरा नहीं हुआ है। आतंकियों की भर्ती में कमी आई है, उनके मददगारों को भी पकड़ा जा रहा है।सुरक्षाबलों ने घर को विस्फोट से उड़ाया
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि त्राल इलाके के पिंगलिश गांव में आतंकियों के छिपे होने की सूचना के बाद सुरक्षाबलों ने रविवार को तलाशी अभियान शुरू किया था। इसी दौरान एक घर में छिपे आतंकियों ने जवानों पर फायरिंग की। सुरक्षाबलों ने देर रात घर को विस्फोट से उड़ा दिया। सोमवार सुबह तीनों आतंकियों के शव मिले। उनके पास से भारी मात्रा में गोला-बारूद भी बरामद हुआ।
इलेक्ट्रीशियन था आतंकी मुदासिर
एनआईए के अधिकारियों ने बताया कि 14 फरवरी को सीआरपीएफ पर हमले से पहले मुदासिर लगातार फिदायीन आदिल अहमद डार के संपर्क में था। इस हमले में 40 जवान शहीद हुए थे। मुदासिर ग्रेजुएशन और इलेक्ट्रीशियन का डिप्लोमा कर चुका था। वह 2017 में अजहर मसूद के आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद से जुड़ा था। फिलहाल, आतंकी संगठन का कमांडर था। मुदासिर फरवरी 2018 में आर्मी कैंप पर हुए हमले में भी शामिल रहा था।
अवलोकन करें:-
एनआईए के मुताबिक, सीआरपीएफ पर हमले के लिए आतंकियों ने एक मारूति ईको कार का इस्तेमाल किया था। जैश के आतंकी सज्जाद भट ने हमले से 10 दिन पहले ही यह कार खरीदी थी। सज्जाद हमले के बाद से फरार है। एनआईए की टीम ने पिछले महीने सज्जाद और मुदासिर के घर पर छापेमारी की थी।
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