आतंकवाद के मुद्दे पर भारत के कड़े रुख और प्रधानमंत्री मोदी की दूसरी पारी के सामने पाकिस्तान अब घुटने पर है। पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह मसूद कुरैशी ने भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर को पत्र लिखकर शांति बहाली की अपील की है। कुरैशी ने लिखा है कि उनका देश सभी मुद्दों पर भारत से वार्ता चाहता है।
पुलवामा हमले के बाद से भारत का रुख पाकिस्तान के प्रति बहुत कड़ा रहा है। हाल ही में भारत ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके पाकिस्तानी समकक्ष इमरान खान के बीच 13-14 जून को बिश्केक में होने वाले शंघाई कॉपोरेशन ऑर्गनाइजेशन (SCO) समिट के दौरान किसी भी द्विपक्षीय बातचीत की संभावना से इनकार किया है।
कुरैशी ने विदेश मंत्री का कार्यभार संभालने पर एस जयशंकर को बधाई देने के लिए यह पत्र लिखा है। पूर्व विदेश सचिव जयशंकर ने 30 मई को विदेश मंत्री के रूप में पदभार ग्रहण किया। डॉन समाचार पत्र ने राजनयिक सूत्रों के हवाले से बताया कि कुरैशी ने पत्र में जयशंकर से कहा, ‘इस्लामाबाद नयी दिल्ली के साथ सभी महत्वपूर्ण मामलों पर बातचीत करना चाहता है और इस क्षेत्र में शांति स्थापित करने के प्रयासों के लिए प्रतिबद्ध है।
पाकिस्तान को भारत से बातचीत करने से यह भी बताना होगा कि पूर्व में हुई बातचीत के बदले पाकिस्तान ने भारत क्या दिया, आतंकवाद? तत्कालीन अटल बिहारी वाजपेयी लाहौर बस सेवा लेकर गए, बदले में क्या मिला, कारगिल? क्या पाकिस्तानी फौज द्वारा कश्मीर में भेजे आतंकवादियों को वापस बुलाया है? क्या सेना की सलाह लिए बिना, पाकिस्तान कोई कदम उठाने को तैयार है? क्या पाकिस्तान अपने देश में चल रहे आतंकवादी गतिविधियों को संचालित करने वालों के विरुद्ध सख्त कार्यवाही करने को तैयार है?
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