मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोनभद्र हत्याकांड के लिये कांग्रेस और सपा के नेताओं को जुलाई 21 को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि उन्हें इसकी सजा के लिये तैयार रहना चाहिये. योगी ने सोनभद्र के उम्भा गांव में जुलाई 17 को जमीन पर कब्जे को लेकर हुई गोलीबारी में मारे गये लोगों के परिजन से मुलाकात के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में प्रियंका पर परोक्ष रूप से हमला करते हुए कहा कि उनकी सरकार इस वारदात की तह में जाएगी और 'घड़ियाली आंसू' बहाने वालों का पर्दाफाश करेगी. उन्होंने सपा को भी घेरे में लेते हुए कहा, ''यह बात सामने आयी है कि इस मामले की तह में कांग्रेस के नेताओं का पाप है. जिन लोगों ने यह पाप किया, उनकी समाजवादी पार्टी के साथ आर्थिक साझेदारी रही है. उन लोगों के खिलाफ सरकार ने सख्त कार्रवाई भी की है.''
योगी ने एक सवाल पर कहा कि कांग्रेस और सपा के नेता इस पाप के लिये जिम्मेदार हैं और इसकी सजा के लिये उन्हें तैयार भी रहना चाहिये. मालूम हो कि कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने करीब 30 घंटे तक मिर्जापुर के चुनार गेस्ट हाउस में हिरासत में रहने के दौरान जुलाई 20 को सोनभद्र हत्याकांड के पीड़ित परिवारों से मुलाकात की थी.
जुलाई 17 को सामूहिक हत्याकांड में 10 लोगों के मारे जाने की घटना के बाद पहली बार सोनभद्र पहुंचे योगी ने कहा कि आजादी के बाद वर्ष 1955 में कांग्रेस की सरकार ने सोनभद्र में पार्टी के एक वरिष्ठ नेता के नाम पर जनजाति के लोगों की भूमि को एक पब्लिक ट्रस्ट के नाम कर दिया. वर्ष 1989 में उस ट्रस्ट से जुड़े लोगों के नाम पर वह जमीन कर दी गयी. वर्ष 2017 में वह जमीन कुछ लोगों को बेची गयी. मुख्यमंत्री ने कहा कि इस गड़बड़ी की जांच के लिये राजस्व विभाग के प्रमुख सचिव की अध्यक्षता में एक समिति गठित की गयी है जो 10 दिन में रिपोर्ट देगी.
उन्होंने कहा कि इसके अलावा इस घटना में पुलिस की तरफ से कहां-कहां लापरवाही हुई है, इसकी जांच वाराणसी जोन के अपर पुलिस महानिदेशक को सौंपी गयी है. योगी ने कहा कि उम्भा समेत दर्जनों गांव में जनजातीय लोगों की जमीनें हड़पे जाने के प्रकरण सामने आये हैं. सरकार आने वाले समय में इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिये भी प्रभावी कार्रवाई करेगी.
योगी ने एक सवाल पर कहा कि कांग्रेस और सपा के नेता इस पाप के लिये जिम्मेदार हैं और इसकी सजा के लिये उन्हें तैयार भी रहना चाहिये. मालूम हो कि कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने करीब 30 घंटे तक मिर्जापुर के चुनार गेस्ट हाउस में हिरासत में रहने के दौरान जुलाई 20 को सोनभद्र हत्याकांड के पीड़ित परिवारों से मुलाकात की थी.
जुलाई 17 को सामूहिक हत्याकांड में 10 लोगों के मारे जाने की घटना के बाद पहली बार सोनभद्र पहुंचे योगी ने कहा कि आजादी के बाद वर्ष 1955 में कांग्रेस की सरकार ने सोनभद्र में पार्टी के एक वरिष्ठ नेता के नाम पर जनजाति के लोगों की भूमि को एक पब्लिक ट्रस्ट के नाम कर दिया. वर्ष 1989 में उस ट्रस्ट से जुड़े लोगों के नाम पर वह जमीन कर दी गयी. वर्ष 2017 में वह जमीन कुछ लोगों को बेची गयी. मुख्यमंत्री ने कहा कि इस गड़बड़ी की जांच के लिये राजस्व विभाग के प्रमुख सचिव की अध्यक्षता में एक समिति गठित की गयी है जो 10 दिन में रिपोर्ट देगी.
उन्होंने कहा कि इसके अलावा इस घटना में पुलिस की तरफ से कहां-कहां लापरवाही हुई है, इसकी जांच वाराणसी जोन के अपर पुलिस महानिदेशक को सौंपी गयी है. योगी ने कहा कि उम्भा समेत दर्जनों गांव में जनजातीय लोगों की जमीनें हड़पे जाने के प्रकरण सामने आये हैं. सरकार आने वाले समय में इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिये भी प्रभावी कार्रवाई करेगी.
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