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मोहम्मद अकबर लोन और जस्टिस (रिटायर्ड) हसनैन मसूदी ख़िलाफ़ काफ़ी मुखर रहे हैं |
इसके बाद विपक्षी दलों ने यह कहना शुरू कर दिया कि जम्मू कश्मीर में सबकुछ ठीक नहीं है। हालाँकि, बसपा सुप्रीमो मायावती ने इन नेताओं को फटकार लगाते हुए केंद्र सरकार को समय देने की बात कही। नवीन पटनायक की बीजद, चंद्रबाबू नायडू की टीडीपी और जगन रेड्डी की वाईएसआरसीपी सही कई विपक्षी दलों ने अनुच्छेद 370 पर संसद में सरकार का साथ भी दिया था। लेकिन, क्या आपको पता है कि जम्मू कश्मीर में कुछ विपक्षी नेता न सिर्फ़ घूम रहे हैं बल्कि लोगों से मिल भी रहे हैं।
Phone finally rings at NC’s Srinagar HQ but there are just 2 leaders around to take calls, reports @AzaanJavaid— DK Singh (@dksingh73) August 20, 2019
https://t.co/2aXIvAi6JE via @ThePrintIndia
ये नेतागण केंद्र सरकार और भाजपा के ख़िलाफ़ बयान भी दे रहे हैं लेकिन उन्हें पुलिस ने गिरफ़्तार नहीं किया। इससे विपक्षी पार्टियों के आरोपों की पोल भी खुल जाती है। मोदी सरकार पहले से ही कहती आ रही है कि जम्मू कश्मीर को 2 परिवारों के चंगुल से मुक्त कराना है।
अब्दुल्ला परिवार की पार्टी नेशनल कॉन्फ्रेंस के 2 सांसदों ने जम्मू कश्मीर का दौरा किया और अब वे दिल्ली लौट आए हैं। दोनों नेताओं ने पूरी सक्रियता से घाटी में लोगों से मुलाक़ातें की। एनसी के वरिष्ठ नेताओं मोहम्मद अकबर लोन और जस्टिस (रिटायर्ड) हसनैन मसूदी ने कश्मीर का दौरा किया।
दोनों नेताओं ने एनसी के श्रीनगर स्थित मुख्यालय में बैठकें की और सिविल सोसाइटी से संवाद किया। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक़, केंद्र सरकार कुछ स्थानीय नेताओं के माध्यम से जनता से संवाद कर हालात को सामान्य बनाए रखने की जुगत में लगी है। इसके लिए स्थानीय नेताओं की मदद ली जा रही है। हालाँकि, यह भी याद होना चाहिए कि अकबर लोन कभी पाकिस्तान का समर्थन कर चुके हैं और विधानसभा में भारत-विरोधी नारेबाजी भी कर चुके हैं।
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