जमीयत उलमा-ए-हिंद ने भी दिया पाक को तगड़ा झटका, प्रस्ताव में कश्मीर को बताया भारत का अंदरूनी मसला

Jamiat Ulema-e-Hind passes resolution says Kashmir is integral part of indiaकश्मीर मसले पर भारतीय मुसलमानों को उकसाने की पाकिस्तान के नापाक मंसूबों को तगड़ा झटका लगा है। भारत के मुस्लिम संगठन जमीयत उलमा-ए-हिंद ने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने के सरकार के फैसले का स्वागत करते हुए कश्मीर भारत का आतंरिक मसला है। संगठन ने कश्मीर पर प्रस्ताव पारित कर सरकार के फैसले का समर्थन किया है। जमीयत उलमा-ए-हिंद ने कहा है कि कश्मीर भारत का अंदरूनी मसला है और कश्मीरियों की आशंका को दूर करने की जिम्मेदारी स्थानीय नेताओं की है। साथ ही संगठन ने कहा है कि सरकार को कश्मीरियों की सांस्कृतिक पहचान को सुरक्षित रखना चाहिए। 
संगठन ने कहा है कि कश्मीर मसले पर वह भारत सरकार के फैसले के साथ हैं और उन्हें भरोसा है कि घाटी में स्थितियों को सामान्य बनाने के लिए सरकार सभी जरूरी कदम उठा रही है। जमीयत उलमा-ए-हिंद ने अपने प्रस्ताव में कहा है कि ऐसे कश्मीरी जो अपनी सांस्कृति पहचान सुरक्षित रखना चाहते हैं, सरकार को उनकी आवाज भी सुननी चाहिए।
संगठन के पदाधिकारी महमूद मदनी ने कश्मीर पर प्रोपगैंडा और झूठ फैलाने के लिए पाकिस्तान की आलोचना की। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय मंचों पर यह दिखाने की कोशिश कर रहा है कि भारतीय मुसलमान भारत के खिलाफ हैं। मदनी ने कहा, 'हम पाकिस्तान की इस सोच की निंदा करते हैं। हमने आज एक प्रस्ताव पारित किया है जिसमें कश्मीर को भारत का आंतरिक मुद्दा बताया गया है। हम अपने देश की सुरक्षा एवं अखंडता के साथ कोई समझौता नहीं करेंगे। भारत हमारा देश है और हम इसके साथ खड़े हैं।'


गौरतलब है कि पांच अगस्त के भारत सरकार के फैसले के बाद पाकिस्तानी हुक्मरान युद्धोन्माद फैलाने में जुट गए। यहां तक कि उन्होंने कश्मीर पर भारतीय मुसलमानों को उकसाने वाले बयान दिया। पाकिस्तान को गलतफहमी थी कि भारतीय मुसलमान कश्मीर पर मोदी सरकार के फैसले के खिलाफ खड़े हो जाएंगे लेकिन भारतीय मुसलमानों ने पाकिस्तान की इस नापाक सोच को तगड़ा झटका दिया है। कश्मीर मुद्दे पर भारतीय मुसलमान पूरी तरह से भारत सरकार के साथ हैं। पाकिस्तान यह भूल जाता है कि उसके यहां से ज्यादा मुसलमान भारत में रहते हैं और वे अपने इस मुल्क को उतना ही प्यार करते हैं जितना कि अन्य समुदाय। 
पाकिस्तान में कश्मीर मसले की जानकारी रखने का दावा करने वाले लोग भारतीय मुसलमानों को अपने जैसा समझने की कोशिश की। वे भारतीय मुसलमानों को उकसाने के लिए 'मुस्लिम कार्ड' खेलने से भी बाज नहीं आए। उन्हें लगा कि जम्मू-कश्मीर का विशेष राज्य का दर्जा समाप्त किए जाने के फैसले के खिलाफ भारतीय मुसलमान सड़कों पर आ जाएंगे और अनुच्छेद 370 को वापस बहाल करने के लिए सरकार पर दबाव बनाएंगे लेकिन भारत के मुस्लिम संगठनों ने इस फैसले पर सरकार के साथ खड़े होकर पाकिस्तान के मंसूबों पर पानी फेर दिया है।

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