जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने एक बार फिर विवादित बयान दिया है। आर्टिकल 370 को लेकर उन्होंने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि यदि इसे खत्म किया गया तो फिर जम्मू-कश्मीर और भारत का रिश्ता खत्म हो जाएगा। इसी साल फरवरी में भी उन्होंने विवादित बयान देते हुए कहा था कि यदि अनुच्छेद 35 एक के साथ छेड़छाड़ होती है तो आप उस माहौल का सामना करेंगे जिसे आपने 1947 के बाद से आप ने नहीं देखा होगा।
शनिवार को श्रीनगर में एक रैली को संबोधित करते हुए महबूबा ने कहा, यदि अनुच्छेद 370 से छेड़छाड़ होती है तो फिर आपको दुबारा हिंदुस्तान और जम्मू-कश्मीर का रिश्ता बनाना पड़ेगा। यह किन शर्तों पर बनेगा यह मुझे नहीं मालूम, फिर तो उसके लिए नई बातचीत होगी। फिर क्या आप 1947 की तरह एक मुस्लिम बाहुल राज्य के साथ किन शर्तों पर मिलना चाहेंगे या नहीं मिलना चाहेंगे? हमें भी दोबारा सोचना पड़ेगा।'
अवलोकन करें:-
महबूबा ने आगे कहा, 'हम आपके साथ जिन शर्तों पर आए थे अगर वो शर्त खत्म होंगी तो हमें दोबारा सोचना होगा कि हम क्या आपके साथ बिना शर्तों के रहना चाहेंगे। अरुण जेटली साहब को यह सोचना चाहिए, क्योंकि अगर 370 को खत्म करोगे तो जम्मू-कश्मीर के साथ आपका रिश्ता खत्म हो जाएगा।
यह पहली बार नहीं कि महबूबा ने इस तरह का विवादित बयान दिया हो, वह आर्टिकल 35 ए को लेकर भी विवादित बयान दे चुकी हैं। कुछ समय पहले उन्होंने कहा था, 'आप आग से मत खेलें। इस अनुच्छेद के साथ छेड़छाड़ न करें। अगर ऐसा कुछ होता है तो आप उस माहौल का सामना करेंगे जिसे आपने 1947 के बाद से आप ने नहीं देखा होगा। अगर किसी भी रूप में अनुच्छेद 35ए पर हमला होता है तो वो नहीं जानतीं कि घाटी में लोग तिरंगा झंडे की जगह कौन सा झंडा थामने के लिए बाध्य होंगे।'
शनिवार को श्रीनगर में एक रैली को संबोधित करते हुए महबूबा ने कहा, यदि अनुच्छेद 370 से छेड़छाड़ होती है तो फिर आपको दुबारा हिंदुस्तान और जम्मू-कश्मीर का रिश्ता बनाना पड़ेगा। यह किन शर्तों पर बनेगा यह मुझे नहीं मालूम, फिर तो उसके लिए नई बातचीत होगी। फिर क्या आप 1947 की तरह एक मुस्लिम बाहुल राज्य के साथ किन शर्तों पर मिलना चाहेंगे या नहीं मिलना चाहेंगे? हमें भी दोबारा सोचना पड़ेगा।'
अवलोकन करें:-
यह पहली बार नहीं कि महबूबा ने इस तरह का विवादित बयान दिया हो, वह आर्टिकल 35 ए को लेकर भी विवादित बयान दे चुकी हैं। कुछ समय पहले उन्होंने कहा था, 'आप आग से मत खेलें। इस अनुच्छेद के साथ छेड़छाड़ न करें। अगर ऐसा कुछ होता है तो आप उस माहौल का सामना करेंगे जिसे आपने 1947 के बाद से आप ने नहीं देखा होगा। अगर किसी भी रूप में अनुच्छेद 35ए पर हमला होता है तो वो नहीं जानतीं कि घाटी में लोग तिरंगा झंडे की जगह कौन सा झंडा थामने के लिए बाध्य होंगे।'
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