'उन्हें मारो जिन्होंने तुम्हारा मुल्क लूटा है'-- गवर्नर सत्यपाल मलिक, जम्मू-कश्मीर

जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने जुलाई 21 को कारगिल में खरी सुल्तान चू स्टेडियम में कारगिल लद्दाख टूरिज्म फेस्टिवल 2019 के उद्घाटन के दौरान कहा कि ये लड़के (आतंकी) जो बंदूक लिए फिजूल में अपने लोगों को मार रहे हैं। पीएसओ, एसडीओ को मारते हैं। क्यों मार रहे हो इनको? उन्हें मारो जिन्होंने तुम्हारा मुल्क लूटा है, जिन्होंने कश्मीर की सारी दौलत लूटी है। इनमें से भी कोई मारा है आपने अभी? बंदूक से कुछ हासिल नहीं होगा। ये फिजूल में अपना जान गंवा रहे हैं। इससे कुछ नहीं निकलने वाला है। बंदूक से कोई चीज हासिल नहीं होगी क्योंकि हिन्दुस्तान में बंदूक से जरिए सरकार को कोई नहीं झूका सकता है।
उन्होंने कहा, 'श्रीलंका में लिट्टे नामक एक संगठन था और उसे समर्थन भी था लेकिन यह भी समाप्त हो गया है।' उन्होंने आरोप लगाया कि जिन राजनीतिक परिवारों ने कश्मीर पर शासन किया है, उन्होंने जनता का पैसा लूटकर दुनिया भर में संपत्ति अर्जित की है। लेकिन मलिक ने हिंसा को खत्म करने की अपील भी करते हुए कहा, 'भारत की सरकार बंदूक के आगे कभी नहीं झूकेगी।' राज्यपाल ने चुनावों में कम वोटिंग प्रतिशत पर कहा कि नेताओं में प्रतिनिधित्व क्षमता नहीं है। 
श्री मलिक ने राज्य में भ्रष्टाचार के बारे में बात की और कहा कि अगर यह उनके ऊपर होता तो वे भ्रष्टाचारियों को जेल में डाल देते। उन्होंने कहा, 'कश्मीर पर शासन करने वाले बड़े परिवारों ने अकूत संपत्ति हासिल की। उनका एक घर श्रीनगर में है, एक दिल्ली, दुबई में, एक लंदन और दूसरी जगहों पर है। वे बड़े होटलों में शेयरहोल्डर हैं।' पिछले महीने, मलिक ने दावा किया था कि कश्मीर में स्थिति में सुधार हुआ है क्योंकि उन्होंने राज्य के राज्यपाल का पदभार संभाला है।
सत्यपाल मलिक की बात का केवल वही नेता-लोग विरोध कर रहे हैं, जिनके विरुद्ध राज्यपाल ने बोला है। आतंकवादी गतिविधियों और पत्थरबाजों को जिन लोगों का समर्थन प्राप्त है, उनका कोई बच्चा कश्मीर में नहीं। सब कश्मीर से बाहर विलासिता का जीवन जी रहे हैं, और कश्मीर के लोगों को गुमराह कर चंद रूपए देकर जनजीवन अस्त-व्यस्त कर रहे हैं। विपरीत इसके यदि यही धन जनहित में खर्च किया होता, धरती का स्वर्ग कहलाए जाने वाला कश्मीर नर्क नहीं बनता। बेगुनाहों के खून नहीं बहते। जबकि इनके समर्थक नेता इस लोगों को बहका कर अपना स्वार्थ सिद्ध कर ऐश कर रहे हैं। 
राज्यपाल के इस बयान पर जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कॉन्फ्रेंस के वरिष्ठ नेता उमर अब्दुल्ला की तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की, जिन्होंने कहा कि मलिक को दिल्ली में अपनी प्रतिष्ठा की जांच करनी चाहिए। अब्दुल्ला ने कहा, "यह शख्स, संवैधानिक रूप से एक जिम्मेदार व्यक्ति है, जो संवैधानिक पद पर काबिज है, जो उग्रवादियों से भ्रष्ट राजनेताओं को मारने के लिए कहता है। शायद इन्हें अपने दिल्ली में अपनी प्रतिष्ठा के बारे में पता लगाना चाहिए। इन दिनों मंजूरी देने से पहले गैर-कानूनी हत्याएं हो रही हैं और कंगारू अदालतें लगाई जा रही हैं।
J&K Guv SP Malik:Yeh ladke jo bandook liye fizool mein apne logon ko maar rahe hain,PSOs,SDOs ko marte hain.Kyun maar rahe ho inko?Unhe maaro jinhone tumhara mulk loota hai,jinhone Kashmir ki saari daulat looti hai.Inmein se bhi koi maara hai abhi?Bandook se kuch haasil nahi hoga
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कांग्रेस प्रदेश प्रमुख जी ए मीर से पूछा, क्या वह जंगल राज को बढ़ावा देने की कोशिश कर रहे हैं? उन्होंने कहा कि राज्यपाल का बयान मलिक के कब्जे वाली संवैधानिक स्थिति से अलग नहीं है। हालाँकि गवर्नर ने अपने भाषण के दौरान तुरंत कहा कि बंदूकों से कभी समाधान नहीं हो सकता है और उन्होंने श्रीलंका में लिट्टे के उदाहरण का हवाला दिया।
उन्होंने कहा कि आतंकवादियों को हिंसा का रास्ता नहीं अपनाना चाहिए क्योंकि भारत सरकार बंदूक के आगे नहीं झूकेगी। उन्होंने कहा कि घाटी में केवल 250 आतंकवादी बचे थे। जिनमें से 50 प्रतिशत पाकिस्तानी थे जो मुठभेड़ों में मारे गए या आत्मसर्मपण कर दिया है। उन्होंने स्थानीय आतंकियों से अपील की कि मौलवी आपको मरने के बाद स्वर्ग देने का वादा करते हैं, लेकिन मैं आपको यहां जिंदा रहते हुए स्वर्ग देने का वादा कर रहा हूं। मुख्यधारा के राजनेताओं पर कटाक्ष करते हुए मलिक ने कहा कि ये नेता दिल्ली में एक अलग भाषा और कश्मीर में एक अलग भाषा बोलते हैं। उन्हें दोनों जगहों पर एक भाषा में बात करनी चाहिए और हमें डरने की जरूरत नहीं है। 

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