आज हमारी न्यूक्लियर पॉलिसी 'No First Use' है, आगे क्या होगा ये हालात बताएंगे : पोखरण से राजनाथ सिंह, रक्षा मंत्री

जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद-370 हटाए जाने के बाद पाकिस्तान से चल रहे तनाव के बीच भारत के रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने पोखरण में कहा है कि आज हमारी न्यूक्लियर पॉलिसी  'No First Use', लेकिन आगे क्या होगा ये हालात बताएंगे। पोखरण दौरे पर गए राजनाथ सिंह ने कहा, 'आज तक हमारी न्यूक्लियर पॉलिसी No First Use' है। भविष्य में क्या होगा यह परिस्थितियों पर निर्भर करेगा।' रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने पोखरण में अटल बिहारी वाजपेयी को उनकी पहली पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि भी दी
सिंह ने कहा, 'यह एक संयोग है कि आज मैं जैसलमेर में इंटरनेशनल आर्मी स्काउट कम्पीटिशन के लिए आया था और आज ही अटल बिहारी वाजपेयी की पहली पुण्यतिथि है। इसलिए, मुझे लगा कि मुझे पोखरण की धरती पर ही उन्हें श्रद्धांजलि देनी चाहिए।' जब अटल बिहारी वाजपेयी प्रधानमंत्री थे, तब मई 1998 में पोखरण में परमाणु परीक्षण किया गया था
राजनाथ सिंह ने कहा कि पोखरण वह स्थान है जो अटल बिहारी वाजपेयी के दृढ़ निर्णय का गवाह बना। अटल जी के इस फैसले से भारत न्यूक्लियर पावर बन गया। उन्होंने कहा, 'भारत अभी भी परमाणु हथियारों के इस्तेमाल पर अपनी 'नो फर्स्ट यूज' पॉलिसी पर पूरी तरह प्रतिबद्ध है लेकिन भविष्य में क्या होगा यह पूरी तरह हालातों पर निर्भर करेगा।'

नो फर्स्ट यूज डॉक्ट्रिन पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के बयान का बीजेपी सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने समर्थन किया है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तानी नेतृत्व पर 1998 की तुलना में आज ज्यादा सनक सवार है। अगर इस तरह के पुख्ता सबूत मिलते हैं कि पाकिस्तान की तरफ से परमाणु हथियारों का इस्तेमाल कर सकता है वैसे हालात में ऐहतियात के लिए भारत के लिए सार्थक कदम उठाना जरूरी होगा।

सवाल ये है कि रक्षामंत्री राजनाथ सिंह के इस बयान का मतलब क्या है। दरअसल अनुच्छेद 370 को निष्प्रभावी किए जाने के बाद पाकिस्तान में बौखलाहट है। पाकिस्तानी नेताओं की जुबां से बेसिरपैर के बयान आ रहे हैं। पीएम इमरान खान भी इस बात को बार बार दोहराते हैं कि उनके पास परमाणु बम है और भारत को इस सच्चाई को स्वीकार करना चाहिए। पाकिस्तान के हुक्मरान पहले भी इस तरह की बातें करते रहे हैं फर्क सिर्फ इतना होता था कि चेहरे बदल जाया करते थे। लेकिन भारत को लेकर सबकी सोच करीब करीब एक जैसी ही होती थी।

राजनाथ सिंह ने कहा कि उन्होंने पोखरण का दौरा किया और आजाद भारत के कद्दावर राजनेता एवं भारत के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को उनकी पहली पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि अर्पित की।  गत 16 अगस्त 2018 को पूर्व प्रधानमंत्री वाजपेयी का 93 साल की अवस्था में निधन हो गया। वह पिछले कुछ वर्षों बीमार चल रहे थे। तबीयत बिगड़ने पर उन्हें इलाज के लिए दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आर्युविज्ञान संस्थान में भर्ती किया गया।
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आर.बी.एल.निगम, वरिष्ठ पत्रकार जम्‍मू-कश्‍मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद से पाकिस्‍तान बौखलाया हुआ है। इस समय पा....

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने भारतीय संविधान के अनुच्छेद 370 को रद्द करने संबंधी कदम को ‘अवैध' करार दिया था और कहा था कि यह परमाणु हथियारों से लैस दो पड़ोसी देशों के बीच संबंधों को और अधिक बिगाड़ेगा। जियो न्यूज ने अगस्त 12 को पाक विदेश कार्यालय द्वारा जारी एक बयान के हवाले से कहा था कि प्रधानमंत्री खान ने कश्मीर के हालात पर अपने मलेशियाई समकक्ष महातिर मोहम्मद के साथ बातचीत के दौरान यह टिप्पणी की। खान ने अपनी बातचीत के दौरान कहा था कि कश्मीर का दर्जा बदलने का कदम अवैध है और यह संयुक्त राष्ट्र के प्रस्तावों का उल्लंघन है
क्या आतंकवादी हरकत संयुक्त राष्ट्र के कहने पर हो रही थी?
आज पाकिस्तान किस आधार पर प्रस्तावों के उल्लंघन की बात कर रहा है, जब शिमला समझौते में द्विपक्षीय वार्ता पर सहमति होने पर संयुक्त राष्ट्र अपने आप ही बीच में से हट गया। दूसरे, जब भारत में आतंकवादी गतिविधियां को बढ़ावा दिया जा रहा था, क्या संयुक्त राष्ट्र से पूछ कर दिया जा रहा था? भारत में बेगुनाहों के खून की होली खेली जा रही थी, क्या संयुक्त राष्ट्र के प्रस्तावों के अनुरूप किया जा रहा था?
2014 में मोदी सरकार बनने तक पाकिस्तान के भूतपूर्व राष्ट्रपति परवेज़ मुशर्रफ कहते थे कि "पाकिस्तान ने नुक्लियर शब्बे रात के लिए नहीं बनाए हैं।" लेकिन वर्तमान सरकार की सख्ती को भाँपते, वही मुशर्रफ कहते हैं कि "अगर भारत के खिलाफ एक परमाणु इस्तेमाल किया, वह पलटवार में 5 फेंक कर पाकिस्तान को तबाह-बर्बाद कर देगा।"  
पाकिस्‍तान क्‍यों कर रहा खुली चर्चा की मांग?
दरअसल सुरक्षा परिषद इस मुद्दे पर अनौपचारिक बैठक (Closed Consultation) करेगा
 उसमें सुरक्षा परिषद के 15 सदस्‍यों के अलावा गैर-सदस्‍यों को शामिल नहीं किया जाता यह बैठक परिषद के चैंबर में भी नहीं होती बल्कि लोगों की निगाह से दूर एक साइड कमरे में होती है संयुक्‍त राष्‍ट्र के एजेंडा आइटम 'इंडिया पाकिस्‍तान क्‍वेश्‍चन' के तहत चीन ने इस बैठक का प्रस्‍ताव किया है इसमें 'कश्‍मीर' शब्‍द का जिक्र नहीं किया गया है

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