भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के प्रमुख के सिवन ने रविवार को कहा कि हमें चंद्रमा की सतह पर विक्रम लैंडर का लोकेशन मिला है और ऑर्बिटर ने लैंडर की एक थर्मल इमेज क्लिक किया है। लेकिन अभी तक कम्युनिकेशन नहीं है। हम संपर्क करने की कोशिश कर रहे हैं। जल्द कम्युनिकेट किया जाएगा।
गौर हो कि भारत का दूसरा मून मिशन चंद्रयान 2 लॉन्च होने के बाद सात सितंबर को चंद्रमा पर पहुंच गया था लेकिन चंद्रमा की सतह को छूने से चंद मिनट पहले लैंडर विक्रम का जमीनी स्टेशन से संपर्क टूट गया था। इसरो ने बताया था कि चंद्रयान-2 का ऑर्बिटर चंद्रमा की ऑर्बिट में सुरक्षित है और सामान्य तरीके से काम कर रहा है। रविवार को इसरो चीफ ने कहा कि हमें चंद्रमा की सतह पर लैंडर विक्रम का लोकेशन मिला है और ऑर्बिटर ने लैंडर की एक थर्मल इमेज क्लिक किया है। लेकिन अभी तक कम्युनिकेशन नहीं है। हम संपर्क करने की कोशिश कर रहे हैं। जल्द कम्युनिकेट किया जाएगा।
गौर हो कि कि 3,840 किलोग्राम के चंद्रयान-2 को 22 जुलाई को जीएसएलवी एमके-3 एम1 रॉकेट से प्रक्षेपित किया गया था। चंद्रयान-2 ने धरती की ऑर्बिट को छोड़कर चंद्रमा की तरफ अपनी यात्रा 14 अगस्त को इसरो के ट्रांस लूनर इन्सर्शन नाम की प्रक्रिया को अंजाम दिए जाने के बाद शुरू की थी। यह प्रक्रिया अंतरिक्ष यान को लूनर ट्रांसफर ट्रेजेक्ट्री में पहुंचाने के लिए अपनाई गई। अंतरिक्ष यान 20 अगस्त को चंद्रमा की कक्षा में पहुंच गया था। 2379 किलोग्राम ऑर्बिटर के मिशन का जीवन काल एक साल है।
लैंडर विक्रम और रोवर प्रज्ञान मिशन 5 फीसदी था जो हमने खोया: ISRO
अवलोकन करें:-
गौर हो कि भारत का दूसरा मून मिशन चंद्रयान 2 लॉन्च होने के बाद सात सितंबर को चंद्रमा पर पहुंच गया था लेकिन चंद्रमा की सतह को छूने से चंद मिनट पहले लैंडर विक्रम का जमीनी स्टेशन से संपर्क टूट गया था। इसरो ने बताया था कि चंद्रयान-2 का ऑर्बिटर चंद्रमा की ऑर्बिट में सुरक्षित है और सामान्य तरीके से काम कर रहा है। रविवार को इसरो चीफ ने कहा कि हमें चंद्रमा की सतह पर लैंडर विक्रम का लोकेशन मिला है और ऑर्बिटर ने लैंडर की एक थर्मल इमेज क्लिक किया है। लेकिन अभी तक कम्युनिकेशन नहीं है। हम संपर्क करने की कोशिश कर रहे हैं। जल्द कम्युनिकेट किया जाएगा।
Indian Space Research Organisation (ISRO) Chief, K Sivan to ANI:We've found the location of #VikramLander on lunar surface&orbiter has clicked a thermal image of Lander. But there is no communication yet. We are trying to have contact. It will be communicated soon. #Chandrayaan2 pic.twitter.com/1MbIL0VQCo— ANI (@ANI) September 8, 2019
गौर हो कि कि 3,840 किलोग्राम के चंद्रयान-2 को 22 जुलाई को जीएसएलवी एमके-3 एम1 रॉकेट से प्रक्षेपित किया गया था। चंद्रयान-2 ने धरती की ऑर्बिट को छोड़कर चंद्रमा की तरफ अपनी यात्रा 14 अगस्त को इसरो के ट्रांस लूनर इन्सर्शन नाम की प्रक्रिया को अंजाम दिए जाने के बाद शुरू की थी। यह प्रक्रिया अंतरिक्ष यान को लूनर ट्रांसफर ट्रेजेक्ट्री में पहुंचाने के लिए अपनाई गई। अंतरिक्ष यान 20 अगस्त को चंद्रमा की कक्षा में पहुंच गया था। 2379 किलोग्राम ऑर्बिटर के मिशन का जीवन काल एक साल है।
लैंडर विक्रम और रोवर प्रज्ञान मिशन 5 फीसदी था जो हमने खोया: ISRO
अवलोकन करें:-
No comments:
Post a Comment