धोनी 'बलिदान बैज' मामलाः धोनी की पहचान देश की पहचान है, सेना की पहचान है और यह राजनीति नहीं है। : किरन रिजिजू,खेल मंत्री

MS Dhoni Kiran Rijiju
नवनियुक्त खेल मंत्री किरन रिजिजू ने शुक्रवार(जून 7) को कहा कि भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) को महेंद्र सिंह धोनी के दस्तानों पर बने सेना के चिन्ह पर उठे विवाद पर पूर्व कप्तान के साथ खड़े रहना चाहिए। रिजिजू ने यहां संवाददाताओं से कहा, 'मुझे उम्मीद है कि बीसीसीआई इस मुद्दे को आईसीसी के पास ले जाएगी और मुद्दा सुलझा लिया जाएगा। धोनी की पहचान देश की पहचान है, सेना की पहचान है और यह राजनीति नहीं है। बीसीसीआई को धोनी के साथ खड़ा रहना चाहिए।'
रिजिजू ने साथ ही कहा कि सरकार खेल संघों के मामलों में दखल नहीं देगी। उन्होंने कहा, "मैं एक बात साफ कह देना चाहता हूं कि सरकार खेल संघों के मामले दखल नहीं देगी। बीसीसीआई या कोई और संघ, वो स्वतंत्र हैं और अपना काम स्वतंत्र रूप से कर रही हैं।" रिजिजू ने कहा कि आईसीसी से इस मुद्दे पर बात करते वक्त बीसीसीआई को भारतीय नागरिकों का ध्यान भी रखना चाहिए। 
रिजिजू ने कहा, "विश्व कप के दौरान जो मुद्दा उठा वह भारत के सम्मान की बात है। मुझे लगता है कि बीसीसीआई को अपने स्तर पर इस मुद्दे को आईसीसी के पास ले जाना चाहिए और भारतीय नागरिकों की भावना को ध्यान में रखना चाहिए।" उन्होंने कहा, "मैं चाहता हूं कि बीसीसीआई इस मुद्दे को सलीके से आईसीसी के समक्ष ले जाए और अगर जरूरी हो तो सरकार को खबर करे।" प्रशासकों की समिति (सीओए) ने आईसीसी से अपील की है कि वह धोनी को अपने दस्तानों पर सेना के चिन्ह का उपयोग करने दें।
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ICC ने ख़ारिज की BCCI की माँग 
महेंद्र सिंह धोनी विकेटकीपिंग के दस्तानों पर कृपाण वाले चिन्ह ने भारतीय क्रिकेट प्रशासकों को आईसीसी के खिलाफ लाकर खड़ा कर दिया क्योंकि बीसीसीआई ने विश्व संस्था के इसे हटाने के अनुरोध को मानने के बजाय इस स्टार खिलाड़ी द्वारा इसे लगाये रखने की अनुमति मांगी है। प्रशासकों की समिति प्रमुख विनोद राय ने कहा कि धोनी इसे लगाना जारी रख सकते हैं क्योंकि यह सेना से जुड़ा नहीं है। हालांकि विश्व संस्था ने बीसीसीआई की मांग को खारिज कर दिया है क्योंकि नियमों के अनुसार विकेटकीपर के दस्ताने पर केवल एक ही प्रायोजक का ‘लोगो’ लगाने की अनुमति दी जाती है। धोनी के मामले में वह पहले ही अपने दस्तानों पर एसजी का लोगो पहनते हैं। उन्हें इस चिन्ह को लगाये रखना ‘उपकरण प्रयोजन उल्लघंन’ होगा।
भारत के दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ शुरुआती मैच के दौरान धोनी के दस्तानों पर कृपाण वाला चिन्ह बना हुआ था जो कि सेना के प्रतीक चिन्ह जैसा लग रहा था। राय ने पीटीआई से कहा, ‘बीसीसीआई पहले ही मंजूरी के लिये आईसीसी को औपचारिक अनुरोध कर चुका है। आईसीसी के नियमों के अनुसार खिलाड़ी कोई व्यावसायिक, धार्मिक या सेना का लोगो नहीं लगा सकता है। हम सभी जानते हैं कि इस मामले में व्यावसायिक या धार्मिक जैसा कोई मामला नहीं है।’
MS Dhoniउन्होंने कहा, ‘‘और यह अर्द्धसैनिक बलों का चिन्ह भी नहीं है और इसलिए धोनी ने आईसीसी के नियमों का उल्लंघन नहीं किया है।’ उनका यह बयान आईसीसी के बीसीसीआई से किये उस अनुरोध के बाद आया है जिसमें विश्व में क्रिकेट की सर्वोच्च संस्था से धोनी को दस्ताने से चिन्ह हटाने के लिये कहने को कहा था। इस संदर्भ में उसने नियमों का हवाला दिया जो खिलाड़ियों को ‘‘राजनीतिक, धार्मिक या जातीय गतिविधियों या किसी उद्देश्य के लिये संदेश का प्रदर्शन करने से रोकते हैं। ’’
बीसीसीआई के आग्रह के बाद आईसीसी क्रिकेट संचालन टीम इस मसले पर विश्व कप प्रतियोगिता तकनीकी समिति के साथ इस पर चर्चा करेगी। इन दोनों के प्रमुख ज्योफ अलारडाइस हैं। 

बीसीसीआई को यह साबित करना होगा कि धोनी के दस्ताने पर बना कृपाण का चिन्ह सेना का प्रतीक नहीं है और अगर प्रतियोगिता तकनीकी समिति उससे सहमत हो जाती है तो धोनी को आगे भी उसे लगाने की अनुमति मिल जाएगी। धोनी प्रादेशिक सेना की पैराशूट रेजिमेंट के मानद लेफ्टिनेंट हैं और यह चिन्ह उनके प्रतीक चिन्ह का हिस्सा है।
राय ने आस्ट्रेलिया के खिलाफ मैच में भारतीय टीम द्वारा सीआरपीएफ जवानों को श्रृद्धांजलि देने के लिये सेना की टोपी पहनने का जिक्र करते हुए कहा, ‘‘अगर उन्हें (आईसीसी) लगता है कि तो हम इसकी अनुमति ले लेंगे जैसा हमने पहले किया था। अगर आपको याद हो हमने सेना की कैप वाले मामले में ऐसा किया था। और अगर आईसीसी के कुछ नियम हैं तो हम उनका पालन करेंगे।’ उन्होंने कहा, ‘सीओए ने धोनी से बात नहीं की है।’
राय की साथी सदस्य डायना इडुल्जी ने भी धोनी का समर्थन किया। उन्होंने कहा, ‘यह कोई मुद्दा है ही नहीं। हमने टीम से बात नहीं की है लेकिन हम धोनी का समर्थन करेंगे, बल्कि हम किसी भी भारतीय खिलाड़ी का समर्थन करेंगे।’ उन्होंने साथ ही कहा, ‘धोनी विवाद पैदा करने वाले व्यक्ति नहीं है, मुझे कोई मुद्दा नहीं दिखता। उन्होंने पहले भी विशेष कैप पहनने की अनुमति दी थी। उम्मीद करते हैं कि मैच से पहले यह सब निपट जायेगा।’ 
सीओए प्रमुख ने इस संदर्भ में कहा कि अर्द्धसैनिक बल के कृपाण वाले चिन्ह में ‘बलिदान’ शब्द लिखा है जबकि धोनी ने जो लोगो लगा रखा उस पर यह शब्द नहीं लिखा है। लेकिन अगर आईसीसी ने कड़ा रवैया अपनाया तो यह तर्क भी नहीं चल पाएगा। सीओए ने यह प्रतिक्रिया आईसीसी की आपत्ति को लेकर सोशल मीडिया पर आलोचना के बाद दी है। 

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