आर.बी.एल.निगम, वरिष्ठ पत्रकार
एक तरफ मोदी सरकार ने आतंकियों पर शिकंजा कसा हुआ है, तो दूसरी तरफ आतंकवाद समर्थक आतंकियों को "साहब" कहकर सम्बोधित कर रहे हैं। देश के प्रधानमंत्री को अपमानित करने का कोई मौका नहीं छोड़ रहे, विपरीत इसके आतंकियों को सम्मान देने से प्रमाणित होता है कि देश में आतंकवाद फ़ैलाने में इन्ही जैसे जयचन्दों का हाथ है। किसी भी सदन के सदस्य बनने पर शपथ भारतीय संविधान की लेते हैं, परन्तु काम देश के दुश्मनों के लिए करते हैं।
बिहार में फिर एक राजनेता ने विवादित बयान दिया है। किशनगंज में एक जनसभा के दौरान राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के बायसी से विधायक हाजी सुभान ने आतंकी सगठन जैश-ए-मोहम्मद’ के सरगना मसूद अजहर को ‘साहब’ कह डाला। घटना के दौरान राजद नेता व विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव मंच पर मौजूद थे। अब इस घटना पर सियासत गर्म हो गई है। जनता दल यूनाइटेड (जदयू) व भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने कहा है कि आतंकियों का महिमामंडन करना राजद-कांग्रेस का संस्कार दिखाता है। किशनगंज लोकसभा सीट अल्पसंख्यक बहुल है। यहां से जदयू ने महमूद अशरफ को उम्मीदवार बनाया है। यहां दूसरे चरण में 18 अप्रैल को वाेटिंग होनी है।
विधायक ने कही ये बात
आगामी लोकसभा चुनाव के लिए प्रचार के क्रम में विवादित बयानों का सिलसिला तेज है। इस क्रम में किशनगंज में राजद की जनसभा के दौरान विधायक हाजी सुभान ने जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर को साहब कह डाला। उन्होंने कहा कि इंटनरशनल आतंकी घोषित करने को मसूद अजहर साहब को चीन ने वीटो लगाया। चीन ने वीटो लगाया कि वह आतंकवादी नहीं है और वह इंटरनशनल आतंकवादियों की लिस्ट में नहीं आया। उन्होंने आगे इसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आलोचना की। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री बार-बार पाकिस्तान की बात करते हैं, चीन के बारे में कुछ भी नहीं बोलते हैं।
बयान के विरोध में गरमाई राजनीति
विधायक के इस बयान से बिहार में राजनीति गर्म हो गई है। जदयू के प्रवक्ता अजय आलोक कहते हैं कि ऐसे लोग ही देश तोड़ने का काम करते हैं। आतंकियों का महिमा-मंडन तो कांग्रेस कर पुरानी आदत है। आतंकियों के लिए जब सोनिया गांधी रोने लगतीं हैं, जब दिग्विजय सिंह उनका महिमा मंडन करते हैं, जो बेचारे विधायक की क्या बात करें।
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष नित्यानंद राय ने कहा कि आंतकी को आदर देना तेजस्वी व उनके विधायकों का संसकार दिखाता है। घटना तेजस्वी के सामने हुई, लेकिन उन्होेंने आपत्ति तक दर्ज नहीं की।
पुलवामा हमले में जैश का था हाथविदित हो कि बीते 14 फरवरी को जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर हुए आतंकी हमले की जिम्मेदारी जैश-ए-मोहम्मद ने ही ली थी। इस आतंकी संगठन का पठानकोट व संसद समेत कई बड़े आतंकी हमलों में हाथ रहा है।
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