‘मन की बात’ कार्यक्रम ने मुझे देश के हर कोने में रहने वाले आम जन से जोड़ा है: प्रधानमंत्री मोदी

मन की बात
आर.बी.एल.निगम,
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लोकसभा चुनाव 2019 में मिली प्रचंड जीत के बाद पहली बार मन की बात कार्यक्रम को संबोधित कर रहे हैं। देशभर में भाजपा के बूथ स्तर कार्यालयों में पीएम मोदी के इस संबोधन का लाइव प्रसारण हो रहा है। वहीं, गृहमंत्री अमित शाह द्वारका के ककरोला स्टेडियम में इस कार्यक्रम को सुन रहे हैं।  
मोदी ने कहा, ‘एक लंबे अंतराल के बाद आपके बीच मन की बात लेकर आया हूं। जन-जन की बात, जन-मन की बात इसका हम सिलसिला जारी कर रहे हैं। चुनाव की आपाधापी में व्यस्तता तो ज्यादा थी लेकिन मन की बात का मजा ही गायब था, एक कमी महसूस कर रहा था।’
पीएम ने कहा कि जल की महत्ता को सर्वोपरि रखते हुए देश में नया जल शक्ति मंत्रालय बनाया गया है। इससे पानी से संबंधित सभी विषयों पर तेज़ी से फैसले लिए जा सकेंगे। मेरा पहला अनुरोध है – जैसे देशवासियों ने स्वच्छता को एक जन आंदोलन का रूप दे दिया। आइए, वैसे ही जल संरक्षण के लिए एक जन आंदोलन की शुरुआत करें। 
उन्होंने कहा देशवासियों से मेरा दूसरा अनुरोध है। हमारे देश में पानी के संरक्षण के लिए कई पारंपरिक तौर-तरीके सदियों से उपयोग में लाए जा रहे हैं। मैं आप सभी से, जल संरक्षण के उन पारंपरिक तरीकों को शेयर करने का आग्रह करता हूं। हमारे देश में पानी के संरक्षण के लिए कई पारंपरिक तौर-तरीके सदियों से उपयोग में लाए जा रहे हैं। मैं आप सभी से, जल संरक्षण के उन पारंपरिक तरीकों को शेयर करने का आग्रह करता हूं।
जल संरक्षण की दिशा में महत्वपूर्ण योगदान देने वाले व्यक्तियों का, स्वयं सेवी संस्थाओं का, और इस क्षेत्र में काम करने वाले हर किसी का, उनकी जो जानकारी हो, उसे आप #JanShakti4JalShakti के साथ शेयर करें ताकि उनका एक डाटाबेस बनाया जा सके।

सफल लोकसभा चुनाव के लिए सबको दिया धन्यवाद

2019 का लोकसभा का चुनाव अब तक के इतिहास में दुनिया का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक चुनाव था। आप कल्पना कर सकते हैं कि इस प्रकार के चुनाव संपन्न कराने में कितने बड़े स्तर पर संसाधनों की और मानवशक्ति की आवश्यकता हुई होगी। लाखों कर्मियों की दिन-रात की मेहनत से चुनाव संपन्न हो सका। सैन्य कर्मियों ने भी परिश्रम की पराकाष्ठा की।
मैं चुनाव आयोग को, और चुनाव प्रक्रिया से जुड़े प्रत्येक व्यक्ति को, बहुत-बहुत बधाई देता हूं और भारत के जागरूक मतदाताओं को नमन करता हूं। दुनिया में सबसे ज्यादा ऊंचाई पर स्थित मतदान केंद्र भी भारत में ही है। यह मतदान केंद्र हिमाचल प्रदेश के लाहौल-स्फिति क्षेत्र में 15000 फीट की ऊंचाई पर स्थित है।
अरुणाचल प्रदेश के एक रिमोट इलाके में, महज एक महिला मतदाता के लिए पोलिंग स्टेशन बनाया गया। आपको यह जानकार आश्चर्य होगा कि चुनाव आयोग के अधिकारियों को वहाँ पहुँचने के लिए दो-दो दिन तक यात्रा करनी पड़ी, यही तो लोकतंत्र का सच्चा सम्मान है।
उन्होंने कहा कि भारत गर्व के साथ कह सकता है कि हमारे लिए कानून नियमों से परे हमारे लोकतंत्र हमारे संस्कार है, लोकतंत्र हमारी संस्कृति है, लोकतंत्र हमारी विरासत है और उस विरासत को लेकर हम पले-बढ़े हैं। आपातकाल में हमने अनुभव किया था कि उस समय हुए चुनाव को लोग अपने लिए नहीं, अपने हित के लिए नहीं बल्कि लोकतंत्र की रक्षा के लिए आहूत किए थे।

आपातकाल को लेकर कहा यह

जब देश में आपातकाल लगाया गया तब उसका विरोध सिर्फ राजनीतिक दायरे तक सीमित नहीं रहा था, राजनेताओं तक सीमित नहीं रहा था, जेल के सलाखों तक, आन्दोलन सिमट नहीं गया था। जन-जन के दिल में एक आक्रोश था। खोए हुए लोकतंत्र की एक तड़प थी। दिन-रात जब समय पर खाना खाते हैं तब भूख क्या होती है इसका पता नहीं होता है। वैसे ही सामान्य जीवन में लोकतंत्र के अधिकारों का क्या मजा है वो तब पता चलता है जब कोई लोकतांत्रिक अधिकारों को छीन लेता है।
पिछली बार यह कार्यक्रम  24 फरवरी को प्रसारित किया गया था, जिसमें पीएम मोदी ने लोकसभा चुनावों को लेकर यह कार्यक्रम स्थगित किए जाने की घोषणा की थी। साथ ही उन्होंने सत्ता में वापसी का आश्वासन देते हुए मई के अंतिम सप्ताह से एक बार फिर कार्यक्रम शुरू करने की बात कही थी। 
अपने पहले कार्यकाल में पीएम मोदी ने 53 बार मासिक कार्यक्रम के जरिए राष्ट्र को संबोधित किया था।

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