आर.बी.एल.निगम, वरिष्ठ पत्रकार
भारतीय जनता पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने साध्वी प्रज्ञा ठाकुर को शौचालय की सफाई वाले उनके बयान पर उन्हें फटकार लगाई है। सूत्रों के मुताबिक नड्डा ने उनके बयान पर नाराज़गी जताई। उन्होंने साध्वी प्रज्ञा ठाकुर से कहा है कि आगे से इस तरह के बयान न दें।
साध्वी प्रज्ञा को कोई बात कहने से पूर्व अध्यक्ष महोदय को धरातल पर आकर शौचालय की सच्चाई को जानना था। स्वच्छ भारत अभियान की वास्तविकता को परखना था। ये फेसबुक या व्हाट्सअप पर स्थानीय नेताओं के चित्र देख खुश होना छोड़िये, वास्तविकता देखिए। चुनावों में मोदी-मोदी चिल्लाने से बात नहीं बनती। सच्चाई यह है कि स्वच्छ भारत अभियान से जनता का मोह भंग होने लगा है, जानते है क्यों? जब कभी भाजपा वाले झाडू हाथ में लेकर सड़क पर आते हैं, नगर निगम सफाई कर्मचारी पहले ही सड़क की सफाई कर चुके होते हैं। जिसे जनता अपनी खुली आँखों से देखती है। नाममात्र के लिए सड़क पर हल्का-फुल्का कूड़ा छोड़ दिया जाता है।
मत करो मोदी को बदनाम
दूसरे, कई स्थानों पर शौचालयों की हालत देखी नहीं जाती, दुरूपयोग की बात छोड़िये। अब जो शौचालय बने हैं, उनका सदुपयोग हो रहा है या नहीं, यह काम किसी सांसद का नहीं, बल्कि आपके स्थानीय मंडल पदाधिकारियों का है। पार्षदों का है, विधायकों का है। "घर-घर मोदी" के नारे लगा दिए, मोदी जी खुश, उच्च पदाधिकारी खुश, लेकिन वास्तविकता एकदम विपरीत। जिसे देखो मोदी बन रहा है, सच्चाई को नकार अन्य दलों की भांति गुमराह करने में व्यस्त है। मोदी ने इतने परिश्रम से पार्टी को उठाया है, क्यों मोदी के नाम को बदनाम किया जा रहा है। वास्तविकता जानने के लिए और प्रतीक्षा करे, पता चलेगा, की पार्टी में कितने घुन लग रहे हैं।
इस समय सावन माह चल रहा है यानि वर्षा के दिन, एक घंटा बारिश होने पर सडकों पर सीवर का पानी बहने लगता है, कीजड़ हो जाती है। क्षेत्र का चाहे भाजपा से पार्षद हो अथवा किसी अन्य दल का, सब जगह यही हाल है। भाजपा अध्यक्ष, केन्द्रीय पदाधिकारी और सांसदों को चाहिए कि वह मंडल अध्यक्ष और समस्त कार्यकर्ताओं को आदेश दें कि सीवरों की नियमित सफाई होती रहे। सड़क और गलियां टूटी-फूटी न हो, उससे भी बहुत गंदगी बहुत फैलती है।
बयानों के कारण अक्सर सुर्खियों में रहने वालीं भोपाल की भाजपा सांसद प्रज्ञा ठाकुर ने जुलाई 21 को एक और बयान दिया था। जिसे विवादित कहा जा रहा है। उन्होंने कहा था कि उन्हें नालियां और शौचालयों को साफ करने के लिए सांसद नहीं चुना गया। जहां पीएम मोदी अपनी महत्वाकांक्षी स्वच्छ भारत योजना पर काम कर रहे हैं, वहीं प्रज्ञा ठाकुर का यह बयान उससे उलट दिखा। इस बयान के बाद ही सवाल उठने लगा कि क्या अब भारतीय जनता पार्टी प्रज्ञा ठाकुर के खिलाफ कार्रवाई करेगी?
प्रज्ञा ठाकुर ने बीजेपी के कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा और संगठन महामंत्री बीएल संतोष से मुलाकात की।बताया जा रहा है कि इस पर बीजेपी अपना बयान जारी कर सकती है। वहीं पार्टी प्रज्ञा ठाकुर के बायन से खुद को अलग कर सकती है।
प्रज्ञा ठाकुर का बयान इसलिए सवालों में है क्योंकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी स्वच्छ भारत अभियान के तहत देश को स्वच्छ और खुले में शौच मुक्त बनाने के लिए एक मिशन मोड पर काम करने की बात करते रहे हैं। सीहोर के सरकारी गेस्ट हाउस में स्थानीय बीजेपी विधायक सुदेश राय की मौजूदगी में पार्टी के कार्यकर्ताओं से बातचीत में ठाकुर ने कहा ''हम आपके नाले और शौचालय को साफ करने के लिए नहीं चुने गए हैं, कृपया इसे समझें. जिन कार्यों के लिए हम चुने गए हैं, उन्हें ईमानदारी से किया जाएगा।” आगे उन्होंने यह भी जोड़ा कि निर्वाचन क्षेत्र के समग्र विकास के लिए स्थानीय विधायक और नगरपालिका पार्षदों सहित स्थानीय जनप्रतिनिधियों के साथ काम करना संसद के सदस्य का कर्तव्य है।"
मुरैना कलेक्टर को
सीवर कंपनी द्वारा शहर की जीवन रेखा रोड एम एस रोड की जो दुर्गति की है वह
तो दिखी नहीं, जिसमे 1-1 फुट के गढ्डे हो रहे हैं,फिर रोड के भीतर सीवर
कंपनी ने क्या किया है ? कहां देख पाएंगी, उनका चेम्बर,उनका बंगला डीसेंट
बना हुआ है, फिर उनका कोई दोष नही है
हमारे जन प्रतिनिधि जो जनता के वोट से चुन कर आये हैं वे इन्ही सड़कों पर चल
रहे हैं, पूरा शहर फूटा पड़ा है किसी को नही दिख रहा, पर आप अखवार चला रहे
हैं सच्चाई छापो, ये जो आप छाप रहे हो वो सच्चाई के विरुद्ध है, सर्व
सम्बंधित क्षमा करेंगे मुझे तो ऐसा लगता है सीवर कंपनी ने चांदी की चम्मचें
मुह में रख दी है।
केंद्र सरकार के महत्वाकांक्षी मिशन 'स्वच्छ भारत अभियान' के तहत हर घर में शौचालय बनाए जा रहे हैं, लेकिन मध्यप्रदेश के शिवपुरी जिले में शौचालय का उपयोग ऐसे काम के लिए हो रहा है कि सुनने वाला कोई भी व्यक्ति हैरत में पड़े बिना न रहेगा। यहां आंगनवाड़ी के बच्चों के लिए भोजन शौचालय में पकता है। क्या शौचालय खाना पकाने के लिए बनाए हैं?
भारतीय जनता पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने साध्वी प्रज्ञा ठाकुर को शौचालय की सफाई वाले उनके बयान पर उन्हें फटकार लगाई है। सूत्रों के मुताबिक नड्डा ने उनके बयान पर नाराज़गी जताई। उन्होंने साध्वी प्रज्ञा ठाकुर से कहा है कि आगे से इस तरह के बयान न दें।
साध्वी प्रज्ञा को कोई बात कहने से पूर्व अध्यक्ष महोदय को धरातल पर आकर शौचालय की सच्चाई को जानना था। स्वच्छ भारत अभियान की वास्तविकता को परखना था। ये फेसबुक या व्हाट्सअप पर स्थानीय नेताओं के चित्र देख खुश होना छोड़िये, वास्तविकता देखिए। चुनावों में मोदी-मोदी चिल्लाने से बात नहीं बनती। सच्चाई यह है कि स्वच्छ भारत अभियान से जनता का मोह भंग होने लगा है, जानते है क्यों? जब कभी भाजपा वाले झाडू हाथ में लेकर सड़क पर आते हैं, नगर निगम सफाई कर्मचारी पहले ही सड़क की सफाई कर चुके होते हैं। जिसे जनता अपनी खुली आँखों से देखती है। नाममात्र के लिए सड़क पर हल्का-फुल्का कूड़ा छोड़ दिया जाता है।
मत करो मोदी को बदनाम
दूसरे, कई स्थानों पर शौचालयों की हालत देखी नहीं जाती, दुरूपयोग की बात छोड़िये। अब जो शौचालय बने हैं, उनका सदुपयोग हो रहा है या नहीं, यह काम किसी सांसद का नहीं, बल्कि आपके स्थानीय मंडल पदाधिकारियों का है। पार्षदों का है, विधायकों का है। "घर-घर मोदी" के नारे लगा दिए, मोदी जी खुश, उच्च पदाधिकारी खुश, लेकिन वास्तविकता एकदम विपरीत। जिसे देखो मोदी बन रहा है, सच्चाई को नकार अन्य दलों की भांति गुमराह करने में व्यस्त है। मोदी ने इतने परिश्रम से पार्टी को उठाया है, क्यों मोदी के नाम को बदनाम किया जा रहा है। वास्तविकता जानने के लिए और प्रतीक्षा करे, पता चलेगा, की पार्टी में कितने घुन लग रहे हैं।
इस समय सावन माह चल रहा है यानि वर्षा के दिन, एक घंटा बारिश होने पर सडकों पर सीवर का पानी बहने लगता है, कीजड़ हो जाती है। क्षेत्र का चाहे भाजपा से पार्षद हो अथवा किसी अन्य दल का, सब जगह यही हाल है। भाजपा अध्यक्ष, केन्द्रीय पदाधिकारी और सांसदों को चाहिए कि वह मंडल अध्यक्ष और समस्त कार्यकर्ताओं को आदेश दें कि सीवरों की नियमित सफाई होती रहे। सड़क और गलियां टूटी-फूटी न हो, उससे भी बहुत गंदगी बहुत फैलती है।
बयानों के कारण अक्सर सुर्खियों में रहने वालीं भोपाल की भाजपा सांसद प्रज्ञा ठाकुर ने जुलाई 21 को एक और बयान दिया था। जिसे विवादित कहा जा रहा है। उन्होंने कहा था कि उन्हें नालियां और शौचालयों को साफ करने के लिए सांसद नहीं चुना गया। जहां पीएम मोदी अपनी महत्वाकांक्षी स्वच्छ भारत योजना पर काम कर रहे हैं, वहीं प्रज्ञा ठाकुर का यह बयान उससे उलट दिखा। इस बयान के बाद ही सवाल उठने लगा कि क्या अब भारतीय जनता पार्टी प्रज्ञा ठाकुर के खिलाफ कार्रवाई करेगी?
प्रज्ञा ठाकुर ने बीजेपी के कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा और संगठन महामंत्री बीएल संतोष से मुलाकात की।बताया जा रहा है कि इस पर बीजेपी अपना बयान जारी कर सकती है। वहीं पार्टी प्रज्ञा ठाकुर के बायन से खुद को अलग कर सकती है।
प्रज्ञा ठाकुर का बयान इसलिए सवालों में है क्योंकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी स्वच्छ भारत अभियान के तहत देश को स्वच्छ और खुले में शौच मुक्त बनाने के लिए एक मिशन मोड पर काम करने की बात करते रहे हैं। सीहोर के सरकारी गेस्ट हाउस में स्थानीय बीजेपी विधायक सुदेश राय की मौजूदगी में पार्टी के कार्यकर्ताओं से बातचीत में ठाकुर ने कहा ''हम आपके नाले और शौचालय को साफ करने के लिए नहीं चुने गए हैं, कृपया इसे समझें. जिन कार्यों के लिए हम चुने गए हैं, उन्हें ईमानदारी से किया जाएगा।” आगे उन्होंने यह भी जोड़ा कि निर्वाचन क्षेत्र के समग्र विकास के लिए स्थानीय विधायक और नगरपालिका पार्षदों सहित स्थानीय जनप्रतिनिधियों के साथ काम करना संसद के सदस्य का कर्तव्य है।"
ठाकुर ने कहा कि स्थानीय समस्याओं को हल करने के लिए, हमें अपने स्थानीय जनप्रतिनिधियों द्वारा ऐसे काम करवाने की जरूरत है। ठाकुर ने पार्टी कार्यकर्ताओं से कहा, "मुझे हर वक्त फोन करने के बजाए, अपने स्थानीय मुद्दों के काम स्थानीय प्रतिनिधियों के माध्यम से करवाएं।''
स्वच्छ भारत अभियान को ठेंगा!
स्वच्छ भारत अभियान को ठेंगा!
मध्यप्रदेश के शिवपुरी जिले में एक आंगनवाड़ी केंद्र के शौचालय को रसोईघर बना दिया गया है. |
केंद्र सरकार के महत्वाकांक्षी मिशन 'स्वच्छ भारत अभियान' के तहत हर घर में शौचालय बनाए जा रहे हैं, लेकिन मध्यप्रदेश के शिवपुरी जिले में शौचालय का उपयोग ऐसे काम के लिए हो रहा है कि सुनने वाला कोई भी व्यक्ति हैरत में पड़े बिना न रहेगा। यहां आंगनवाड़ी के बच्चों के लिए भोजन शौचालय में पकता है। क्या शौचालय खाना पकाने के लिए बनाए हैं?
मध्यप्रदेश में शौचालयों का दूसरा उपयोग भी हो रहा है। यह बात आपके मन में सवाल खड़ा कर सकती है, मगर हकीकत यही है। यहां नया मामला आया है शौचालय का रसोई के तौर पर उपयोग किए जाने का।शिवपुरी जिले के करैरा विकासखंड में है सिलानगर पोखर में एक आंगनवाड़ी केंद्र में बच्चों का खाना बनाने के लिए रसोई का स्थान नहीं होने पर नया तरीका खोज निकाला गया और शौचालय को ही रसोई में बदल दिया गया। बच्चों के लिए इसी शौचालय में नियमित तौर पर भोजन बनता है और बच्चों को परोसा जाता है।
आंगनवाड़ी केंद्र की कार्यकर्ता राजकुमारी योगी ने कहा कि यह बात सही है कि यहां पर शौचालय के एक हिस्से में खाना बनता है, क्योंकि उनके पास खाना बनाने के लिए अलग से कोई स्थान ही नहीं है। उनका कहना है कि वे समूह से कई बार कह चुकी हैं कि खाना बनाने के लिए अन्य जगह उपलब्ध कराएं, मगर ऐसा नहीं हो पाया। मजबूरी में उन्हें शौचालय भवन का इस्तेमाल खाना बनाने के लिए करना पड़ रहा है।
महिला एवं बाल विकास विभाग की परियोजना अधिकारी प्रियंका बुनकर ने भी शौचालय में खाना बनने की बात स्वीकार की और कहा कि जो शौचालय बना है वह आधा-अधूरा है और वहां पर पानी की कमी के चलते उसका उपयोग शौचालय के रूप में नहीं हुआ है।
इससे पहले, शिवपुरी जिले के बदरवास में भी दो मामले ऐसे सामने आए थे, जब वहां पर कुछ लोगों के घरों पर बनाए गए शौचालयों में किराने की दुकान और रसोई बना ली गई थी।
राज्य के कई अन्य हिस्सों में भी शौचालय का उपयोग अन्य कार्यों के लिए किए जाने के मामले सामने आ चुके हैं, मगर यह पहला ऐसा मामला है जब आंगनवाड़ी केंद्र के बच्चों के लिए रसोई के तौर पर शौचालय का उपयोग किया जा रहा है।
सिलानगर पोखर के आंगनवाड़ी केंद्र में जब भोजन शौचालय में पकता है तो जाहिर है आंगनवाड़ी के बच्चों को शौच एवं लघुशंका के लिए खुले मैदान आदि का ही उपयोग करना होता होगा। यह स्वच्छ भारत अभियान को ठेंगा दिखाने वाला सच है।
जिस महात्मा गाँधी के नाम पर यह सब स्वाँग खेला जा रहा है, ब्रिटिश राज में गाँधी ने जो भी अभियान किए शहीद भगत सिंह, सुखदेव, राजगुरु, चंद्रशेखर आज़ाद और नेताजी सुभाष चंद्र बोस द्वारा जब भी स्वतन्त्रता संग्राम में तेजी लाई जाती थी, तो किसी न किसी अभियान को शुरू कर जनता का ध्यान क्रांतिकारियों की स्वतन्त्रता गतिविधियों से दूर रखने के उद्देश्य से किए जाते थे। ये वही महात्मा गाँधी थे, जिन्होंने जयपुर में रहते शहीद हुए जतिन दास को श्रद्धांजलि तक देने से मना कर दिया था।
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