अपनी पहली आधिकारिक यात्रा पर अमेरिका गए पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान
ने कहा कि वह परमाणु हथियारों को छोड़ने के लिए तैयार है। फॉक्स न्यूज को
दिए गए इंटरव्यू में इमरान खान ने कहा कि पाकिस्तान परमाणु शक्तियों को
छोड़ने के लिए तैयार है, लेकिन उसके लिए उन्होंने एक शर्त भी रखी।इमरान
खान ने कहा कि अगर भारत परमाणु हथियार छोड़ने का वादा करेगा, तभी पाकिस्तान भी ऐसा करने के लिए तैयार होगा।
इमरान खान भूल गए कि उन्ही के भूतपूर्व राष्ट्रपति जनरल परवेज़ मुशर्रफ जो कहते थे कि "पाकिस्तान ने न्यूक्लियर शब्बेरात के लिए नहीं बनाए", वही मुशर्रफ वर्तमान मोदी की कार्यवाही देख अपनी ही कही बात को यह कहकर झूठला देते हैं कि "यदि भारत पर एक न्यूक्लियर फेंका वो दस फेंक देगा।"
इमरान खान ने जुलाई 23 को कहा कि जब अमेरिकी सुरक्षा बलों ने खतरनाक आतंकवादी ओसामा बिन लादेन को 2011 में पाकिस्तान के अंदर मार गिराया, तब उन्हें इस घटना से बड़ी शर्मिंदगी महसूस हुई थी।यूएस इंस्टीट्यूट ऑफ पीस (यूएसआईपी) में अपने संबोधन के दौरान इमरान ने कहा कि ओसामा बिन लादेन के मुद्दे पर अमेरिका, पाकिस्तान पर विश्वास नहीं करता था। खान ने कहा, 'मैं आपको बता दूं कि जब ओसामा बिन लादेन को अमेरिकी सैनिक पाकिस्तान से निकालकर ले गये, तब मुझे बड़ी शर्मिंदगी महसूस हुई थी।' एक सवाल के जवाब में खान ने कहा, 'मैंने इतनी शर्मिंदगी कभी महसूस नहीं की थी क्योंकि एक ऐसा देश जिसे हम अपना सहयोगी मानते हैं वह हम पर यकीन ही नहीं करता है।'
अमेरिका की तीन दिन की आधिकारिक यात्रा पर आये इमरान खान ने अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प से जुलाई 22 को व्हाइट हाउस में मुलाकात की थी। यह दोनों नेताओं के बीच आमने-सामने की पहली बातचीत थी. उन्होंने बैठक को बहुत सफल बताया था जिससे द्विपक्षीय संबंधों को फिर से पटरी पर लाने में मदद मिली।
इसके अलावा इमरान खान के साथ एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान ट्रंप ने दावा किया था कि भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें पाकिस्तान के साथ कश्मीर विवाद में मध्यस्थता करने के लिए कहा था।हालांकि भारत ने इसके कुछ ही घंटों बाद ट्रंप के इस दावे को खारिज कर दिया था।
दरअसल डोनाल्ड ट्रंप ने व्हाइट हाऊस में इमरान खान के साथ अपनी बैठक में कश्मीर मुद्दे पर भारत और पाकिस्तान के बीच मध्यस्थता करने का प्रस्ताव दिया था। हालांकि, भारत ने ट्रंप के प्रस्ताव को पूरी तरह से खारिज करते हुए कहा है कि नयी दिल्ली का यह रूख बरकरार है कि पाकिस्तान के साथ लंबित सभी मुद्दों पर सिर्फ द्विपक्षीय चर्चा होगी।
सामने आए लादेन के राज, अमेरिका पर 9/11 से भी बड़े हमले की तैयारी में था
परमाणु युद्ध का नहीं कोई विकल्पः खान
इंटरव्यू में जब इमरान से पूछा गया कि अगर भारत परमाणु हथियार को छोड़ने के लिए तैयार हो जाए तो क्या पाकिस्तान भी ऐसा करेगा? इमरान खान ने जवाब दिया, हां, क्योंकि परमाणु युद्ध कोई विकल्प नहीं है। भारत और पाकिस्तान के बीच परमाणु युद्ध की बात करना आत्मघाती है क्योंकि हमारी साझा सीमा 2500 मील लंबी है।
भारत-पाक सीमा पर बढ़ा तनाव
भारत और पाकिस्तान के हालातों पर बात करते हुए इमरान खान ने कहा कि इस साल फरवरी के बाद कुछ ऐसी घटनाएं हुई हैं, जिससे दोनों देशों की सीमा पर एक बार फिर तनाव बढ़ गया है। इमरान ने कहा अमेरिका दुनिया का सबसे ताकतवर देश है और वही भारत और पाकिस्तान के पाकिस्तान के बीच मध्यस्थता कर सकता है और मुद्दा केवल कश्मीर ही है। आगे इमरान ने कहा कि पिछले 70 सालों में भारत और पाकिस्तान एक सभ्य पड़ोसी की तरह नहीं रह सके हैं, जिसका एक मात्र कारण कश्मीर है।
भारत द्वारा कश्मीर मुद्दे पर प्रस्ताव ख़ारिज से चकित इमरान
कश्मीर मुद्दे के हल के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रस्ताव पर भारत की प्रतिक्रिया से वह चकित हैं। साथ ही, इमरान खान के मुताबिक इस विषय ने 70 साल से (भारतीय) उपमहाद्वीप को उलझा रखा है। दरअसल, जनवरी 2016 में पाकिस्तानी आतंकवादियों द्वारा पठानकोट स्थित भारतीय वायुसेना के एयरबेस पर किये गए आतंकी हमले के बाद भारत पाकिस्तान के साथ बातचीत नहीं कर रहा है और नयी दिल्ली यह कहता आ रहा है कि वार्ता एवं आतंकवाद साथ-साथ नहीं हो सकते। अमेरिका की तीन दिनों की यात्रा पर गए इमरान खान ने इस संबंध में ट्वीट किया है। उनके इस ट्वीट पर काफी रिएक्शन आ रहे हैं।
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने लिखा: "उपमहाद्वीप को 70 साल से उलझा कर रखने वाले कश्मीर मुद्दे के हल के लिए वार्ता की मेज पर पाक और भारत को लाने के लिए मध्यस्थता करने के राष्ट्रपति ट्रंप के प्रस्ताव पर भारत की प्रतिक्रिया से चकित हूं।" पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने अमेरिकी की अपनी पहली यात्रा की समाप्ति पर कहा, "कश्मीर की कई पीढ़ियों ने इसे (कश्मीर मुद्दे को) झेला है और वे रोजाना इसे झेल रहे हैं तथा संघर्ष का समाधान किये जाने की जरूरत है।"
इमरान खान भूल गए कि उन्ही के भूतपूर्व राष्ट्रपति जनरल परवेज़ मुशर्रफ जो कहते थे कि "पाकिस्तान ने न्यूक्लियर शब्बेरात के लिए नहीं बनाए", वही मुशर्रफ वर्तमान मोदी की कार्यवाही देख अपनी ही कही बात को यह कहकर झूठला देते हैं कि "यदि भारत पर एक न्यूक्लियर फेंका वो दस फेंक देगा।"
इमरान खान ने जुलाई 23 को कहा कि जब अमेरिकी सुरक्षा बलों ने खतरनाक आतंकवादी ओसामा बिन लादेन को 2011 में पाकिस्तान के अंदर मार गिराया, तब उन्हें इस घटना से बड़ी शर्मिंदगी महसूस हुई थी।यूएस इंस्टीट्यूट ऑफ पीस (यूएसआईपी) में अपने संबोधन के दौरान इमरान ने कहा कि ओसामा बिन लादेन के मुद्दे पर अमेरिका, पाकिस्तान पर विश्वास नहीं करता था। खान ने कहा, 'मैं आपको बता दूं कि जब ओसामा बिन लादेन को अमेरिकी सैनिक पाकिस्तान से निकालकर ले गये, तब मुझे बड़ी शर्मिंदगी महसूस हुई थी।' एक सवाल के जवाब में खान ने कहा, 'मैंने इतनी शर्मिंदगी कभी महसूस नहीं की थी क्योंकि एक ऐसा देश जिसे हम अपना सहयोगी मानते हैं वह हम पर यकीन ही नहीं करता है।'
अमेरिका की तीन दिन की आधिकारिक यात्रा पर आये इमरान खान ने अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प से जुलाई 22 को व्हाइट हाउस में मुलाकात की थी। यह दोनों नेताओं के बीच आमने-सामने की पहली बातचीत थी. उन्होंने बैठक को बहुत सफल बताया था जिससे द्विपक्षीय संबंधों को फिर से पटरी पर लाने में मदद मिली।
इसके अलावा इमरान खान के साथ एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान ट्रंप ने दावा किया था कि भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें पाकिस्तान के साथ कश्मीर विवाद में मध्यस्थता करने के लिए कहा था।हालांकि भारत ने इसके कुछ ही घंटों बाद ट्रंप के इस दावे को खारिज कर दिया था।
दरअसल डोनाल्ड ट्रंप ने व्हाइट हाऊस में इमरान खान के साथ अपनी बैठक में कश्मीर मुद्दे पर भारत और पाकिस्तान के बीच मध्यस्थता करने का प्रस्ताव दिया था। हालांकि, भारत ने ट्रंप के प्रस्ताव को पूरी तरह से खारिज करते हुए कहा है कि नयी दिल्ली का यह रूख बरकरार है कि पाकिस्तान के साथ लंबित सभी मुद्दों पर सिर्फ द्विपक्षीय चर्चा होगी।
सामने आए लादेन के राज, अमेरिका पर 9/11 से भी बड़े हमले की तैयारी में था
परमाणु युद्ध का नहीं कोई विकल्पः खान
इंटरव्यू में जब इमरान से पूछा गया कि अगर भारत परमाणु हथियार को छोड़ने के लिए तैयार हो जाए तो क्या पाकिस्तान भी ऐसा करेगा? इमरान खान ने जवाब दिया, हां, क्योंकि परमाणु युद्ध कोई विकल्प नहीं है। भारत और पाकिस्तान के बीच परमाणु युद्ध की बात करना आत्मघाती है क्योंकि हमारी साझा सीमा 2500 मील लंबी है।
भारत-पाक सीमा पर बढ़ा तनाव
भारत और पाकिस्तान के हालातों पर बात करते हुए इमरान खान ने कहा कि इस साल फरवरी के बाद कुछ ऐसी घटनाएं हुई हैं, जिससे दोनों देशों की सीमा पर एक बार फिर तनाव बढ़ गया है। इमरान ने कहा अमेरिका दुनिया का सबसे ताकतवर देश है और वही भारत और पाकिस्तान के पाकिस्तान के बीच मध्यस्थता कर सकता है और मुद्दा केवल कश्मीर ही है। आगे इमरान ने कहा कि पिछले 70 सालों में भारत और पाकिस्तान एक सभ्य पड़ोसी की तरह नहीं रह सके हैं, जिसका एक मात्र कारण कश्मीर है।
3. Surprised by reaction of India to Pres Trump's offer of mediation to bring Pak & India to dialogue table for resolving Kashmir conflict which has held subcontinent hostage for 70 yrs. Generations of Kashmiris have suffered & are suffering daily and need conflict resolution.
कश्मीर मुद्दे के हल के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रस्ताव पर भारत की प्रतिक्रिया से वह चकित हैं। साथ ही, इमरान खान के मुताबिक इस विषय ने 70 साल से (भारतीय) उपमहाद्वीप को उलझा रखा है। दरअसल, जनवरी 2016 में पाकिस्तानी आतंकवादियों द्वारा पठानकोट स्थित भारतीय वायुसेना के एयरबेस पर किये गए आतंकी हमले के बाद भारत पाकिस्तान के साथ बातचीत नहीं कर रहा है और नयी दिल्ली यह कहता आ रहा है कि वार्ता एवं आतंकवाद साथ-साथ नहीं हो सकते। अमेरिका की तीन दिनों की यात्रा पर गए इमरान खान ने इस संबंध में ट्वीट किया है। उनके इस ट्वीट पर काफी रिएक्शन आ रहे हैं।
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने लिखा: "उपमहाद्वीप को 70 साल से उलझा कर रखने वाले कश्मीर मुद्दे के हल के लिए वार्ता की मेज पर पाक और भारत को लाने के लिए मध्यस्थता करने के राष्ट्रपति ट्रंप के प्रस्ताव पर भारत की प्रतिक्रिया से चकित हूं।" पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने अमेरिकी की अपनी पहली यात्रा की समाप्ति पर कहा, "कश्मीर की कई पीढ़ियों ने इसे (कश्मीर मुद्दे को) झेला है और वे रोजाना इसे झेल रहे हैं तथा संघर्ष का समाधान किये जाने की जरूरत है।"
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