अब इसे पाकिस्तान की कोई चाल कहें या आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई ये आने वाला समय बतायेगा। लेकिन जमात उद दावा सरगना हाफिज सईद को टेरर फंडिंग केस में काउंटर टेररिज्म डिपार्टमेंट ने गिरफ्तार किया है। हाफिज सईद की गिरफ्तारी उस वक्त की गई जब वो लाहौर से गुंजरावाला जा रहा था।
पाकिस्तानी मीडिया के मुताबिक हाफिज सईद के खिलाफ 2008 में टेरर फंडिंग का केस दर्ज किया गया था और उसी सिलसिले में उसकी गिरफ्तारी की गई है। अब सवाल ये है कि हाफिज सईद की गिरफ्तारी क्यों की गई है। इस सवाल का जवाब तलाशने से पहले हाफिज के कारनामों को जानना जरूरी है।
जमात-उत दावा (पहले लश्कर-ए तैयबा) का सरगना हाफिज सईद कश्मीर में आतंकी गतिविधियों को बढ़ावा देने में जुटा और बाद में वो भारत के खिलाफ सीधे तौर पर क्षद्म युद्ध में जुट गया। पाकिस्तान की मस्जिदों में वो भारत के खिलाफ तकरीरें किया करता था। लेकिन 2008 में मुंबई को जब आतंकियों ने निशाना बनाया तो हाफिज का नाम सीधे तौर पर आया। हाफिज के खिलाफ भारत सरकार की तरफ से तमाम दस्तावेज दिए गए। लेकिन पाकिस्तान उन साक्ष्यों को मानने से इंकार करता रहा।
हाफिज के मुद्दे पर भारत सरकार अंतर्राष्ट्रीय मंच पर पूरजोर तरीके से उठाती रही और 2014 में इस मामले में बड़ी कामयाबी मिली। अमेरिका ने अंतर्राष्ट्रीय आतंकी घोषित करने के साथ पाकिस्तान से स्पष्ट कहा कि अब सईद के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए। ये बात अलग है कि पाकिस्तान की तरफ से टालमटौल देखने को मिला।
पिछले वर्ष पाकिस्तान में इमरान खान के रूप में नई सरकार आई और उसके सामने अपनी अर्थव्यवस्था को बचाने की सबसे बड़ी चुनौती है। अमेरिका और दूसरे देशों ने भी पाकिस्तान को स्पष्ट संदेश दिया है कि अब आतंकवाद के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होनी भी चाहिए। यही नहीं हाफिज के खिलाफ किसी भी तरह की कार्रवाई का असर भी दिखना चाहिए। इन सबके बीच फाटा ने पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट में डाल रखा है जिसमें उसके खिलाफ आंशिक आर्थिक पाबंदियां लगी हुई हैं। फाटा ने भी साफ कर दिया है कि अगर अक्टूबर तक आतंकी संगठनों के खिलाफ कार्रवाई नहीं करता है तो उसे काली सूची में डाल दिया जाएगा।
जानकारों का कहना है कि पाकिस्तान के पीएम इमरान खान 21 जुलाई को अमेरिका जा रहे हैं तो ऐसा हो सकता है कि वो ट्रंप प्रशासन को यह संदेश देना चाहते हैं कि उनका देश हाफिज सईद हो या मसूद अजहर किसी के भी लिए मुलायम नहीं है। इसके साथ ही सितंबर में संयुक्त राष्ट्र संघ की बैठक में किसी तरह की आलोचना झेलने से पहले पाकिस्तान की तरफ से कार्रवाई की गई हो।
हाल ही में बिश्केस में एससीओ की बैठक और उससे पहले मालदीव की संसद को संबोधित करते हुए पीएम नरेंद्र मोदी ने पाकिस्तान का नाम लिए बगैर निशाना साधा था। उन्होंने कहा था कि अगर आर्थिक और सामाजिक मसलों पर अंतरराष्ट्रीय कांन्फ्रेंस हो सकती है तो आतंकवाद के मुद्दे पर आयोग का गठन क्यों नहीं किया जा सकता है। इसके अलावा जापान में भी जी-20 की बैठक में एक बार फिर पीएम मोदी ने आतंकी वारदातों के लिए परोक्ष तौर पर पाकिस्तान पर निशाना साधा था।
पाकिस्तानी मीडिया के मुताबिक हाफिज सईद के खिलाफ 2008 में टेरर फंडिंग का केस दर्ज किया गया था और उसी सिलसिले में उसकी गिरफ्तारी की गई है। अब सवाल ये है कि हाफिज सईद की गिरफ्तारी क्यों की गई है। इस सवाल का जवाब तलाशने से पहले हाफिज के कारनामों को जानना जरूरी है।
जमात-उत दावा (पहले लश्कर-ए तैयबा) का सरगना हाफिज सईद कश्मीर में आतंकी गतिविधियों को बढ़ावा देने में जुटा और बाद में वो भारत के खिलाफ सीधे तौर पर क्षद्म युद्ध में जुट गया। पाकिस्तान की मस्जिदों में वो भारत के खिलाफ तकरीरें किया करता था। लेकिन 2008 में मुंबई को जब आतंकियों ने निशाना बनाया तो हाफिज का नाम सीधे तौर पर आया। हाफिज के खिलाफ भारत सरकार की तरफ से तमाम दस्तावेज दिए गए। लेकिन पाकिस्तान उन साक्ष्यों को मानने से इंकार करता रहा।
हाफिज के मुद्दे पर भारत सरकार अंतर्राष्ट्रीय मंच पर पूरजोर तरीके से उठाती रही और 2014 में इस मामले में बड़ी कामयाबी मिली। अमेरिका ने अंतर्राष्ट्रीय आतंकी घोषित करने के साथ पाकिस्तान से स्पष्ट कहा कि अब सईद के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए। ये बात अलग है कि पाकिस्तान की तरफ से टालमटौल देखने को मिला।
पिछले वर्ष पाकिस्तान में इमरान खान के रूप में नई सरकार आई और उसके सामने अपनी अर्थव्यवस्था को बचाने की सबसे बड़ी चुनौती है। अमेरिका और दूसरे देशों ने भी पाकिस्तान को स्पष्ट संदेश दिया है कि अब आतंकवाद के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होनी भी चाहिए। यही नहीं हाफिज के खिलाफ किसी भी तरह की कार्रवाई का असर भी दिखना चाहिए। इन सबके बीच फाटा ने पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट में डाल रखा है जिसमें उसके खिलाफ आंशिक आर्थिक पाबंदियां लगी हुई हैं। फाटा ने भी साफ कर दिया है कि अगर अक्टूबर तक आतंकी संगठनों के खिलाफ कार्रवाई नहीं करता है तो उसे काली सूची में डाल दिया जाएगा।
Jamatud Dawa's Hafiz Saeed arrested and sent to judicial custody: Pakistan media (file pic)
Pakistan is fooling the world: Ujjwal Nikam, Special Public Prosecutor in the 26/11 Mumbai terror attack case on the arrest of Hafiz Saeed.
हाल ही में बिश्केस में एससीओ की बैठक और उससे पहले मालदीव की संसद को संबोधित करते हुए पीएम नरेंद्र मोदी ने पाकिस्तान का नाम लिए बगैर निशाना साधा था। उन्होंने कहा था कि अगर आर्थिक और सामाजिक मसलों पर अंतरराष्ट्रीय कांन्फ्रेंस हो सकती है तो आतंकवाद के मुद्दे पर आयोग का गठन क्यों नहीं किया जा सकता है। इसके अलावा जापान में भी जी-20 की बैठक में एक बार फिर पीएम मोदी ने आतंकी वारदातों के लिए परोक्ष तौर पर पाकिस्तान पर निशाना साधा था।
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