चिदंबरम की गिरफ्तारी : सच हुई अरविन्द केजरीवाल की भविष्यवाणी

आर.बी.एल.निगम, वरिष्ठ पत्रकार 
सीबीआई द्वारा कांग्रेस नेता पी चिदंबरम की गिरफ्तारी के बाद विपक्षी राजनीतिक दलों से लेकर कुछ मीडिया चैनल्स CBI पर सवाल उठाते नजर आ रहे हैं। किसी भी राजनीतिक चेहरे का घोटालों और जाँच में नाम आते ही अक्सर यह चर्चा जोर पकड़ लेती है। कुछ राजनीतिक दल CBI के रोल पर सवाल उठाते आए हैं और आरोप लगाए जाते हैं कि इसका इस्तेमाल राजनीति के लिए किया जाता है।
लेकिन एक शख़्स ने चिदंबरम की गिरफ्तारी के साथ ही CBI के राजनीति के चंगुल से मुक्त होने की भविष्यवाणी 2013 में ही कर दी थी और ये भविष्यवाणी किसी और ने नहीं बल्कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने की थी। अरविन्द केजरीवाल ने 2013 में यह बात तब एक ट्वीट के जरिए कही थी जब केंद्र में कांग्रेस की सरकार हुआ करती थी।
उस समय अरविन्द केजरीवाल कांग्रेस सरकार के भ्रष्टाचारों को बेनकाब करने के दावों के आधार पर अपनी राजनीतिक जमीन तैयार करने की कोशिश कर रहे थे। अरविन्द केजरीवाल ने कांग्रेस के कुछ वरिष्ठ नेताओं- सलमान खुर्शीद, कपिल सिब्बल और पी चिदंबरम पर भ्रष्टाचार में लिप्त होने के आरोप लगाते हुए कहा था कि जिस दिन CBI स्वतंत्र हो जाएगी, ये तीनों और इनकी पत्नियाँ भी जेल के भीतर होंगे।



अगस्त 21 को पी चिदंबरम की गिरफ्तारी के बाद केजरीवाल से लोग सोशल मीडिया पर सवाल करते रहे कि क्या उन्हें चिदंबरम की गिरफ्तारी और CBI की स्वतन्त्रता पर अब मोदी सरकार को बधाई नहीं देनी चाहिए? हालाँकि, अरविन्द केजरीवाल इस मामले पर अभी तक खामोश ही हैं।
इसी बात पर भाजपा नेता कपिल मिश्रा ने भी अरविन्द केजरीवाल पर निशाना साधते हुए एक ट्वीट किया और लिखा, “इतना सन्नाटा क्यों है अरविंद केजरीवाल, कोई सदमा लगा है क्या? इसी चिदंबरम के घर के सामने अन्ना आंदोलन में लोगों ने लाठियाँ खाई थीं। भ्रष्टाचारियों की सूची में चिदंबरम का नाम सबसे ऊपर था। आज लालू, वाड्रा सब शिकंजे में हैं। बधाई तो दे दो मोदी जी को, फेविकोल काहे पीकर बैठे हो?”
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केजरीवाल के पुराने साथी रहे प्रशांत भूषण का भी चिदंबरम की गिरफ्तारी पर दोहरा रवैया सामने आया है। जबकि सुप्रीम कोर्ट के वकील प्रशांत भूषण पूर्व में कई बार पी चिदंबरम के खिलाफ कार्रवाई की माँग कर चुके हैं, लेकिन जब वह गिरफ्तार हो गए तो इस गिरफ्तारी को असंवैधानिक और जाँच एजेंसियों की बदले की कार्रवाई बता रहे हैं।  
स्मरण हो, यूपीए यानि कांग्रेस के कार्यकाल में सीबीआई को "तोता" कहा जाता था। अब जब कल का "तोता" आज "बाज" बन घोटालेबाजों को गिरफ्तार कर रही है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल की बात में दम नज़र आता है कि 2014 चुनावों के घोषित होने उपरान्त योजनाओं के लिए आबंटित राशि को सलमान खान के अतिरिक्त सभी ने वापस कर दिया था। जहाँ तक सलमान की बात है इन्हे आबंटित राशि का 50% इनकी पत्नी ने अपने एनजीओ पर खर्च किया और उसका अधिकांश घोटाले में गया। वैसे भारत में जितने भी एनजीओ हैं, सभी के खातों की जाँच करवाई जाए। जिसका उदाहरण स्वतन्त्रता दिवस पर दिल्ली के अंग्रेजी दैनिक ने तिरंगा फहराते एक एनजीओ की चित्र सहित रपट प्रकाशित की है, मुख्य संपादक ने क्या उस रपट का संज्ञान लिया? चित्र अपने आप में हर झूठ को व्यक्त कर रहा है, कि फोटो किसी बाजार अथवा मैदान की नहीं बल्कि किसी मकान की छत पर एकत्रित संस्था के कुछ लोग हैं।   

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