पाकिस्तान के बाद अब चीन का MFN दर्जा समाप्त करने का दबाव

RSS economic wing SJM urges PM Narendra Modi to withdraw 'most favoured nation' status of China
आर.बी.एल.निगम, वरिष्ठ पत्रकार 
मसूद अजहर को वैश्विक आतंकी घोषित करने में अडंगा लगाने के बाद चीन के खिलाफ पूरे देश में रोष बना हुआ है। पूरा देश में सरकार से चीन के खिलाफ आक्रामक कार्रवाई करने की मांग कर रहा है। इस बीच राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की आर्थिक शाखा स्वदेशी जागरण मंच ने भी मोदी सरकार से चीन का मोस्ट फेवर्ड नेशन (MFN) का दर्जा समाप्त करने की मांग की है।
ज्ञात हो, अभी कुछ वर्ष पूर्व स्वदेशी जागरण मंच द्वारा चीन उत्पादनों के बहिष्कार का अभियान चलाया था, जगह-जगह नुक्कड़ सभाएँ कर चीन उत्पादनों से भारतीय व्यवसाय को हो रहे नुकसान से अवगत कराने का सफल प्रयास किया था। जिससे चीन को आर्थिक संकट गहराने लगा था। लेकिन किन्ही कारणों से उस अभियान में शिथिलता आते ही भारत में पुनः चीनी उत्पादनों की भरमार हो गयी। भारत से लाभ कमाकर ये पाकिस्तान का समर्थन कर विश्व के आतंकवाद के विरुद्ध प्रहारों का विरोध कर रहा है। 
स्वदेशी जागरण मंच की नुक्कड़ सभा 
चीनी सामान के आयात पर बढ़ाया जाए टैरिफ
SJM के अखिल भारतीय सह संयोजक अश्विनी महाजन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर चीन का MFN दर्जा समाप्त करने की मांग की है। पत्र में महाजन  RSS के सर्वे का हवाला देते हुए कहा है कि चीन से आयात होने वाले सामानों पर भारत में बेहद कम टैरिफ लगता है। अब चीन को सबक सिखाने के लिए आयातित सामान पर टैरिफ को तत्काल बढ़ाया जाना चाहिए। महाजन ने कहा है कि चीन से भारत को 76 अरब डॉलर करीब 5.27 लाख डॉलर का सामान भेजा जाता है। जबकि भारत से चीन भेजे जाने वाले सामान की मात्रा काफी कम है। इससे भारत को काफी व्यापार घाटा होता है। 
चीन पर कार्रवाई को लेकर सरकार पर काफी दबाव
संयुक्त राष्ट्र में मसूद को बचाने के लिए पाकिस्तान का साथ देने के बाद भारत सरकार पर चीन के खिलाफ कार्रवाई को लेकर काफी दबाव बना हुआ है। कई संगठनों का कहना है कि भारत को चीन के खिलाफ कुछ कड़े आर्थिक कदम जरूर उठाने चाहिए। कुछ जानकारों का कहना है कि भारत को सबसे पहले चीन से आने वाले सामान पर आयात शुल्क बढ़ाना चाहिए।
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अमेरिका पहले ही बढ़ा चुका है टैरिफ
अमेरिका और चीन के बीच काफी समय से तनाव चल रहा है। अमेरिका चीन की एकपक्षीय कारोबार नीतियों का विरोध कर रहा है। इसको लेकर अमेरिका चीन से आयात होने वाले सामानों पर टैरिफ शुल्क को बढ़ा चुका है। जानकारों का कहना है कि चीन को सबक सिखाने के लिए भारत को भी अमेरिका जैसा टैरिफ बढ़ाने वाला कदम उठाना चाहिए। आपको बता दें कि मसूद अजहर मामले के बाद अमेरिका खुलकर भारत के समर्थन में आ गया है और आतंक के खिलाफ कार्रवाई के लिए दूसरे कड़े कदम उठाने की बात कही है।

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