आर.बी.एल.निगम, वरिष्ठ पत्रकार
पूर्व क्रिकेट खिलाड़ी और पंजाब के मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू ने यहां अप्रैल 16 को एक चुनावी सभा में मुस्लिम समुदाय को एकजुट होकर मतदान करने की अपील की। उन्होंने कहा, 'मुसलमान अगर एकजुट होकर वोट करेंगे तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सलट जाएगा। इस बार के चुनाव में ऐसा छक्का मारो को मोदी बाउंड्री के पार चला जाए।'
कटिहार संसदीय क्षेत्र के बारसोई प्रखंड में एक चुनावी जनसभा में सिद्धू ने केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कांग्रेस प्रत्याशी तारिक अनवर के समर्थन में हुई जनसभा में कहा, 'आप यहां अल्पसंख्यक होकर भी बहुसंख्यक हो। आप अगर एकजुटता दिखाएंगे तो आप के प्रत्याशी तारिक अनवर को कोई भी नहीं हरा सकता।'
सिद्धू ने कहा, 'आप यहां 64 प्रतिशत की आबादी हो। यहां के मुसलमान हमारी पगड़ी हैं। आप पंजाब भी काम करने जाते हो, अगर आपको कोई दिक्कत हो तो मुझे याद करना, मैं पंजाब का मंत्री हूं, वहां भी आपका साथ दूंगा।' सिद्धू ने प्रधानमंत्री पर झूठ बोलने का आरोप लगाते हुए कहा, 'यहां जात-पात की राजनीति हो रही है। बांटने की राजनीति हो रही।'
कभी बीजेपी के सांसद रहे सिद्धू ने लोगों को बीजेपी से सावधान रहने की अपील करते हुए कहा, 'बीजेपी के लोग यहां आकर आपके वोट को बांटने की कोशिश करेंगे। अगर आप इकट्ठे रहे तो कांग्रेस को कोई नहीं हरा सकता।'
चुनाव आयोग में भी मचा हडकंपन
जिस तरह आतंकवाद को उसी की भाषा में भारत द्वारा एयर स्ट्राइक और बालाकोट करने पर पाकिस्तान और भारत में छद्दम धर्म-निरपेक्षों में हड़कंप मचा हुआ है, उसी भाँति मुस्लिम क्षेत्रों में जनसंघ वर्तमान भाजपा के विरुद्ध डर दिखाकर चुनाव जीते जाते थे, लेकिन कभी भाजपा ने पलटवार करने का प्रयास ही नहीं करने के कारण चुनाव आयोग भी नींद में रहता था, लेकिन अब भाजपा के पलटवार ने चुनाव आयोग को नींद से जगा दिया यानि पलटवार से चुनाव आयोग में भी हड़कंप मच गया।
अवलोकन करें:-
3:33 PM - Apr 16, 2019
अपने होश से लेकर आज 2019 चुनाव तक देखता रहा हूँ कि ये छद्दम धर्म-निरपेक्ष मुस्लिम क्षेत्रों में क्या-क्या बोलते रहे हैं, लेकिन शायद तत्कालीन भाजपा शीर्ष नेतृत्व पलटवार की इजाजत नहीं देता था, जिस कारण चुनाव आयोग कभी हरकत में नहीं आया। यह आरोप नहीं, कटु सत्य है। जिसे मुस्लिम बहुल क्षेत्र में रहने वाला(हिन्दू अथवा मुस्लिम) झूठला नहीं सकता। यही कारण है कि भाजपा उम्मीदवार हिन्दू बहुल क्षेत्रों से जीत का परचम फहराता हुआ, जैसे ही मुस्लिम क्षेत्र में घुसता है, अपनी जमानत तक नहीं बचा पाता। वैसे गलती भाजपा उम्मीदवारों की भी है, कि अपनी हार को सुनिश्चित मान जीतने वाली पार्टी से समझौता कर भाजपा के विरुद्ध काम करते हैं।
इतना ही बंगाल में बांग्लादेश से लोगों को त्रिमूल कांग्रेस किस आधार पर बुला रही है?
1992 में अयोध्या काण्ड होने उपरान्त मुस्लिम क्षेत्रों में खुलेआम भाजपा के विरुद्ध जहर उगला जाता था। भाजपा द्वारा चुनाव आयोग तक को शिकायत करने का साहस नहीं था, इतना ही नहीं, भाजपा और संघ द्वारा पाले जा रहे अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ में मालपुए और 56 भोगों का आनन्द लेने वाले भाजपा के विरुद्ध वोट करने के लिए कहते हैं, जिसका मण्डल स्तर से लेकर भाजपा शीर्ष नेतृत्व तक को भी मालूम है। हालाँकि इलेक्ट्रॉनिक मीडिया तब भी था, लेकिन उस समय किसी मीडिया में भाजपा का पक्ष रखने का साहस नहीं था। आतंकवादियों को बचाने के लिए "हिन्दू आतंकवाद" और "भगवा आतंकवाद" के नाम से हिन्दू समाज को कलंकित किया जा रहा था, किसी खोजी पत्रकार ने वास्तविकता को जगजाहिर करने का साहस नहीं था। आज प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की ही कार्यशैली के ही कारण मीडिया में वास्तविकता को उजागर करने की हिम्मत कर रहे हैं।
उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने चुनाव आयोग को अपने जवाब में बिलकुल ठीक ही लिखा है कि "उन्होंने छद्दम धर्म-निरपेक्षता को उजागर किया था। उन्होंने कभी भी धर्म-जाति के नाम पर वोट नहीं माँगा था। विपक्ष जाति-धर्म के नाम पर वोट माँगता है। देश में हर नागरिक को धर्म और आस्था की स्वतन्त्रता है।" चुनाव आयोग अगर सतर्क रहते मायावती द्वारा मुस्लिम बहुल क्षेत्र में एकतरफा वोट करने की अपील करते ही तुरन्त कार्यवाही की होती कोई योगी यह नहीं कहता "यदि उनको अली पर भरोसा है तो हमें बजरंगबली पर भरोसा है..." लेकिन किसी को लेशमात्र भी उम्मीद नहीं थी कि पलटवार भी हो सकता है।
पूर्व क्रिकेट खिलाड़ी और पंजाब के मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू ने यहां अप्रैल 16 को एक चुनावी सभा में मुस्लिम समुदाय को एकजुट होकर मतदान करने की अपील की। उन्होंने कहा, 'मुसलमान अगर एकजुट होकर वोट करेंगे तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सलट जाएगा। इस बार के चुनाव में ऐसा छक्का मारो को मोदी बाउंड्री के पार चला जाए।'
कटिहार संसदीय क्षेत्र के बारसोई प्रखंड में एक चुनावी जनसभा में सिद्धू ने केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कांग्रेस प्रत्याशी तारिक अनवर के समर्थन में हुई जनसभा में कहा, 'आप यहां अल्पसंख्यक होकर भी बहुसंख्यक हो। आप अगर एकजुटता दिखाएंगे तो आप के प्रत्याशी तारिक अनवर को कोई भी नहीं हरा सकता।'
#WATCH Bihar:N Sidhu says in Katihar 'Main aapko chetavni dene aya hun Muslim bhaiyon,ye baant rahe hain apko,ye yahan Owaisi jaise logon ko la ke,ek nai party khadi kar aap logon ka vote baant ke jitna chahte hain.Agar tum log ikathe hue,ekjut hoke vote dala to Modi sulat jaega'
कभी बीजेपी के सांसद रहे सिद्धू ने लोगों को बीजेपी से सावधान रहने की अपील करते हुए कहा, 'बीजेपी के लोग यहां आकर आपके वोट को बांटने की कोशिश करेंगे। अगर आप इकट्ठे रहे तो कांग्रेस को कोई नहीं हरा सकता।'
चुनाव आयोग में भी मचा हडकंपन
जिस तरह आतंकवाद को उसी की भाषा में भारत द्वारा एयर स्ट्राइक और बालाकोट करने पर पाकिस्तान और भारत में छद्दम धर्म-निरपेक्षों में हड़कंप मचा हुआ है, उसी भाँति मुस्लिम क्षेत्रों में जनसंघ वर्तमान भाजपा के विरुद्ध डर दिखाकर चुनाव जीते जाते थे, लेकिन कभी भाजपा ने पलटवार करने का प्रयास ही नहीं करने के कारण चुनाव आयोग भी नींद में रहता था, लेकिन अब भाजपा के पलटवार ने चुनाव आयोग को नींद से जगा दिया यानि पलटवार से चुनाव आयोग में भी हड़कंप मच गया।
अवलोकन करें:-
Aap kisko jod rahe the itne saal jab aap BJP mein the? Party zaroor nai hai, lekin Seemanchal ka pichdapan purana hai. Hum isko door karenge inshallah. I've introduced a Bill for a Seemanchal Development Council for ALL of Seemanchal: Hindu, Muslim, Dalit, Sikh [1/3]
अपने होश से लेकर आज 2019 चुनाव तक देखता रहा हूँ कि ये छद्दम धर्म-निरपेक्ष मुस्लिम क्षेत्रों में क्या-क्या बोलते रहे हैं, लेकिन शायद तत्कालीन भाजपा शीर्ष नेतृत्व पलटवार की इजाजत नहीं देता था, जिस कारण चुनाव आयोग कभी हरकत में नहीं आया। यह आरोप नहीं, कटु सत्य है। जिसे मुस्लिम बहुल क्षेत्र में रहने वाला(हिन्दू अथवा मुस्लिम) झूठला नहीं सकता। यही कारण है कि भाजपा उम्मीदवार हिन्दू बहुल क्षेत्रों से जीत का परचम फहराता हुआ, जैसे ही मुस्लिम क्षेत्र में घुसता है, अपनी जमानत तक नहीं बचा पाता। वैसे गलती भाजपा उम्मीदवारों की भी है, कि अपनी हार को सुनिश्चित मान जीतने वाली पार्टी से समझौता कर भाजपा के विरुद्ध काम करते हैं।
इतना ही बंगाल में बांग्लादेश से लोगों को त्रिमूल कांग्रेस किस आधार पर बुला रही है?
1992 में अयोध्या काण्ड होने उपरान्त मुस्लिम क्षेत्रों में खुलेआम भाजपा के विरुद्ध जहर उगला जाता था। भाजपा द्वारा चुनाव आयोग तक को शिकायत करने का साहस नहीं था, इतना ही नहीं, भाजपा और संघ द्वारा पाले जा रहे अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ में मालपुए और 56 भोगों का आनन्द लेने वाले भाजपा के विरुद्ध वोट करने के लिए कहते हैं, जिसका मण्डल स्तर से लेकर भाजपा शीर्ष नेतृत्व तक को भी मालूम है। हालाँकि इलेक्ट्रॉनिक मीडिया तब भी था, लेकिन उस समय किसी मीडिया में भाजपा का पक्ष रखने का साहस नहीं था। आतंकवादियों को बचाने के लिए "हिन्दू आतंकवाद" और "भगवा आतंकवाद" के नाम से हिन्दू समाज को कलंकित किया जा रहा था, किसी खोजी पत्रकार ने वास्तविकता को जगजाहिर करने का साहस नहीं था। आज प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की ही कार्यशैली के ही कारण मीडिया में वास्तविकता को उजागर करने की हिम्मत कर रहे हैं।
उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने चुनाव आयोग को अपने जवाब में बिलकुल ठीक ही लिखा है कि "उन्होंने छद्दम धर्म-निरपेक्षता को उजागर किया था। उन्होंने कभी भी धर्म-जाति के नाम पर वोट नहीं माँगा था। विपक्ष जाति-धर्म के नाम पर वोट माँगता है। देश में हर नागरिक को धर्म और आस्था की स्वतन्त्रता है।" चुनाव आयोग अगर सतर्क रहते मायावती द्वारा मुस्लिम बहुल क्षेत्र में एकतरफा वोट करने की अपील करते ही तुरन्त कार्यवाही की होती कोई योगी यह नहीं कहता "यदि उनको अली पर भरोसा है तो हमें बजरंगबली पर भरोसा है..." लेकिन किसी को लेशमात्र भी उम्मीद नहीं थी कि पलटवार भी हो सकता है।
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