लोकसभा चुनाव की तारीखें जैसे-जैसे नजदीक आ रही हैं, वैसे-वैसे राजनीतिक सरगर्मी बढ़ती जा रही है। आज (मार्च 29) को कई अहम राजनीतिक घटनाक्रम हो रहे हैं। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी अयोध्या में पदापर्ण। जबकि बिहार में महागठबंधन की सियासत में नए मोड़ आ रहे हैं। इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ओडिशा के कोरापुट में चुनावी रैली को संबोधित किया। इस रैली में उन्होंने एयर स्ट्राइक पर सवाल उठाने पर विपक्ष को एक बार फिर निशाना साधा। आज की राजनीतिक घटनाओं पर हमारी नजर बनी हुई है।
उधर गुजरात में कांग्रेस को झटका लग गया है। लोकसभा चुनाव 2019 के लिए तैयारियां कर रहे हार्दिक पटेल को गुजरात हाईकोर्ट से बड़ा झटका मिला है। दरअसल, हाईकोर्ट ने हार्दिक पटेल की एक दंगे के मामले में मिली सजा पर चुनाव तक रोक लगाने की मांग को खारिज कर दिया है। हाईकोर्ट के इस फैसले के बाद हाल ही में कांग्रेस में शामिल हुए हार्दिक पटेल आगामी लोकसभा चुनाव नहीं लड़ पाएंगे। गौरतलब है कि पाटीदार नेता हार्दिक पटेल ने हाईकोर्ट में विसनगर दंगा मामले में अपनी सजा पर रोक लगाने की मांग की थी।
कांग्रेस नेता हार्दिक पटेल को अदालत से झटका
कांग्रेस नेता और पाटीदार आंदोलन के अगुवा रहे हार्दिक पटेल को बड़ा झटका लगा है। इसका अर्थ ये है कि वो आगामी लोकसभा चुनाव नहीं लड़ सकेंगे। बता दें कि गुजरात हाईकोर्ट के सामने उन्होंने दो वर्ष की मिली सजा पर रोक लगाने की मांग की थी।
लेकिन अदालत ने उनकी अपील को ठुकरा दिया। 2015 में मेहसाणा स्थित बीजेपी दफ्तर में तोड़फोड़ के केस में दो साल की सजा सुनाई गई थी। रिप्रजेंटेशन ऑफ पीपल एक्ट 1951 के मुताबिक अगर किसी शख्स को दो साल की सजा मिली है तो वो चुनाव नहीं लड़ सकता है।
मामला 25 वर्षीय नेता के नेतृत्व में किए पाटीदार कोटा आंदोलन से जुड़ा है। नियमों के तहत यदि हाईकोर्ट द्वारा उनकी सजा पर रोक लगा दी जाती तो उन्हें लोकसभा चुनाव लड़ने दिया जा सकता था।हाईकोर्ट में विसनगर, पुलिस उपाधीक्षक मुकेश व्यास ने एक अन्य हलफनामे के साथ अतिरिक्त सामग्री वाले कुछ दस्तावेज जमा कराए। इसमें वे तस्वीरें भी शामिल हैं जिसमें हार्दिक पटेल घटना के समय मौके पर नजर आ रहे हैं।
हार्दिक पटेल ने सौराष्ट्र की जामनगर लोकसभा सीट से कांग्रेस के टिकट पर आम चुनाव लड़ने की इच्छा जाहिर की थी। पटेल 12 मार्च को कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की उपस्थिति में कांग्रेस में शामिल हुए थे।वहीं, पाटीदार आरक्षण आंदोलन का गढ़ माने जाने वाले मेहसाणा में पाटीदार समाज पटेल के कांग्रेस में शामिल होने को लेकर आक्रोशित है। समाज का कहना है कि हार्दिक पटेल ने पूरे पाटीदार समाज के साथ धोखा किया है।
गुजरात सरकार ने भी कांग्रेस नेता हार्दिक पटेल की हाईकोर्ट में दायर याचिका का विरोध किया था।सरकार ने तस्वीरों के रूप में मौजूद साक्ष्यों और दस्तावेज पेश किए, जिससे यह सिद्ध होता है कि घटना के दौरान वह वहां मौजूद थे। पटेल 12 मार्च को कांग्रेस में शामिल हुए थे। इसके तुरन्त बाद उन्होंने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर इस मामले में विसनगर सत्र न्यायालय द्वारा अपनी सजा पर रोक लगाने की मांग की थी और अगले महीने होने वाले लोकसभा चुनाव लड़ने का इरादा जाहिर किया था।
उधर गुजरात में कांग्रेस को झटका लग गया है। लोकसभा चुनाव 2019 के लिए तैयारियां कर रहे हार्दिक पटेल को गुजरात हाईकोर्ट से बड़ा झटका मिला है। दरअसल, हाईकोर्ट ने हार्दिक पटेल की एक दंगे के मामले में मिली सजा पर चुनाव तक रोक लगाने की मांग को खारिज कर दिया है। हाईकोर्ट के इस फैसले के बाद हाल ही में कांग्रेस में शामिल हुए हार्दिक पटेल आगामी लोकसभा चुनाव नहीं लड़ पाएंगे। गौरतलब है कि पाटीदार नेता हार्दिक पटेल ने हाईकोर्ट में विसनगर दंगा मामले में अपनी सजा पर रोक लगाने की मांग की थी।
कांग्रेस नेता हार्दिक पटेल को अदालत से झटका
कांग्रेस नेता और पाटीदार आंदोलन के अगुवा रहे हार्दिक पटेल को बड़ा झटका लगा है। इसका अर्थ ये है कि वो आगामी लोकसभा चुनाव नहीं लड़ सकेंगे। बता दें कि गुजरात हाईकोर्ट के सामने उन्होंने दो वर्ष की मिली सजा पर रोक लगाने की मांग की थी।
Gujarat High court rejects Congress leader Hardik Patel's plea seeking suspension of his conviction in a rioting case of 2015 in Mehsana. As per the Representation of the People Act, 1951, Hardik Patel won't be able to contest the upcoming Lok Sabha Election due to his conviction
मामला 25 वर्षीय नेता के नेतृत्व में किए पाटीदार कोटा आंदोलन से जुड़ा है। नियमों के तहत यदि हाईकोर्ट द्वारा उनकी सजा पर रोक लगा दी जाती तो उन्हें लोकसभा चुनाव लड़ने दिया जा सकता था।हाईकोर्ट में विसनगर, पुलिस उपाधीक्षक मुकेश व्यास ने एक अन्य हलफनामे के साथ अतिरिक्त सामग्री वाले कुछ दस्तावेज जमा कराए। इसमें वे तस्वीरें भी शामिल हैं जिसमें हार्दिक पटेल घटना के समय मौके पर नजर आ रहे हैं।
हार्दिक पटेल ने सौराष्ट्र की जामनगर लोकसभा सीट से कांग्रेस के टिकट पर आम चुनाव लड़ने की इच्छा जाहिर की थी। पटेल 12 मार्च को कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की उपस्थिति में कांग्रेस में शामिल हुए थे।वहीं, पाटीदार आरक्षण आंदोलन का गढ़ माने जाने वाले मेहसाणा में पाटीदार समाज पटेल के कांग्रेस में शामिल होने को लेकर आक्रोशित है। समाज का कहना है कि हार्दिक पटेल ने पूरे पाटीदार समाज के साथ धोखा किया है।
गुजरात सरकार ने भी कांग्रेस नेता हार्दिक पटेल की हाईकोर्ट में दायर याचिका का विरोध किया था।सरकार ने तस्वीरों के रूप में मौजूद साक्ष्यों और दस्तावेज पेश किए, जिससे यह सिद्ध होता है कि घटना के दौरान वह वहां मौजूद थे। पटेल 12 मार्च को कांग्रेस में शामिल हुए थे। इसके तुरन्त बाद उन्होंने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर इस मामले में विसनगर सत्र न्यायालय द्वारा अपनी सजा पर रोक लगाने की मांग की थी और अगले महीने होने वाले लोकसभा चुनाव लड़ने का इरादा जाहिर किया था।
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