मिशन चंद्रयान 2 पर इमरान खान के मंत्री ने उड़ाया भारत का मजाक, सोशल मीडिया पर उड़ता मजाक

Fawad chaudhary
आर.बी.एल.निगम, वरिष्ठ पत्रकार 
जो दूसरों के उपर ताक-झांक करते हैं उन्हें सबसे पहले अपने गिरेबां में झांक कर देखना चाहिए। ये कहावत इस समय पाकिस्तान पर बिल्कुल सटीक बैठती है। आर्थिक बदहाली के सबसे से बुरे दौर से पाकिस्तान गुजर रहा है इसके बावजूद वहां के मंत्री और नेता अपने बड़बोलेपन से अपनी मूर्खता को जगजाहिर करते रहते हैं। कभी परमाणु तो कभी आतंकवाद की आड़ में छद्दम युद्ध की धमकी पर जनता के विकास में खर्च होने धन को बर्बाद कर रहा है। 
पाकिस्तान में 50 फीसदी से भी अधिक लोगों को दो वक्त खाने की रोटी भी नसीब नहीं है और वह इंडिया से टक्कर लेने की बात करता है। गरीबी, आर्थिक मोर्चे पर विफलता, भूखमरी, आतंकवाद, कुपोषण, अशिक्षा जैसी गंभीर समस्याओं से गुजर रहे पाक को अपनी समस्याएं कभी नजर नहीं आती हैं लेकिन वह भारत के मामलों में अपनी राय देने के लिए फौरन आगे रहता है। कुछ ऐसा ही पाकिस्तानी पीएम इमरान खान के एक मंत्री ने किया है। 
भारत में इस नुकसान को सहने की क्षमता है, काश स्थिति विपरीत होती, पाकिस्तान इस नुकसान से शायद कभी उभर नहीं पाता। पाकिस्तान जो अपनी स्थापना से लेकर आज तक बस "कश्मीर" को अपना सबकुछ समझ आर्थिक स्थिति में आत्मनिर्भर नहीं हो पाया, जबकि लगभग 47 वर्ष पूर्व पाकिस्तान से अलग हुआ बांग्लादेश कहाँ से कहाँ पहुँच गया, परन्तु पाकिस्तान कुँए का मेंढक ही बना हुआ है। 
इमरान खान के मंत्री ने चंद्रयान 2 पर भारत का उड़ाया मजाक
भारत के महत्वाकांक्षी मिशन चंद्रयान 2 को शुक्रवार(सितम्बर 6) देर रात करीब 1:30 से 2:30 बजे के करीब चंद्रमा पर सॉफ्ट लैंडिंग करना था। लेकिन करीब 1:38 बजे चंद्रयान-2 जब चंद्रमा से 2.1 किमी ऊंचाई पर था, तभी लैंडर विक्रम का संपर्क इसरो से टूट गया। पिछले साल ही सितंबर में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने कहा था कि छोटे लोग बड़े कार्यालयों में केवल जगह भरने के लिए हैं।

अब ऐसा प्रतीत होता है कि उन्होंने ये बात अपने ही कैबिनेट के विज्ञान मंत्री फवाद चौधरी के लिए कही थी। मिशन चंद्रयान 2 पर पाकिस्तान के विज्ञान मंत्री फवाद चौधरी ने कुछ ऐसा कहा है जिसकी खूब आलोचना हो रही है। चंद्रमा पर सॉफ्ट लैंडिंग असफल होने के बाद फवाद ने सोशल मीडिया पर भारतीय वैज्ञानिकों का मजाक उड़ाने का प्रयास किया।
शनिवार अहले सुबह के समय ट्विटर पर उन्होंने कई सारे ट्वीट्स किए और भारत के खिलाफ जहर उगलना शुरू कर दिया। हालांकि इससे ये बात तो साफ पता चल गई कि जिस भारतीय मिशन का वो मजाक बना रहे हैं उसी को देखने के लिए वे सारी रात सोए भी नहीं। 
भारतीय वैज्ञानिकों का मजाक उड़ाने की कोशिश
फवाद चौधरी को अपने इन ट्वीट्स को सोशल मीडिया पर पोस्ट करना भारी पड़ गया। इस पर सोशल मीडिया यूजर्स ने भी उनके इन ट्वीट्स का करारा जवाब दिया। बता दें कि भारत की अंतरिक्ष एजेंसी इसरो के महत्वाकाक्षी मिशन चंद्रयान 2  का विक्रम लैंडर दुर्भाग्यवश चंद्रमा की सतह तक आते-आते इसरो से संपर्क टूट गया। ये ऐसे समय में हुआ जब लैंडर चंद्रमा की साउथ पोल की सतह से मात्र 2.1 किमी से दूर था। 

इमरान खान के मंत्री ने भारत के स्पेस प्रोग्राम पर कई बेहद घटिया ट्वीट्स किए। लैंडर विक्रम के चंद्रमा की सतह पर पहुंचने से पहले ही उसका संपर्क इसरो से टूटने की खबर आने के बाद फवाद चौधरी ने सबसे पहले ट्वीट किया- Awwwww.....जो काम आता नहीं पंगा नहीं लेते ना..... एंडिया।
पाकिस्तानी यूजर्स ने भी की खिंचाई
यहां ध्यान देने वाली बात ये है कि चौधरी ने इंडिया को एंडिया लिखा। इस ट्वीट पर फौरन ही सोशल मीडिया यूजर्स ने उनकी खिंचाई करनी शुरू कर दी। इस पर तकरीबन 8,800 कमेंट्स आए। किसी ने लिखा इनमें सबसे फनी बात ये है कि चंद्रयान 2 ने इन्हें सारी रात जगाए रखा। 

भारत को नीचा दिखाने की कोशिश में चौधरी के इस ट्वीट पर ना सिर्फ भारतीयों ने भला-बुरा कहा बल्कि वह अपने देश पाकिस्तान में भी घिर गए। वहां के कुछ लोगों ने भी उनकी खिंचाई की और भारत के प्रयासों की सराहना की। पाकिस्तान के एक यूजर ने लिखा- हमारे लिए और शर्मनाक मत बनो, कम से कम भारत ने प्रयास तो किया, जबकि हम अपने अंदरुनी समस्याओं से ही लड़ रहे हैं। हमें किसी भी देश की वैज्ञानिक क्षमताओं की प्रशंसा करनी चाहिए और उनसे प्रेरणा लेनी चाहिए।



 
पार की बेशर्मी की हद
हालांकि बेशर्मी की हद तो तब हो गई जब फवाद यहीं नहीं रुके उन्होंने ट्वीट्स करना जारी रखा। भारतीय नागरिकों के तीखे कमेंट्स आने के बाद फवाद ने फिर कहा कि भारतीयों के प्रतिक्रिया देखकर हैरान हूं, ऐसा लग रहा है कि उनकी इस मिशन के फेल होने के पीछे कारण मैं था। भाई मैंने कहा था 900 करोड़ लगाओ इन नालायकों पर? अब सब्र करो और सोने की कोशिश करो।

किसी भारतीय नागरिक ने इसरो को टौग करते हुए लिखा कि उससे इंतजार नहीं हो रहा है वे जल्दी चंद्रयान पर कोई अपडेट्स दें। इस पर भी पाकिस्तानी मंत्री ने कमेंट करते हुए लिखा कि- सो जा भाई चंद्रमा की बजाए मुंबई में उतर गया खिलौना।
पीएम मोदी के इसरो में दिए भाषण पर उन्होंने एक और ट्वीट करते हुए लिखा कि मोदी जी सैटेलाइट कम्युनिकेशन भाषण दे रहे हैं जैसे कि वे एक अंतरिक्ष यात्री हों ना कि राजनेता। लोकसभा को गरीब नागरिकों के 900 करोड़ रुपए बर्बाद करने को लेकर उनसे सवाल पूछना चाहिए।
'इसरो' के आगे कहीं नहीं टिकता 'सुपार्को'
गौरतलब है कि पाकिस्तान की स्पेस एजेंसी भारत की स्पेस एजेंसी इसरो से पहले स्थापित की गई थी। इसरो की स्थापना से 8 साल पहले ही पाकिस्तान की अंतरिक्ष एजेंसी SUPARCO की शुरुआत की गई थी लेकिन आज दुनिया जानती है कि इसरो कहां है और सुपार्को कहां है। इसरो जहां 1969 में बना था वहीं सुपार्को 1961 में बना था। आज सुपार्को का दुनिया में कोई नाम तक नहीं जानता है।

भारतीय एजेंसी इसरो ने सैटेलाइट प्रोग्राम्स में कई इतिहास रचे हैं लेकिन पाकिस्तान अंतरिक्ष एजेंसी सुपार्को इनके सामने कहीं नहीं टिकता है। पाकिस्तान ने अब तक 5 सैटेलाइट ही लॉन्च किए हैं वह भी उसने अफने बलबूते नहीं बल्कि उसने कई प्रोग्राम्स में चीन की मदद ली है। जबकि इसरो ने अब तक 370 उपग्रह छोड़े हैं इनमें 269 विदेशी सैटेलाइट्स हैं।  

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