आर.बी.एल.निगम, वरिष्ठ पत्रकार
सत्ता का नशा नेताओं पर किस कदर हावी होता है, इसका नमूना मध्य प्रदेश के इंदौर में देखने को मिला। यहां से भाजपा विधायक आकाश विजयवर्गीय ने नगर निगम के अधिकारियों पर क्रिकेट बैट से हमला बोला। आकाश विजयवर्गीय के समर्थकों ने भी अपनी स्वामी भक्ति दिखाने के लिए जमकर हाथ चलाये।
मध्यप्रदेश के इंदौर में कैलाश विजयवर्गीय के बेटे और भाजपा विधायक आकाश विजयवर्गीय द्वारा क्रिकेट के बल्ले से निगम कर्मचारी को पीटने का मामला सामने आया है। दरअसल, नगर निगम द्वारा शहर में चिन्हित किए गए 26 अति खतरनाक मकानों को तोड़ने की कार्रवाई की जा रही थी।
जून 26 को जब गंजी कंपाउंड स्थित एक मकान को तोड़ने के लिए नगर निगम की टीम पहुंची तो उनकी बहस आकाश विजयवर्गीय से हो गई। विधायक आकाश ने नगर निगम अधिकारियों और कर्मचारियों को धमकी देते हुए 10 मिनट में वहां से निकल जाने को कहा। बाद में विधायक भड़क गए और उन्होंने क्रिकेट के बल्ले से निगम कर्मचारी पर हमला कर दिया।
नगर निगम की टीम जब गंजी कंपाउंड पहुंची तो वहां रहने वाले लोगों ने टीम का विरोध करना शुरू कर दिया। साथ में उन्होंने स्थानीय विधायक आकाश को सूचना देकर मौके पर बुला लिया। आकाश के आते ही कार्यकर्ताओं ने जेसीबी की चाबी निकाल ली।
आकाश ने कर्मचारियों को 10 मिनट में वहां से निकलने की चेतावनी दी। निगम कर्मचारियों ने विधायक को समझाने का प्रयास किया। इस दौरान जमकर तू-तू मैं-मैं हुई और विवाद बढ़ गया। विधायक आकाश अपना आपा खो बैठे और क्रिकेट के बल्ले से निगम कर्मचारी की पिटाई कर दी। बड़ी मुश्किल से विधायक को शांत कराया गया।
आकाश वर्गीय गिरफ्तार
इंदौर से भारतीय जनता पार्टी के विधायक आकाश विजय वर्गीय को पुलिस ने गिरफ्तार कर दिया है। आकाश पर अतिक्रमण हटाने गए नगर निगम अधिकारियों पर बैट से हमला करने का आरोप है। इसका वीडियो वायरल होने के बाद पुलिस ने यह कार्रवाई की है। विधायक आकाश के खिलाफ एमजी रोड थाने में एफआईआर दर्ज कर ली गई है। उनके खिलाफ शासकीय कार्य में बाधा, मारपीट और बलवा की धारा 353 , 294 , 506, 147, 148 में केस दर्ज किया गया है। इसके बाद आकाश को गिरफ्तार कर लिया गया। आकाश को कोर्ट में पेश किया जाएगा। गिरफ्तारी के दौरान एमजी रोड थाने के बाद बड़ी संख्या में आकाश के समर्थक जमा हो गए थे।
मध्य प्रदेश जहाँ लोकसभा चुनावों में जनता ने मोदी पर भरोसा कर उम्मीद से अधिक अपना समर्थन क्या इसलिए दिया था कि उनके विधायक इस तरह गुंडागर्दी करेंगे तो उनकी पार्टी और अन्यों में क्या अन्तर है? क्या प्रधानमन्त्री मोदी विधायकों को सरकारी काम में बाधा डालने और मारपीट करने वाले विधायकों को पार्टी में रखेंगे या बाहर का रास्ता दिखाएंगे?
इतना ही नहीं विधायक आकाश विजयवर्गीय के समर्थकों ने भी निगम अधिकारियों के साथ मारपीट की। दरअसल, इस क्षेत्र में भारी बारिश की चेतावनी दी गई है। ऐसे में जो भी जर्जर मकान हैं और काफी पुराने घर हैं उन्हें सरकार की तरफ से खाली कराया जा रहा है ताकि किस तरह की घटना न हो। बता दें कि इससे पहले भी आकाश विजयवर्गीय अपने विवादित बयानों को लेकर चर्चा में रह चुके हैं। लोकसभा चुनाव के दौरान उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के खिलाफ आपत्तिजनक शब्दों का इस्तेमाल किया था। तब उन्होंने कहा था कि राहुल गांधी पहले तो पप्पू थे, लेकिन अब गधों के सरताज बन गए हैं। उस वक्त भी उनकी टिप्पणी पर काफी बवाल हुआ था।
‘मैंने क्या कर दिया मुझे याद नहीं’
विवाद के बाद आकाश ने कहा कि मैं बहुत गुस्से में था। मैंने क्या कर दिया मुझे नहीं पता। जनता और सरकारी कर्मचारी पूछ रहे हैं कि गुस्से में बल्ला अपने सिर पर क्यों नहीं मार लिया? आखिर नेताओं द्वारा कब तक गुंडागर्दी होती रहेगी? आखिर इस सफेदपोशी गुंडागर्दी का कब अंत होगा? यदि यही अपराध किसी नागरिक ने किया होता, कानून की क्या कार्यवाही होती? क्या समाजसेवा के नाम पर इस तरह की गुंडागर्दी होती रहेगी? निगम के अफसर ने एक महिला के साथ गाली-गलौज की और हाथ पकड़ा, जिससे मुझे गुस्सा आ गया। विवाद के बाद भाजपा कार्यकर्ताओं ने एमजी रोड थाने का घेराव किया। वहीं, दूसरी तरफ मारपीट के विरोध में नगर निगम कर्मचारियों ने काम बंद कर दिया। नगर निगम द्वारा विधायक के खिलाफ रिपोर्ट लिखवाने की तैयारी की जा रही है।
विधायक समर्थकों ने वहां खड़ी पोकलेन मशीन और नगर निगम की गाड़ी पर पथराव कर उन्हें फोड़ दिया
भवन निरीक्षण धीरेंद्र बायस का कहना है कि खाली मकान जो जर्जर था उसे तोड़ने गए थे, विधायक आकाश और उनके 8 साथियों ने की मारपीट की। इस दौरान तीन नंबर क्षेत्र से विधायक आकाश विजयवर्गीय भी वहां पहुंच गए। उन्होंने निगम अधिकारियों को धमकी देते हुए कहा कि आप 5 मिनट में यहां से नहीं गए तो आगे जो होगा इसकी जिम्मेदारी आपकी होगी, उनके साथ मौजूद लोगों ने पोकलेन की चाबी भी निकाल ली। इसके बाद निगम के अधिकारियों और विधायक के बीच जमकर विवाद हो गया और मारपीट होने लगी।
इस दौरान विधायक समर्थकों ने वहां खड़ी पोकलेन मशीन और नगर निगम की गाड़ी पर पथराव कर उन्हें फोड़ दिया। विधायक आकाश विजयवर्गीय ने निगम कर्मियों पर पैसे लेकर मकान तोड़ने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि मंत्री सज्जन सिंह वर्मा और उनका भाग इस मकान पर कब्जा करना चाहते हैं। आवेदन, निवेदन फिर दे-दना दन हमारे काम का तरीका है। अब नगर निगम में फैले भ्रष्टाचार खत्म करेंगे।
विवाद के बाद एमजी रोड थाने का घेराव
विधायक आकाश विजयवर्गीय और उनके समर्थकों द्वारा नगर निगम अधिकारियों के साथ मारपीट के बाद जमकर हंगामा खड़ा हो गया। विधायक और भाजपा कार्यकर्ता वहां से एमजी रोड थाने पर पहुंच गए। इसके बाद भाजपा विधायक रमेश मेंदोला भी थाने पहुंच गए और निगम अधिकारियों द्वारा के खिलाफ जांच करने की बात कही। घटना की सूचना जैसे ही नगर निगम दफ्तर में लगी, सभी कर्मचारियों ने काम बंद कर दिया। नगर निगम कर्मचारियों ने आज मनीष सिंह को याद किया। कहा चाटा कांड के बाद हुई कार्रवाई से कर्मचारियों का मनोबल बढ़ा था।
गृहमंत्री बोले सख्त कार्रवाई होगी
विधायक आकाश विजयवर्गीय ने जेडओ बायस के साथ पुलिस की मौजूदगी में मारपीट की। निगमायुक्त आशीष सिंह की समझाने के बाद कर्मियों ने हड़ताल की स्थगित। आयुक्त बोले जिम्मेदारों पर होगी कार्रवाई। भाजपा विधायक द्वारा निगम अधिकारियों की पिटाई मामले में गृहमंत्री बाला बच्चन ने कहा कि आकाश विजयवर्गीय के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी। घटना से भाजपा का चाल, चरित्र और चेहरा उजागर हुआ है।
भाजपा को सत्ता का नशा
उम्मीद की जा रही थी वो अपने बेटे की इस करतूत पर माफी मांगेंगे। माफी न भी मांगें तो अफसोस तो जरूर जताएंगे, लेकिन उन्होंने साबित कर दिया कि सत्ता का नशा केवल उनके बेटे ही नहीं, उनके सिर चढ़कर भी बोल रहा है। ‘न्यूज24’ के एंकर रवि ठाकुर ने जब मारपीट की घटना पर कैलाश विजयवर्गीय की प्रतिक्रिया जाननी चाही तो वह अपना आपा खो बैठे। इतना ही नहीं, उन्होंने तो रवि ठाकुर से उनकी आौकात ही पूछ ली।
दरअसल, एंकर रवि ठाकुर ने फोन पर कैलाश विजयवर्गीय से संपर्क करके जानना चाहा कि वो अपने बेटे की करतूत पर क्या सोचते हैं। रवि ठाकुर ने पूछा,‘ये कौन से विधायक होते हैं तो कानून अपने हाथ में लेते हैं, बल्ला अपने हाथ में लेते हैं। एक विधायक की जिम्मेदारी कानून व्यवस्था को कायम करने की होती है, लेकिन जब विधायक हाथ में बल्ला लेकर लोगों को मारने निकले तो....आपको अपने बेटे की निंदा करनी चाहिए।’
आप भी फैसला नहीं सुना सकते, आप कौन हैं? क्या है आपकी हैसियत, आप ऐसी बात करेंगे किसी विधायक के बारे में, अपनी औकात देखिये पहले।’--कैलाश विजयवर्गीय
यह सुनते ही कैलाश भड़क गए। उन्होंने खीजते हुए उल्टा सवाल किया, ‘आप जज हैं क्या? आप जजमेंट कर रहे हैं? जज मत बनिए।’ जब रवि ठाकुर ने कहा कि आप किसी पर बल्ला नहीं उठा सकते तो कैलाश ने जवाब में कहा कि आप भी फैसला नहीं सुना सकते, आप कौन हैं? क्या है आपकी हैसियत, आप ऐसी बात करेंगे किसी विधायक के बारे में, अपनी औकात देखिये पहले।’ इतना कहते ही कैलाश विजयवर्गीय ने फोन काट दिया।
बेटे की गुंडागर्दी पर सवाल पूछा तो न्यूज़ 24 के ऐंकर से बोले कैलाश विजयवर्गीय - “तुम्हारी औक़ात क्या है?”
विधायक बेटे की इस गुंडागर्दी पर वरिष्ठ भाजपा नेता का यह बयान दर्शाता है कि उनकी नजर में कानून और मीडिया की कोई हैसियत नहीं है। जो उनके खिलाफ आवाज उठाएगा, उसे ये लोग इसी तरह हैसियत याद दिलाएंगे।
क्या प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और भाजपा केन्द्रीय वरिष्ठ नेता संज्ञान लेगे? मारो-पीटो फिर भी निर्दोष? क्या फोटुएं झूठ बोल रही हैं?
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