आर.बी.एल.निगम, फिल्म समीक्षक
1962 में भारत-चीन युद्ध उपरान्त फिल्म 'हकीकत' निर्मित होने बाद से देशभक्ति भावना पर आधारित फिल्मों का दौर शुरू हुआ था। उसके बाद 'शहीद', 'उपकार', 'क्रांति', 'बॉर्डर' और 'हिन्दुस्तान की कसम' आदि कई फिल्मों का निर्माण हो चूका है। अब हाल में उरी घटना पर निर्मित फिल्म से फिल्म निर्माताओं ने दर्शकों की नब्ज़ पढ़ वर्तमान में आतंकवाद पर हो रहे प्रहारों पर फिल्में निर्मित करने की होड़ लगना कोई नई बात नहीं।
हैरानी की बात यह है कि एक तरफ सेना सरकार के दिशा-निर्देश पर आतंकवाद पर प्रहार कर रही है, जबकि विपक्ष प्रमाण मांग रहा है, मुस्लिम क्षेत्रों में इस लड़ाई को मुस्लिम विरोधी बताकर दुष्प्रचार किया जा रहा है, वहीँ दूसरी ओर फिल्म निर्माता इन देशप्रेम से प्रेरित आतंकवाद पर हो रहे प्रहारों पर फिल्में निर्मित करने की होड़ में व्यस्त हैं।
पुलवामा हमले के बाद आतंकवाद को लेकर भारत-पाकिस्तान सीमा पर लगातार तनाव बढ़ रहा है। पूरा देश अभिनंदन के वतन लौटने की खुशी मना रहा है वहीं बाॅलीवुड इन मुद्दों को कैश कराने की कोशिश में लगा हुआ है। इसके तहत Abhinandan, Balakot, Pulwama जैसे टाइटल को रजिस्टर कराने की होड़ शुरू हो चुकी है। कई डायरेक्टर और प्रोड्यूसर इन टाॅपिक्स पर फिल्म बनाने की तैयारी में जुट गए हैं।
1962 में भारत-चीन युद्ध उपरान्त फिल्म 'हकीकत' निर्मित होने बाद से देशभक्ति भावना पर आधारित फिल्मों का दौर शुरू हुआ था। उसके बाद 'शहीद', 'उपकार', 'क्रांति', 'बॉर्डर' और 'हिन्दुस्तान की कसम' आदि कई फिल्मों का निर्माण हो चूका है। अब हाल में उरी घटना पर निर्मित फिल्म से फिल्म निर्माताओं ने दर्शकों की नब्ज़ पढ़ वर्तमान में आतंकवाद पर हो रहे प्रहारों पर फिल्में निर्मित करने की होड़ लगना कोई नई बात नहीं।
हैरानी की बात यह है कि एक तरफ सेना सरकार के दिशा-निर्देश पर आतंकवाद पर प्रहार कर रही है, जबकि विपक्ष प्रमाण मांग रहा है, मुस्लिम क्षेत्रों में इस लड़ाई को मुस्लिम विरोधी बताकर दुष्प्रचार किया जा रहा है, वहीँ दूसरी ओर फिल्म निर्माता इन देशप्रेम से प्रेरित आतंकवाद पर हो रहे प्रहारों पर फिल्में निर्मित करने की होड़ में व्यस्त हैं।
पुलवामा हमले के बाद आतंकवाद को लेकर भारत-पाकिस्तान सीमा पर लगातार तनाव बढ़ रहा है। पूरा देश अभिनंदन के वतन लौटने की खुशी मना रहा है वहीं बाॅलीवुड इन मुद्दों को कैश कराने की कोशिश में लगा हुआ है। इसके तहत Abhinandan, Balakot, Pulwama जैसे टाइटल को रजिस्टर कराने की होड़ शुरू हो चुकी है। कई डायरेक्टर और प्रोड्यूसर इन टाॅपिक्स पर फिल्म बनाने की तैयारी में जुट गए हैं।
ऐसे कर रहे हैं तैयारी
हंफिगटन पोस्ट की खबर के अनुसार 14 फरवरी को जब CRPF जवानों पर आतंकी हमला हुआ था और इस हमले में लगभग 44 जवान शहीद हुए थे उस पर भी फिल्म बनाने का आइडिया निकाला गया और तो और इस फिल्म के लिए कई टाइटल भी निकाले गए.. जैसे कि Pulwama: The Surgical Strike, War Room, Hindustan Hamara Hai, Pulwama Terror Attack, The Attacks of Pulwama, With Love, From India, and ATS - One Man Show. बाॅलीवुड के प्रोड्यूसर अपने असिस्टेंट के साथ इन टाॅपिक्स पर फिल्मों के नाम चुनने में व्यस्त है। हर कोई इस होड़ में हैं कि इन नामों को अपने लिए रजिस्टर करा सकें। बता दें कि भारत ने 26 फरवरी को पाकिस्तान के बालाकोट में आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद की ट्रेनिंग कैंप पर एयर स्ट्राइक की थी। यह दिन पश्चिमी मुंबई के अंधेरी स्थित इंडियन मोशन पिक्चर्स प्रोड्यूसर्स के ऑफिस के लिए सबसे ज्यादा व्यस्त रहा।
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इससे पहले उरी में हुए सर्जिकल स्ट्राइक पर बनी फिल्म कर चुकी है ताबड़तोड़ कमाई
पाकिस्तान पर भारत की सर्जिकल स्ट्राइक पर फिल्म बनी थी 'उरी: द सर्जिकल सट्राइक'.. इस फिल्म ने न सिर्फ लोगों का दिल जीता बल्कि बॉक्स ऑफिस पर भी ताबड़तोड़ कमाई की। फिल्म ने रिलीज के 47 दिनों में करीब 236 करोड़ रूपए का कलेक्शन कर लिया है। जाहिर है कि अब दूसरी सर्जिकल स्ट्राइक यानी 'एयर स्ट्राइक' पर फिल्म बनाने के लिए फिल्म निर्माता बावले हुए जा रहे हैं।
पाकिस्तान पर भारत की सर्जिकल स्ट्राइक पर फिल्म बनी थी 'उरी: द सर्जिकल सट्राइक'.. इस फिल्म ने न सिर्फ लोगों का दिल जीता बल्कि बॉक्स ऑफिस पर भी ताबड़तोड़ कमाई की। फिल्म ने रिलीज के 47 दिनों में करीब 236 करोड़ रूपए का कलेक्शन कर लिया है। जाहिर है कि अब दूसरी सर्जिकल स्ट्राइक यानी 'एयर स्ट्राइक' पर फिल्म बनाने के लिए फिल्म निर्माता बावले हुए जा रहे हैं।
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