आपके 100% पटवारी रिश्वत लेते हैं : मंत्री जीतू पटवारी

जीतू पटवारी
जीतू पटवारी 
भारत की आज़ादी से लेकर आज तक कांग्रेस से लेकर वर्तमान समस्त पार्टियां भ्रष्टाचार और न जाने कितनी जन समस्याओं से मुक्ति दिलवाने की घुट्टी पिलाते रहते हैं, पता नहीं कितने ही भ्रष्टाचार-विरोधी एनजीओ कार्यरत हैं, लेकिन भ्रष्टाचार कम होने की बजाए दिन-दुगनी तरक्की कर रहा है। इतना तय है कि कोई चपरासी अकेले अपने दम पर रिश्वत लेने का साहस नहीं कर सकता। आखिर में मोहरा चपरासी ही बनता है और भ्रष्टाचारी अपनी तिजोरी भरता रहता है। रिश्वत देना और लेना दोनों अपराध हैं, परन्तु बिना रिश्वत दिए जनता चक्कर काटती रहती है। मुश्किल से 10% काम ही बिना रिश्वत के होते हैं। फिर अब किस आधार पर नेता भ्रष्टाचार दूर करने की घुट्टी देते हैं।
मध्य प्रदेश की कमलनाथ सरकार में शिक्षा एवं खेल मंत्री जीतू पटवारी ने सितंबर 28, 2019 को इंदौर में एक बार फिर सरकार की योजनाओं का मैदानी स्तर पर क्रियान्वयन न होने पर अधिकारी-कर्मचारियों को आड़े हाथों लिया है। उन्होंने रिश्वतखोरी को लेकर कहा है कि 100 प्रतिशत पटवारी रिश्वत लेते हैं। जीतू पटवारी ने कलेक्टर से मिलकर इन सब पर लगाम कसने की भी बात कही।
इंदौर के रंगवासा गाँव में आयोजित ‘आपकी सरकार, आपके द्वार’ कार्यक्रम में पहुँचे मंत्री जीतू पटवारी ने कहा कि 100 फीसदी पटवारी रिश्वत लेते हैं। उन्होंने कलेक्टर से इन पर लगाम लगाने के लिए कहा और साथ ही शासकीय अधिकारियों और कर्मचारियों को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर कोई लापरवाही सामने आई तो कड़ी कार्रवाई होगी।

जीतू पटवारी ने कलेक्टर लोकेश कुमार जाटव से कहा, “हाथ जोड़ने के बाद अनुरोध करने पर भी ये (पटवारी) काम करने के लिए नहीं मानते हैं। रिश्वत लेना और देना दोनों अपराध है। कोई माँगे तो आप इसे मना करें और काम करवाएँ। यदि आवेदन के बाद भी काम नहीं होता है, तो आप मुझे बताएँ। गरीब महिलाएँ पेंशन के लिए परेशान हो रही हैं। उनसे मिलने जब जाते हैं तो कहती है कि 5-5 बार फॉर्म भर दिए हैं, लेकिन कोई देखने वाला नहीं है। शिकायतों का निराकरण नहीं हुआ तो कार्रवाई होगी।”

इसके साथ ही मंत्री ने अवैध कॉलोनी के काम को लेकर भी प्रशासन को हिदायत दी कि वह इन्हें नहीं बढ़ने दें। उन्होंने कहा कि अवैध काॅलोनी को वैध करने का काम किया जा रहा है, अवैध से वैध करने के इस सिलसिले को रोकना होगा। यदि इसी प्रकार से अवैध कॉलोनियाँ बनती रहीं, तो आने वाले समय में आपका प्रबंधन क्या करेगा। ये चिंता का विषय है। 
इससे पहले कमलनाथ सरकार की एक अन्य मंत्री और डबरा से विधायक इमरती देवी का एक वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हुआ था। जिसमें वो ट्रांसफर के लिए पैसा लगने की बात कहती नजर आ रही हैं। दरअसल, इमरती देवी सरकारी अस्पताल में पहुँची थीं। इस दौरान जब लोगों ने अस्पताल की अव्यवस्‍था और डॉक्टर की लापरवाही का मुद्दा उठा कर उसके ट्रांसफर की माँग की, तो उन्होंने कहा, “ये कह रहा है ट्रांसफर करा दो, ट्रांसफर कराने में पैसे लगते हैं, इससे अच्छा सस्पेंड ही करा देते हैं।”

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