प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का विरोध करने उनके किसी भी विरोधी के पास कोई ऐसा मुद्दा नहीं, जिससे मतदाता विचलित होकर मोदी यानि भारतीय जनता पार्टी के विरुद्ध अपना मत दे सके। लेकिन मोदी विरोध ने लगता है समस्त मोदी विरोधियों के दिलो-दिमाग में दीमक लग गयी है। जिसका प्रमाण असदुद्दीन ओवैसी के भाषण से मिलता है। जबकि ओवैसी को इतनी हल्की बात नहीं बोलनी थी, क्योकि उन्होंने अपने संसदीय क्षेत्र में ऐसे काम किये हैं, जिनकी वजह से उनको हराना असम्भव है। अपने हैदराबाद प्रवास के दौरान उनके जनहित कार्यों को बहुत निकट से देखा है, बेशक वह काम अधिकाँश मुस्लिम समाज के हित में हैं, लेकिन काम ही काम ही होता है। उनके कामों को देख एवं सुनकर दिल करता था कि हर सांसद ही नहीं बल्कि किसी भी सदन के लिए निर्वाचित सदस्य को भी इसी भाँति जनहित में काम क्यों नहीं करते?
ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने मार्च 23 को पुलवामा आतंकी हमले को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला बोला, और पूछा कि जबकि हमला हुआ तब क्या प्रधानमंत्री ने बीफ बिरयानी खा ली और सो गए थे? ओवैसी ने कहा, 'भारतीय वायु सेना ने बालाकोट में बम गिराए। इस पर भाजपा प्रमुख अमित शाह ने कहा कि 250 आतंकवादी मारे गए और गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि एनटीआरपी ने 300 सेल फोन टैप किए।'
ओवैसी ने मार्च 23 को एक बैठक को संबोधित करते हुए कहा, 'आप देख सकते हैं कि बालाकोट में 300 सेल फोन थे, लेकिन आप यह देखने में विफल रहे कि 50 किलो आरडीएक्स को पुलवामा में आपकी नाक के नीचे कैसे ले जाया गया?'
उन्होंने कहा, 'मैं पीएम मोदी और राजनाथ सिंह से पूछना चाहता हूं कि क्या उन्होंने बीफ बिरयानी खाई और सो गए?'
असदुद्दीन ओवैसी हैदराबाद से आगामी लोकसभा चुनाव लड़ेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि उनकी लड़ाई उन ताकतों के खिलाफ है जो देश में धर्मनिरपेक्षता और भाईचारे को खत्म करने की कोशिश कर रहे हैं।
एमआईएम नेता हैदराबाद से लगातार चौथी बार चुनाव लड़ रहे हैं। यह संसदीय सीट लगभग तीन दशकों से एमआईएम का गढ़ है। उनके पिता सुल्तान सलाहुद्दीन ओवैसी भी इस संसदीय सीट का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं और वह यहां से लगातार छह बार (1984-2004) निर्वाचित हुए थे।
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