
आर.बी.एल.निगम, वरिष्ठ पत्रकार
बांग्लादेश के विदेश मंत्री ने चेतावनी दी है कि ब्रिटेन से भाग गई आईएसआईएस की सदस्य दुल्हन शमीमा बेगम यदि बांग्लादेश आती है तो उसे आतंकवाद का समर्थन करने के जुर्म में फांसी पर चढ़ा दिया जाएगा। मंत्री अब्दुल मोमेन ने कहा कि बेथनल ग्रीन से भागकर सीरिया चली गयी और अब सीरिया में अल होल मरूभूमि शरणार्थी शिविर में रह रही 19 वर्षीय बेगम को कड़ी से कड़ी सजा दी जाएगी, क्योंकि बांग्लादेश आतंकवाद को कतई बर्दाश्त नहीं करता है।
बेगम तीन स्कूली लड़कियों में से थी, जो 2015 में आतंकवादी संगठन से जुड़ने के लिए बेथनल ग्रीन से चली गई और मार्च में सीरिया के एक शरणार्थी शिविर में नजर आईं. ब्रिटेन के गृह मंत्री साजिद जाविद ने बेगम (अब 19 साल की) की ब्रिटिश नागरिकता फरवरी में छीन ली। मोमेन ने ब्रिटिश आईटीवी न्यूज से कहा, ‘हमारा शमीमा बेगम से कोई लेना-देना नहीं है। वह बांग्लादेशी नागरिक नहीं है। उसने कभी बांग्लादेश की नागरिकता के लिए आवेदन नहीं दिया। वह ब्रिटेन में जन्मी और उसकी मां ब्रिटिश है।’
उन्होंने कहा, ‘यदि कोई आतंकवाद में संलिप्त पाया जाता है तो हमारे यहां सीधा नियम है, मृत्युदंड। कुछ और नहीं। उसे जेल में डाला जाएगा और तत्काल उसे फांसी पर चढ़ा दिया जाएगा।' उन्होंने कहा कि लेकिन उन्हें उदासी होगी कि यदि बेगम को बिना किसी राष्ट्रीयता के छोड़ दिया जाता है। इस्लामिक स्टेट से जुड़ने के लिए महज 15 साल की उम्र में भाग गई बेगम के बारे में माना जाता है कि वह अपने माता-पिता की विरासत के आधार पर बांग्लादेशी नागरिकता की हकदार है।
अवलोकन करें:-
जबकि भारत में कुर्सी के भूखे नेता अपने वोट बैंक को खुश करने के लिए आधी रात को कोर्ट खुलवाने वकीलों को खरीद देश की जनता और कोर्ट को गुमराह करने में व्यस्त हो जाते हैं। आतंकवादियों को बेगुनाह और बेगुनाह हिन्दू साधु-संत और साध्वियों को गुनाहगार सिद्ध करने में अपनी शान समझते हैं। श्रीलंका में 12 आतंकवादियों को फाँसी लगा दी जाती है, किसी ने सरकार का विरोध नहीं किया। भारत में कुर्सी के भूखे नेता वास्तविकता से लड़ने के लिए क्या विदेशी नेताओं से शिक्षा लेने का कष्ट करेंगे?
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