
संगठन ने कहा है कि कश्मीर मसले पर वह भारत सरकार के फैसले के साथ हैं और उन्हें भरोसा है कि घाटी में स्थितियों को सामान्य बनाने के लिए सरकार सभी जरूरी कदम उठा रही है। जमीयत उलमा-ए-हिंद ने अपने प्रस्ताव में कहा है कि ऐसे कश्मीरी जो अपनी सांस्कृति पहचान सुरक्षित रखना चाहते हैं, सरकार को उनकी आवाज भी सुननी चाहिए।
संगठन के पदाधिकारी महमूद मदनी ने कश्मीर पर प्रोपगैंडा और झूठ फैलाने के लिए पाकिस्तान की आलोचना की। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय मंचों पर यह दिखाने की कोशिश कर रहा है कि भारतीय मुसलमान भारत के खिलाफ हैं। मदनी ने कहा, 'हम पाकिस्तान की इस सोच की निंदा करते हैं। हमने आज एक प्रस्ताव पारित किया है जिसमें कश्मीर को भारत का आंतरिक मुद्दा बताया गया है। हम अपने देश की सुरक्षा एवं अखंडता के साथ कोई समझौता नहीं करेंगे। भारत हमारा देश है और हम इसके साथ खड़े हैं।'
Resolution adopted by Jamiat Ulama-i-Hind at their general council meeting in Delhi reiterates 'that Kashmir is an integral part of India and that all Kashmiris are our compatriots. Any separatist movement is harmful not only for the country but for people of Kashmir as well.' pic.twitter.com/ItdT23Hi5p— ANI (@ANI) September 12, 2019
गौरतलब है कि पांच अगस्त के भारत सरकार के फैसले के बाद पाकिस्तानी हुक्मरान युद्धोन्माद फैलाने में जुट गए। यहां तक कि उन्होंने कश्मीर पर भारतीय मुसलमानों को उकसाने वाले बयान दिया। पाकिस्तान को गलतफहमी थी कि भारतीय मुसलमान कश्मीर पर मोदी सरकार के फैसले के खिलाफ खड़े हो जाएंगे लेकिन भारतीय मुसलमानों ने पाकिस्तान की इस नापाक सोच को तगड़ा झटका दिया है। कश्मीर मुद्दे पर भारतीय मुसलमान पूरी तरह से भारत सरकार के साथ हैं। पाकिस्तान यह भूल जाता है कि उसके यहां से ज्यादा मुसलमान भारत में रहते हैं और वे अपने इस मुल्क को उतना ही प्यार करते हैं जितना कि अन्य समुदाय।Mahmood Madani, Jamiat Ulema-e-Hind: We have passed a resolution today that Kashmir is an integral part of India. There will be no compromise with security and integrity of our country. India is our country and we stand by it. pic.twitter.com/pxhi2t4peH— ANI (@ANI) September 12, 2019
पाकिस्तान में कश्मीर मसले की जानकारी रखने का दावा करने वाले लोग भारतीय मुसलमानों को अपने जैसा समझने की कोशिश की। वे भारतीय मुसलमानों को उकसाने के लिए 'मुस्लिम कार्ड' खेलने से भी बाज नहीं आए। उन्हें लगा कि जम्मू-कश्मीर का विशेष राज्य का दर्जा समाप्त किए जाने के फैसले के खिलाफ भारतीय मुसलमान सड़कों पर आ जाएंगे और अनुच्छेद 370 को वापस बहाल करने के लिए सरकार पर दबाव बनाएंगे लेकिन भारत के मुस्लिम संगठनों ने इस फैसले पर सरकार के साथ खड़े होकर पाकिस्तान के मंसूबों पर पानी फेर दिया है।
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