जम्‍मू-कश्‍मीर : पुलिस ने हथियारों से भरा ट्रक पकड़ा

Major terror attack thwarted in Jammu and Kashmirजम्‍मू-कश्‍मीर में पुलिस को बड़ा आतंकी हमला टालने में मदद मिली है। पुलिस ने हथियारों से भरे एक ट्रक को जब्‍त किया है। ट्रक अमृतसर से कश्‍मीर घाटी की ओर जा रहा था, जब पुलिस ने उसे रोका और तलाशी ली तो हथियारों का जखीरा बरामद हुआ। माना जा रहा है कि इसे घाटी में अशांति फैलाने के मकसद से ले जाया जा रहा था। फिलहाल इसकी जांच की जा रही है कि हथियारों की इस खेप का सीमा पार से कोई कनेक्‍शन है या नहीं?
जम्‍मू कश्‍मीर पुलिस ने लखनपुर में ट्रक को रोका। इससे पहले पुलिस को ऐसी खुफिया सूचना मिली थी कि एक ट्रक में हथियार भरकर कश्‍मीर घाटी ले जाया जा रहा है। पुलिस ने संदेह के आधार पर ट्रक को रोका और उसकी तलाशी ली। तलाशी के दौरान ट्रक में 6 एके-47 और अन्‍य हथियार मिले, जिसके बाद पुलिस ने इसे जब्‍त कर लिया। इस सिलसिले में तीन लोगों की गिरफ्तारी भी हुई है। फिलहाल इसकी जांच की जा रही है कि हथियार कहां से आया और ट्रक में भरकर इसे अमृतसर से कश्‍मीर घाटी ले जाने का क्या मकसद था?
जम्‍मू-कश्‍मीर को विशेष दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्‍छेद 370 के अहम प्रावधानों को निरस्‍त किए जाने के बाद घाटी में पुलिस व सुरक्षा बल अतिरिक्‍त चौकसी बरत रहे हैं। नियंत्रण रेखा और अंतरराष्‍ट्रीय सीमा से सटे इलाकों में भी पूरी चौकसी बरती जा रही है, जिसे देखते हुए इसकी संभावना कम ही लगती है कि इसका पाकिस्‍तान से कोई कनेक्‍शन हो। हालांकि पंजाब से पिछले कुछ दिनों में हथियारों से भरे कई वाहन जम्‍मू-कश्‍मीर में जब्‍त किए गए हैं, जिसे देखते हुए पुलिस इसका भी पता लगाने में जुटी हुई है कि कहीं पंजाब के खालिस्‍तान समर्थकों और कश्‍मीर घाटी के आतंकियों के बीच कोई साठगांठ तो नहीं हुई है।

इसका भी पता लगाया जा रहा है कि नियंत्रण रेखा और अंतरराष्‍ट्रीय सीमा पर चौकसी बढ़ाए जाने के बाद पाकिस्‍तान यहां किसी अन्‍य मार्ग से तो हथियार नहीं भेज रहा है। हथियारों से भरे इस ट्रक का जम्‍मू-कश्‍मीर में जब्‍त किया जाना इसलिए भी महत्वपूर्ण है, क्‍योंकि भारतीय खुफिया एजेंसियों ने इसे लेकर भी आगाह किया है कि यहां आतंकियों से संपर्क साधने के लिए पाकिस्‍तान कोड वर्ड्स का इस्‍तेमाल कर रहा है, ताकि घाटी में अशांति फैलाई जा सके।
खुफिया सूत्रों के मुताबिक, ये कोड वर्ड्स पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) में नियंत्रण रेखा के पास लगाए गए एफएम ट्रांसमिशन के जरिये भेजे जा रहे हैं। जैश-ए-मोहम्मद (66/88), लश्कर-ए-तैयबा (A3) और अल बद्र (D9) के लिए अलग-अलग कोड बनाए गए हैं और पाकिस्तान के राष्ट्रगान 'कौमी तराना' के माध्यम से इनका इस्‍तेमाल किया जा रहा है।

No comments: