आर.बी.एल.निगम, वरिष्ठ पत्रकार
कहावत है "भूखा मरता, क्या न करता", पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इड मरान खान पर शत-प्रतिशत सटीक बैठती है। भारत के प्रधानमन्त्री मोदी ने पाकिस्तान को ऐसा टाइट किया कि बदहाली की ओर बढ़ते पाकिस्तान के ही प्रधानमंत्री ने आखिरकार सच्चाई स्वीकार कर ली कि पाकिस्तान में आतंकवादी गतिविधियाँ 40 आतंकी संगठनों के अंतगर्त चल रही हैं। इसे मोदी कूटनीति की सबसे बड़ी जीत ही कहा जाएगा।
मोदी कूटनीति के जीत
अभी तक पाकिस्तान के किसी भी प्रधानमंत्री ने इस बात को नहीं स्वीकारा था, विपरीत इसके भारत में अपने समर्थक नेताओं के माध्यम से कभी "हिन्दू आतंकवाद" तो कभी "भगवा आतंकवाद" के नाम पर बेगुनाह हिन्दू साधु, संत और साध्वियों को गिरफ्तार किए जाने पर विश्व में ईमानदारी का चोला औढ़ घूमते रहे। जिस देश में 40 आतंकी संगठन सक्रीय हों, अंदाज़ा लगाया जा सकता है, की आतंकियों की पाकिस्तान में ही संख्या लाखों में होगी। इमरान खान ने 30 से 40 हज़ार आतंकियों की बात कर केवल आधा ही सच कबूला है।
अमेरिका दौरे पर गए प्रधानमंत्री इमरान खान ने पाकिस्तान को लेकर एक चौंकाने वाला खुलासा किया है। प्रधानमंत्री इमरान खान ने सनसनीखेज खुलासा करते हुए कहा है कि पाकिस्तान के अंदर अभी भी 30 से 40 हज़ार आतंकवादी मौजूद हैं, जो फिलहाल अफगानिस्तान और कश्मीर में आतंकी ट्रेनिंग और लड़ाई में शामिल हैं। प्रधानमंत्री इमरान खान ने यह बयान अपने तीन दिवसीय अमेरिकी प्रवास के दौरान संयुक्त राष्ट्र शांति संस्थान में कही है।
इमरान खान ने कहा कि हमारे सत्ता में आने से पहले किसी भी सरकार ने राजनैतिक इच्छाशक्ति नहीं दिखाई है। इमरान खान ने इसके बाद खुलासा किया कि, ‘ अगर आप आतंकी संगठनों की बात करेंगे तो पाकिस्तान के अंदर अभी भी 30 से 40 हजार आतंकवादी मौजूद हैं जो फिलहाल कश्मीर या अफगानिस्तान में ट्रेनिंग ले रहे है या लड़ रहे हैं।’
इमरान ने कबूला पाकिस्तान में 40 आतंकी संगठन
इससे पहले पाकिस्तानी पीएम इमरान खान ने खुलासा किया था कि पाकिस्तान में 40 आतंकी संगठन चल रहे थे। अमेरिकी सांसदों को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री इमरान खान ने खुलासा किया था कि उनके देश में 40 अलग-अलग आतंकवादी समूह पाकिस्तानी सीमाओं के भीतर काम कर रहे थे। उन्होंने कहा था कि इसकी जानकारी पहले की सरकारों ने अमेरिका को नहीं दी। इमरान खान ने साथ ही कहा कि पिछले 15 साल से पाकिस्तान, अमेरिका को गुमराह करता रहा है।
इमरान खान ने साथ ही कहा कि उनकी(पीटीआई) सरकार के सत्ता में आने से पहले, किसी भी सरकार ने आतंकवादियों को इस जमीन से उखाड़ फेंकने की ‘राजनैतिक इच्छाशक्ति’ नहीं दिखाई थी। उन्होंने पाकिस्तान की पूर्ववती सरकारों पर जमकर बोला। 2014 में पाकिस्तान के तालिबानी आतंकियों ने आर्मी पब्ल्कि स्कूल में 150 स्कूली बच्चों को मौत के घाट उतार दिया। इसके बाद सभी राजनीतिक पार्टियों ने राष्ट्रीय एक्शन प्लान पर हस्ताक्षर किए थे और हमने दृढ़ निश्चय लिया था कि पाकिस्तान के अंदर आतंकवादियों को पनपने नहीं देंगे।’
इमरान खान ने कहा कि हम पहली सरकार हैं जिन्होंने आतंकवादियों के खिलाफ एक्शन लिया है। ऐसा पहली बार हो रहा है। हमने उनके आतंकी ठिकानों को कब्जे में लिया है।
इमरान खान ने आगे कहा, ‘हम आतंकवाद के खिलाफ अमेरिकी युद्ध लड़ रहे थे। पाकिस्तान का 9/11 से कोई लेना-देना नहीं है। अल-कायदा अफगानिस्तान में था। पाकिस्तान में कोई आतंकवादी तालिबान नहीं थे। लेकिन हम अमेरिकी युद्ध में शामिल हो गए। दुर्भाग्य से, जब चीजें गलत हुईं, जहां मैं अपनी सरकार को दोषी मानता हूं, हमने अमेरिका को को सच्चाई नहीं बताई।उन्होंने कहा, ‘इसकी वजह यह थी कि हमारी सरकारें नियंत्रण में नहीं थीं। पाकिस्तान में 40 अलग-अलग आतंकवादी समूह चल रहे थे।
‘पुलवामा’ पर इमरान खान का झूठ
एक तरफ पाकिस्तान में 40 आतंकियों से सक्रिय होने की बात इमरान खान ने कबूली है तो वहीं पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने पुलवामा को लेकर सफेद झूठ बोला है। इमरान खान ने कहा है कि पुलवामा हमले को कश्मीर के स्थानीय लड़के ने अंजाम दिया था। इससे पाकिस्तान का कोई लेना देना नहीं है।
मसूद अजहर के आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने इस हमले की जिम्मेदारी ली थी लेकिन इमरान ने इसको लेकर भी गलत बयान दिया है। इमरान ने कहा कि भारत में सक्रिय जैश-ए-मोहम्मद ने इस हमले की जिम्मेदारी ली थी।पुलवामा आतंकी हमला। इस हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए थे।
एक बड़ी कूटनीतिक जीत के तौर पर अंतरराष्ट्रीय मोर्चे पर भारतीय प्रयासों को हाल ही में सफलता मिली थी जब पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद (जेएम) के प्रमुख मसूद अजहर को संयुक्त राष्ट्र परिषद द्वारा वैश्विक आतंकवादी के रूप में ब्लैक लिस्ट किया गया था।
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कहावत है "भूखा मरता, क्या न करता", पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इड मरान खान पर शत-प्रतिशत सटीक बैठती है। भारत के प्रधानमन्त्री मोदी ने पाकिस्तान को ऐसा टाइट किया कि बदहाली की ओर बढ़ते पाकिस्तान के ही प्रधानमंत्री ने आखिरकार सच्चाई स्वीकार कर ली कि पाकिस्तान में आतंकवादी गतिविधियाँ 40 आतंकी संगठनों के अंतगर्त चल रही हैं। इसे मोदी कूटनीति की सबसे बड़ी जीत ही कहा जाएगा।
मोदी कूटनीति के जीत
अभी तक पाकिस्तान के किसी भी प्रधानमंत्री ने इस बात को नहीं स्वीकारा था, विपरीत इसके भारत में अपने समर्थक नेताओं के माध्यम से कभी "हिन्दू आतंकवाद" तो कभी "भगवा आतंकवाद" के नाम पर बेगुनाह हिन्दू साधु, संत और साध्वियों को गिरफ्तार किए जाने पर विश्व में ईमानदारी का चोला औढ़ घूमते रहे। जिस देश में 40 आतंकी संगठन सक्रीय हों, अंदाज़ा लगाया जा सकता है, की आतंकियों की पाकिस्तान में ही संख्या लाखों में होगी। इमरान खान ने 30 से 40 हज़ार आतंकियों की बात कर केवल आधा ही सच कबूला है।
अमेरिका दौरे पर गए प्रधानमंत्री इमरान खान ने पाकिस्तान को लेकर एक चौंकाने वाला खुलासा किया है। प्रधानमंत्री इमरान खान ने सनसनीखेज खुलासा करते हुए कहा है कि पाकिस्तान के अंदर अभी भी 30 से 40 हज़ार आतंकवादी मौजूद हैं, जो फिलहाल अफगानिस्तान और कश्मीर में आतंकी ट्रेनिंग और लड़ाई में शामिल हैं। प्रधानमंत्री इमरान खान ने यह बयान अपने तीन दिवसीय अमेरिकी प्रवास के दौरान संयुक्त राष्ट्र शांति संस्थान में कही है।
इमरान खान ने कहा कि हमारे सत्ता में आने से पहले किसी भी सरकार ने राजनैतिक इच्छाशक्ति नहीं दिखाई है। इमरान खान ने इसके बाद खुलासा किया कि, ‘ अगर आप आतंकी संगठनों की बात करेंगे तो पाकिस्तान के अंदर अभी भी 30 से 40 हजार आतंकवादी मौजूद हैं जो फिलहाल कश्मीर या अफगानिस्तान में ट्रेनिंग ले रहे है या लड़ रहे हैं।’
इमरान ने कबूला पाकिस्तान में 40 आतंकी संगठन
इससे पहले पाकिस्तानी पीएम इमरान खान ने खुलासा किया था कि पाकिस्तान में 40 आतंकी संगठन चल रहे थे। अमेरिकी सांसदों को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री इमरान खान ने खुलासा किया था कि उनके देश में 40 अलग-अलग आतंकवादी समूह पाकिस्तानी सीमाओं के भीतर काम कर रहे थे। उन्होंने कहा था कि इसकी जानकारी पहले की सरकारों ने अमेरिका को नहीं दी। इमरान खान ने साथ ही कहा कि पिछले 15 साल से पाकिस्तान, अमेरिका को गुमराह करता रहा है।
इमरान खान ने साथ ही कहा कि उनकी(पीटीआई) सरकार के सत्ता में आने से पहले, किसी भी सरकार ने आतंकवादियों को इस जमीन से उखाड़ फेंकने की ‘राजनैतिक इच्छाशक्ति’ नहीं दिखाई थी। उन्होंने पाकिस्तान की पूर्ववती सरकारों पर जमकर बोला। 2014 में पाकिस्तान के तालिबानी आतंकियों ने आर्मी पब्ल्कि स्कूल में 150 स्कूली बच्चों को मौत के घाट उतार दिया। इसके बाद सभी राजनीतिक पार्टियों ने राष्ट्रीय एक्शन प्लान पर हस्ताक्षर किए थे और हमने दृढ़ निश्चय लिया था कि पाकिस्तान के अंदर आतंकवादियों को पनपने नहीं देंगे।’
इमरान खान ने कहा कि हम पहली सरकार हैं जिन्होंने आतंकवादियों के खिलाफ एक्शन लिया है। ऐसा पहली बार हो रहा है। हमने उनके आतंकी ठिकानों को कब्जे में लिया है।
इमरान खान ने आगे कहा, ‘हम आतंकवाद के खिलाफ अमेरिकी युद्ध लड़ रहे थे। पाकिस्तान का 9/11 से कोई लेना-देना नहीं है। अल-कायदा अफगानिस्तान में था। पाकिस्तान में कोई आतंकवादी तालिबान नहीं थे। लेकिन हम अमेरिकी युद्ध में शामिल हो गए। दुर्भाग्य से, जब चीजें गलत हुईं, जहां मैं अपनी सरकार को दोषी मानता हूं, हमने अमेरिका को को सच्चाई नहीं बताई।उन्होंने कहा, ‘इसकी वजह यह थी कि हमारी सरकारें नियंत्रण में नहीं थीं। पाकिस्तान में 40 अलग-अलग आतंकवादी समूह चल रहे थे।
‘पुलवामा’ पर इमरान खान का झूठ
एक तरफ पाकिस्तान में 40 आतंकियों से सक्रिय होने की बात इमरान खान ने कबूली है तो वहीं पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने पुलवामा को लेकर सफेद झूठ बोला है। इमरान खान ने कहा है कि पुलवामा हमले को कश्मीर के स्थानीय लड़के ने अंजाम दिया था। इससे पाकिस्तान का कोई लेना देना नहीं है।
मसूद अजहर के आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने इस हमले की जिम्मेदारी ली थी लेकिन इमरान ने इसको लेकर भी गलत बयान दिया है। इमरान ने कहा कि भारत में सक्रिय जैश-ए-मोहम्मद ने इस हमले की जिम्मेदारी ली थी।पुलवामा आतंकी हमला। इस हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए थे।
एक बड़ी कूटनीतिक जीत के तौर पर अंतरराष्ट्रीय मोर्चे पर भारतीय प्रयासों को हाल ही में सफलता मिली थी जब पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद (जेएम) के प्रमुख मसूद अजहर को संयुक्त राष्ट्र परिषद द्वारा वैश्विक आतंकवादी के रूप में ब्लैक लिस्ट किया गया था।
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