आर.बी.एल.निगम, वरिष्ठ पत्रकार
आज जिस तरह से राजनीती अपने रंग बदल रही है, शायद इतनी जल्दी कोई गिरगिट भी नहीं बदलती होगी। अपने आपको समाजसेवी एवं निष्ठावान कहलवाने नेता किस तरह सौदेबाज़ हो सकते हैं, यह चुनाव दिनों में पता चलता है। मोदी को सत्ता विहीन करना तो दूर, नेताओं को देश की बजाए अपनी जीविका की चिन्ता सत्ता सता रही है, इनका वही हाल है, "जहाँ दिखे तवा परात, वहीँ बिसाये सारी रात।" लोकसभा चुनाव से पहले दिल्ली की सत्ता पर काबिज आम आदमी पार्टी को एक और झटका लग सकता है। चांदनी चौक से पार्टी विधायक अलका लांबा ने पार्टी को अलविदा कहने का मन बना लिया है। दरअसल अलका लांबा और पार्टी के बीच मतभेद की खबरें काफी समय से आ रही थीं। पिछले साल दिसंबर में लांबा ने दावा किया था कि AAP ने उनसे पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी से भारत रत्न वापस लेने के कथित प्रस्ताव का विरोध करने को लेकर उससे इस्तीफा मांगा था।मार्च 15 को मीडिया से बात करते हुए अलका ने कहा, 'मुझे कांग्रेस की तरफ से पार्टी में शामिल करने का कोई प्रस्ताव नहीं मिला है। अगर ऐसा होता है तो यह मेरे लिए सम्मान की बात होगी, मैंने पार्टी के लिए 20 साल दिए हैं। कांग्रेस इस मुद्दे पर फैसला लेगी, बिना निमंत्रण के पहुंचे अतिथि का कहीं सम्मान नहीं होता है।' 2014 में आम आदमी पार्टी में शामिल होने से पहले अलका लांबा कांग्रेस में 20 साल रह चुकी हैं। वह कांग्रेस के छात्र संगठन एनएसयूआई से पहली बार दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ की अध्यक्ष बनीं थी। 2003 में उन्होंने मोती नगर विधानसभा सीट से भाजपा नेता मदन लाल खुराना के खिलाफ चुनाव लड़ा था लेकिन वह हार गईं थी। पिछले साल दिसंबर में लांबा ने दावा किया था कि AAP ने उनसे पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी से भारत रत्न वापस लेने के कथित प्रस्ताव का विरोध करने को लेकर उससे इस्तीफा मांगा गया था। हालांकि, AAP ने इस दावे को खारिज कर दिया था। तब अलका लांबा ने ट्वीट किया था, 'आज दिल्ली विधानसभा में प्रस्ताव लाया गया की पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय श्री राजीव गांधी जी को दिया गया भारत रत्न वापस लिया जाना चाहिए, मुझे मेरे भाषण में इसका समर्थन करने को कहा गया, जो मुझे मंजूर नही था, मैंने सदन से वॉक आउट किया। अब इसकी जो सजा मिलेगी,मैं उसके लिए तैयार हूं।'
कुछ समय पहले उन्होंने पार्टी प्रमुख और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया था कि सीएम केजरीवाल ने उन्हें ट्विटर पर 'अनफॉलो' कर दिया है। साथ ही उन्होंने कहा था कि उन्हें मौजूदा हालात में पार्टी में काम करने में दिक्कत हो रही है। तब उन्होंने कहा था, 'मुझे ऐसा लगता है कि पार्टी अब मेरी सेवा नहीं चाहती। लेकिन जब तक मैं विधायक हूं, अपने विधानसभा क्षेत्र के लोगों के लिए काम करना जारी रखूंगी।' उन्होंने दावा किया था कि उन्हें पार्टी के सभी आधिकारिक वाट्सएप्प ग्रुप से हटा दिया गया है । अवलोकन करें:--
http://nigamrajendra28.blogspot.com/2016/09/aap-51.html
आम आदमी पार्टी में चल रहे विवाद ने नया मोड़ ले लिया है। सांसद भगवंत मान के विरोधी…
AAP MLA, Alka Lamba: I don't have any such proposal (of joining Congress) from Congress yet, but it will be a matter of respect for me if any such proposal comes, I had given 20 years to the party. Congress will decide on the matter, an uninvited guest isn't welcomed anywhere.
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