हैदराबाद से आर.बी.एल.निगम
आंध्र प्रदेश के विधानसभा चुनावों में एतिहासिक जीत दर्ज करने वाले जगन मोहन रेड्डी ने सत्ता में बिल्कुल अनोखा फार्मूला पेश किया है। वाईएसआर कांग्रेस की कैबिनेट में 5 डिप्टी सीएम होंगे। भारत के सियासी इतिहास में संभवत: ऐसा पहली बार ही होगा जब कि सरकार में 5 उपमुख्यमंत्री होंगे। जगन मोहन रेड्डी की कैबिनेट में 25 सदस्य होंगे जिनमें 5 उपमुख्यमंत्री शामिल होंगे। जगन मोहन ने 5 डिप्टी सीएम का फार्मूला राज्य में सभी वर्गों और जातियों संतुलन के लिए किया है। इन पांचों में एक अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, पिछड़ा वर्ग, अल्पसंख्यक और कापू समुदाय से होगा।
आशंका यह भी व्यक्त की जा रही हैं कि प्रचंड बहुमत मिलने के बाद भी इन्हे सरकार के गिरने का खतरा है। और उसका कारण बता जा रहा है कि जैसे-जैसे पूर्व मुख्यमंत्री चन्द्रबाबू नायडू के खिलाफ घोटालों का पटाक्षेप होने का श्रीगणेश होगा, तो उन्हें उजागर होने के पूर्व कहीं खरीद-फरोक कर बाबू उनकी सरकार को धराशाही कर दें। स्मरण हो, 1977 चुनावों में बहुमत मिली जनता पार्टी को किस तरह संघ की दोहरी सदस्यता मुद्दे पर सरकार गिरा दी गयी थी।
एक लंबे संघर्ष के बाद सत्ता पर काबिज हुए जगन मोहन रेड्डी ने अपने कैबिनेट में कमजोर वर्ग को तरजीह दी जाएगी। उन्होंने कहा कि मिड टर्म में सरकार के काम काज को देखने के बाद इसकी समीक्षा की जाएगी और जरूरत पड़ने पर इसमें बदलाव भी किए जाएंगे।
पूर्व चंद्रबाबू नायडू सरकार में दो उपमुख्यमंत्री शामिल थे। बता दें कि वाईएसआर कांग्रेस प्रमुख जगनमोहन रेड्डी ने गुरुवार (30 मई) को आंध्रप्रदेश के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। उन्होंने अपने कार्यालय में पहले दिन वृद्धावस्था पेंशन बढ़ाने का आदेश दिया था। जगन की पार्टी ने चुनाव के दौरान यह वादा किया था।आंध्र प्रदेश की सत्ता पर हाल ही में काबिज हुए जगन मोहन रेड्डी ने बड़ा फैसला लिया है।
सीएम जगन मोहन ने ऐलान किया है कि राज्य में काम करने वाली आशा कार्यकत्रियों को अब 10,000 रुपये मिलेंगे। आपको बता दें कि पहले यह राशि मात्र 3000 रुपये थी, जिसे अब तीन गुना से भी ज्यादा बढ़ा दिया गया है।
देशभर में 8 लाख से ज्यादा आशा वर्कर्स स्वास्थ्य और चिकित्सा के क्षेत्र में तैनात हैं और ग्रामीण क्षेत्रों में खासकर विशेष योगदान दे रही हैं। राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन के आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, 2017 में ही आंध्र प्रदेश में 35000 से ज्यादा आशा वर्कर्स काम कर रही थीं। ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को प्राथमिक चिकित्सा प्रदान करने, उपलब्ध सेवाओं के बारे में जानकारी देने, प्रसव के बारे में जानकारी और प्रसव के समय अस्पताल ले जाने और लोगों को जागरूक करने जैसे कार्यों के लिए आशा कार्यकत्रियों की नियुक्ति की जाती है।
राज्यपाल ईएसएल नरसिम्हन ने विजयवाड़ा में आईजीएमसी स्टेडियम में जगन (46) को पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई। जगन की पार्टी ने लोकसभा चुनाव के साथ हुए विधानसभा चुनावों में कुल 175 में से 151 सीटों पर जीत हासिल की थी।
चन्द्र बाबू नायडू की बढ़ती मुश्किलें
वाई.एस. जगन मोहन रेड्डी के नेतृत्व वाली आंध्र प्रदेश की नई सरकार ने एक मास्टर स्ट्रोक चलते हुए पिछली तेलुगू देशम पार्टी (TDP) सरकार के फैसले को पलट दिया है और केंद्रीय एजेंसियों को छापे और जांच करने की अनुमति दे दी है। इससे आने वाले दिनों में पूर्व मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू और उनके परिवार के लिए बड़ी मुसीबत खड़ी हो सकती है।
तेदेपा सरकार ने पिछले साल नवंबर में एक आदेश पारित कर सामान्य सहमति वापस ले ली थी और राज्य में जांच करने की केंद्रीय एजेंसी के अधिकार पर अंकुश लगा दिया था। सीबीआई और सभी एजेंसियों को राज्य सरकारों द्वारा सामान्य सहमति नियमित रूप से छह महीने से एक वर्ष तक की अवधि के लिए दिल्ली विशेष पुलिस प्रतिष्ठान (डीएसपीई) अधिनियम, 1946 के तहत दी जाती है।
केंद्रीय जांच ब्यूरो में उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार, एजेंसी आठ मामलों में जांच कर सकती है, जहां राज्य में 30,000 करोड़ रुपये के सौदे शामिल हैं। सूत्रों ने संकेत दिया कि पिछले साल सितंबर में आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय में एक सेवानिवृत्त न्यायाधीश के. श्रवण कुमार द्वारा एक जनहित याचिका दायर की गई थी, जिसमें कथित भ्रष्टाचार के लिए नायडू और उनके बेटे नारा लोकेश के खिलाफ सीबीआई जांच की मांग की गई थी।
सेवानिवृत्त न्यायाधीश द्वारा दायर जनहित याचिका में आरोप लगाया गया कि नायडू और लोकेश भ्रष्टाचार के मामलों में 21,000 करोड़ रुपये के निवेश के नाम पर कंपनियों के साथ फर्जी समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर करने में शामिल थे। नायडू के बेटे लोकेश ने मई 2013 में राजनीतिक में कदम रखा था। यह आरोप लगाया जाता है कि लोकेश आंध्र प्रदेश में बहुत सक्रिय थे और निवेश के नाम पर विभिन्न कंपनियों के साथ अधिकांश समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर करते थे।
वाईएसआर कांग्रेस पार्टी ने भी वर्ष 2017 में लोकेश के खिलाफ सीबीआई में शिकायत दर्ज कराई थी कि उसने आंध्र प्रदेश में 80 एकड़ में फैली सरकारी जमीन हड़प ली। सीबीआई ने शिकायत को स्वीकार कर लिया था, लेकिन पार्टी से जांच के लिए अदालत का निर्देश लेने के लिए कहा, क्योंकि विचाराधीन भूमि आंध्र प्रदेश सरकार के राजस्व विभाग की थी। यहां तक कि लोकेश की पत्नी नारा ब्राह्मणी भी 2011 में सीबीआई के शिकंजे में आ गई थी, क्योंकि एजेंसी ने एम्मार प्रॉपर्टीज में विला खरीदने के संबंध में उन्हें नोटिस भेजा था।
सूत्रों ने बताया कि नायडू की महत्वाकांक्षी पोलावरम परियोजना भी केंद्रीय एजेंसियों के दायरे में आने की संभावना है, क्योंकि परियोजना की अनुमानित लागत 16,010 करोड़ रुपये से बढ़कर 58,319.06 करोड़ रुपये हो गई है। आंध्र प्रदेश की राजधानी अमरावती का निर्माण भी निगरानी के तहत है, क्योंकि यह आरोप लगाया गया है कि शहर के निर्माण के लिए लैंड पूलिंग स्कीम के तहत लगभग 33,000 एकड़ भूमि का अधिग्रहण विभिन्न तरीकों से किया गया था। जांच एजेंसियों के सूत्रों ने कहा कि विशाखापत्तनम में भी एक लाख एकड़ से अधिक भूमि से संबंधित रिकॉर्ड गायब हो गए हैं।
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