आर.बी.एल.निगम, वरिष्ठ पत्रकार
एक समय था, जब 1947 से लेकर आज तक कश्मीर का राग रो-रोकर विश्व ही नहीं अपनी ही जनता को मूर्ख बनाकर फौज के इशारे पर ना चती रही, लेकिन अगस्त 5 को भारत सरकार द्वारा अनुच्छेद 370 को समाप्त किया है, पाकिस्तान हुक्ममारों और फौज की रोटी हराम हो गयी है। जनता महंगाई से त्राहि-त्राहि कर रही है, क्योकि पाकिस्तान ने कश्मीर राग के नाम पर भीख लेने के चक्कर में देश में ऐसा कोई काम नहीं किया, जिससे पाकिस्तान आत्मनिर्भर हो। जबकि भारत कहाँ से कहाँ पहुँच गया। हालाँकि भारत में तुष्टिकरण के पुजारी इस विवादित अनुच्छेद 370 को अस्थाई रख जनता को मूर्ख बनाए हुए थे, परन्तु भारत में विकास प्रक्रिया को अपनाते हुए, आत्मनिर्भर बनाने में लगे रहे।
मोदी सरकार ने 2014 में सत्ता संभालने से लेकर पाकिस्तान को आतंकवाद का रास्ता छोड़ने और भारत की धरती को बेगुनाहों के खून से लाल करने से रोकने के लिए कई अवसर दिए। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी प्रोटोकॉल के विरुद्ध गए, लेकिन पाकिस्तान की समझ में नहीं आया। परन्तु अब जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 समाप्त होने पर पाकिस्तान की हालत खिंसियाई बिल्ली खम्बा नोंचे वाली हो गयी है।
इस मुद्दे पर चीन को छोड़ समस्त विश्व से मुँह की खाने पर अब परमाणु हथियार को लेकर उल्टे-सीधे बयान देता फिर रहा है। ताकि विश्व की सहानुभूति ले सके। मेरे अनुभव से पाकिस्तान इस मुद्दे पर भी मात खाएगा, क्योकि परमाणु को दी जाने वाली धमकियाँ पाकिस्तान से आनी शुरू हुई थीं, उदाहरणार्थ :"भारत पर 50 परमाणु फेंको।", "पाकिस्तान ने शब्बे रात के लिए परमाणु नहीं बनाये हैं।", "पाकिस्तान भी परमाणु देश है" आदि आदि।
कश्मीर मसले को लेकर भारत पर प्रतिबंध लगाने के लिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) और दुनिया के नेताओं को मनाने में विफल होने के बाद अब प्रधानमंत्री इमरान खान ने भारत के परमाणु हथियार का मसला उठाया है। इमरान खान ने भारत के परमाणु शस्त्रागार की सुरक्षा को लेकर चिंता जताते हुए अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से इस पर संज्ञान लेने की अपील की।
इमरान खान ने ट्विटर पर कहा कि फासीवादी और नस्लवादी हिंदू वर्चस्व वाली मोदी सरकार के नियंत्रण में भारत के परमाणु हथियार की सुरक्षा पर गंभीर विचार करने की जरूरत है। खान ने सिलसिलेवार ट्वीट में कहा कि भारत में मुस्लिमों को मताधिकार से वंचित किया जा रहा है और आरएसएस (राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ) के गुंडे उपद्रव मचा रहे हैं। बता दें कि आज ही भारत के रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि इस्लामाबाद से अब सिर्फ पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) के मसले पर बातचीत होगी। पाकिस्तानी प्रधानमंत्री ने भारत के गृहमंत्री अमित शाह के उस बयान को दोहराया जिसमें उन्होंने कहा कि पीओके और अक्साई चीन कश्मीर का हिस्सा है। गृहमंत्री अमित शाह और राजनाथ सिंह के इस बयान के बाद से पाकिस्तान की बौखलाहट बढ़ गई है।
पाकिस्तान ने अनुच्छेद 370 हटाए जाने और कश्मीर को दो केंद्र शासित प्रदेशों - जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में बांटने को राज्य-हरण करार दिया। संविधान के अनुच्छेद 370 के तहत ही जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा प्राप्त था। भारत पर प्रतिबंध लगाने के मकसद से पाकिस्तान ने पूरी दुनिया के नेताओं से संपर्क किया, लेकिन उसके अच्छे-बुरे दिनों का साथी चीन के सिवा अन्य देशों को इस बात के लिए मनाने में वह विफल रहा ।
उसने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का भी दरवाजा खटखटाया जहां इस मसले पर अगस्त 16 को सुरक्षा परिषद के स्थायी सदस्यों के बीच बंद कमरे में मंत्रणा हुई लेकिन वहां भी चीन को छोड़ यूनएससी के पांच स्थायी सदस्यों में से अन्य सभी ने जम्मू-कश्मीर के संबंध में भारत के विकास के एजेंडे का समर्थन किया।इमरान ने ट्वीट में कहा, “भारत का परमाणु हथियार हिन्दू वर्चस्ववादी व फासीवादी नेतृत्व के नियंत्रण में हैं।इसकी सुरक्षा पर दुनिया गंभीरता से विचार करे, क्योंकि इसका प्रभाव केवल क्षेत्र में ही सीमित नहीं रहेगा, बल्कि पूरी दुनिया पर पड़ेगा।”
अवलोकन करें:-
इमरान को नहीं मालूम कि भारत के परमाणु तो सुरक्षित हाथों में हैं, विपरीत इसके पाकिस्तान के परमाणु शायद सुरक्षित हाथों में नहीं हैं। इस पर चिन्ता करें। और जहाँ तक हिन्दू वर्चस्ववादी की बात है, यह पाकिस्तान के लिए जरूर परेशान करने वाली बात है, क्योकि हिन्दू वर्चस्ववादी की बात तो 1555 में फ्रैंच ज्योतिष नॉस्त्रेदमस ने पहले ही लिख दी थी।
एक समय था, जब 1947 से लेकर आज तक कश्मीर का राग रो-रोकर विश्व ही नहीं अपनी ही जनता को मूर्ख बनाकर फौज के इशारे पर ना चती रही, लेकिन अगस्त 5 को भारत सरकार द्वारा अनुच्छेद 370 को समाप्त किया है, पाकिस्तान हुक्ममारों और फौज की रोटी हराम हो गयी है। जनता महंगाई से त्राहि-त्राहि कर रही है, क्योकि पाकिस्तान ने कश्मीर राग के नाम पर भीख लेने के चक्कर में देश में ऐसा कोई काम नहीं किया, जिससे पाकिस्तान आत्मनिर्भर हो। जबकि भारत कहाँ से कहाँ पहुँच गया। हालाँकि भारत में तुष्टिकरण के पुजारी इस विवादित अनुच्छेद 370 को अस्थाई रख जनता को मूर्ख बनाए हुए थे, परन्तु भारत में विकास प्रक्रिया को अपनाते हुए, आत्मनिर्भर बनाने में लगे रहे।
मोदी सरकार ने 2014 में सत्ता संभालने से लेकर पाकिस्तान को आतंकवाद का रास्ता छोड़ने और भारत की धरती को बेगुनाहों के खून से लाल करने से रोकने के लिए कई अवसर दिए। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी प्रोटोकॉल के विरुद्ध गए, लेकिन पाकिस्तान की समझ में नहीं आया। परन्तु अब जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 समाप्त होने पर पाकिस्तान की हालत खिंसियाई बिल्ली खम्बा नोंचे वाली हो गयी है।
इस मुद्दे पर चीन को छोड़ समस्त विश्व से मुँह की खाने पर अब परमाणु हथियार को लेकर उल्टे-सीधे बयान देता फिर रहा है। ताकि विश्व की सहानुभूति ले सके। मेरे अनुभव से पाकिस्तान इस मुद्दे पर भी मात खाएगा, क्योकि परमाणु को दी जाने वाली धमकियाँ पाकिस्तान से आनी शुरू हुई थीं, उदाहरणार्थ :"भारत पर 50 परमाणु फेंको।", "पाकिस्तान ने शब्बे रात के लिए परमाणु नहीं बनाये हैं।", "पाकिस्तान भी परमाणु देश है" आदि आदि।
Already 4m Indian Muslims face detention camps & cancellation of citizenship. World must take note as this genie is out of the bottle & the doctrine of hate & genocide, with RSS goons on the rampage, will spread unless the international community acts now to stop it.— Imran Khan (@ImranKhanPTI) August 18, 2019
कश्मीर मसले को लेकर भारत पर प्रतिबंध लगाने के लिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) और दुनिया के नेताओं को मनाने में विफल होने के बाद अब प्रधानमंत्री इमरान खान ने भारत के परमाणु हथियार का मसला उठाया है। इमरान खान ने भारत के परमाणु शस्त्रागार की सुरक्षा को लेकर चिंता जताते हुए अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से इस पर संज्ञान लेने की अपील की।
इमरान खान ने ट्विटर पर कहा कि फासीवादी और नस्लवादी हिंदू वर्चस्व वाली मोदी सरकार के नियंत्रण में भारत के परमाणु हथियार की सुरक्षा पर गंभीर विचार करने की जरूरत है। खान ने सिलसिलेवार ट्वीट में कहा कि भारत में मुस्लिमों को मताधिकार से वंचित किया जा रहा है और आरएसएस (राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ) के गुंडे उपद्रव मचा रहे हैं। बता दें कि आज ही भारत के रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि इस्लामाबाद से अब सिर्फ पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) के मसले पर बातचीत होगी। पाकिस्तानी प्रधानमंत्री ने भारत के गृहमंत्री अमित शाह के उस बयान को दोहराया जिसमें उन्होंने कहा कि पीओके और अक्साई चीन कश्मीर का हिस्सा है। गृहमंत्री अमित शाह और राजनाथ सिंह के इस बयान के बाद से पाकिस्तान की बौखलाहट बढ़ गई है।
पाकिस्तान ने अनुच्छेद 370 हटाए जाने और कश्मीर को दो केंद्र शासित प्रदेशों - जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में बांटने को राज्य-हरण करार दिया। संविधान के अनुच्छेद 370 के तहत ही जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा प्राप्त था। भारत पर प्रतिबंध लगाने के मकसद से पाकिस्तान ने पूरी दुनिया के नेताओं से संपर्क किया, लेकिन उसके अच्छे-बुरे दिनों का साथी चीन के सिवा अन्य देशों को इस बात के लिए मनाने में वह विफल रहा ।
उसने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का भी दरवाजा खटखटाया जहां इस मसले पर अगस्त 16 को सुरक्षा परिषद के स्थायी सदस्यों के बीच बंद कमरे में मंत्रणा हुई लेकिन वहां भी चीन को छोड़ यूनएससी के पांच स्थायी सदस्यों में से अन्य सभी ने जम्मू-कश्मीर के संबंध में भारत के विकास के एजेंडे का समर्थन किया।इमरान ने ट्वीट में कहा, “भारत का परमाणु हथियार हिन्दू वर्चस्ववादी व फासीवादी नेतृत्व के नियंत्रण में हैं।इसकी सुरक्षा पर दुनिया गंभीरता से विचार करे, क्योंकि इसका प्रभाव केवल क्षेत्र में ही सीमित नहीं रहेगा, बल्कि पूरी दुनिया पर पड़ेगा।”
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