हिसार: सरकारी गोदाम में सड़ रहे गेहूं का जिस पत्रकार ने मामला उठाया उसके ही खिलाफ दर्ज हो गया केस, क्यों?

हिसार: सरकारी गोदाम में सड़ रहा था गेहूं, पत्रकार ने उठाया मामला तो उसके ही खिलाफ दर्ज हो गया केस
पत्रकार अनूप कुंडू
आर.बी.एल.निगम, वरिष्ठ पत्रकार 
क्या भाजपा सरकार के विरुद्ध कुछ लिखना अपराध है? क्या भाजपा सरकार दूध की धुली है? क्या भाजपा में भ्रष्टाचार नहीं है? यदि नहीं, फिर किस आधार पर सच्चाई सामने पर पत्रकार के विरुद्ध केस दर्ज किया गया? क्या यह पत्रकारिता पर आघात नहीं? रपट मिथ्या होती, उस स्थिति में तो केस करना, क्या उचित है? अगर भाजपा ने रपट सही सिद्ध होने पर भी पत्रकारों को प्रताड़ित करेगी, मोदी-योगी-अमित के देश और जनहित में किए जाने वाले समस्त प्रयासों पर मीडिया ही उसी प्रकार पानी फेर देगा, जिस तरह 1977 में आपातकाल समाप्त होने पर चुनावों में कांग्रेस के कुकृत्यों को उजागर कर किया था। दूसरे, अटल बिहारी वाजपेयी सरकार के दौरान खूब "Feel Good" के नाम पर जनता पर जनता को भ्रमित किया गया, परन्तु चुनाव घोषित होने पर जो मीडिया वाजपेयी वाजपेयी के नाम की माला जप रहे थे, सरकार को धरातल पर लाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। इस कटु सच्चाई को नहीं भूलना चाहिए।  
सरकार को चाहिए यह था, जब रपट सत्यापित हो गयी थी, फिर पत्रकार के खिलाफ केस दर्ज करने वालों पर कार्यवाही करती। आखिर कब तक गोदामों में पड़ा माल सड़ता रहेगा, जिसे कोई भूखा तो क्या कोई जानवर भी न खा पाए। क्या दान में मिला अनाज गोदामों में सड़ने के रखा हुआ है? आखिर वह गोदाम किस अधिकारी के अधीन था, क्यों नहीं गोदाम में नियुक्त अथिकारी और कर्मचारियों के विरुद्ध कोई कार्यवाही की गयी? क्या उनको वेतन नहीं मिलता?  
हिसार के पत्रकार अनूप कुंडू पर मानहानि और अवैध घुसपैठ का मामला दर्ज किया गया है। यह कार्रवाई जिला पुलिस द्वारा इसलिए की गई है क्योंकि अनूप ने उकलाना में खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के गोदाम में खराब हो रही गेहूं की खबर को कवर किया था। वहीं एफआईआर में कहा गया है कि पत्रकार ने विभाग को बदनाम करने के लिए अपने चैनल पर फर्जी वीडियो चलाया। बता दें कि 17 जुलाई को पता लगा कि उकलाना के डीएफएससी गोदाम में पानी की वजह से गेहूं खराब हो रहा है। इस बारे में पत्रकार ने सिक्योरिटी गार्ड से बात की और घटना का वीडियो बनाया। उन्होंने फूड सप्लाई इंस्पेक्टर राम फल से भी बात की लेकिन उन्होंने उसे धमका दिया। 
FIR की कॉपी-
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18 जुलाई को इस बारे में चैनल पर 21 मिनट की स्टोरी चलाई गई। मंत्री करन देव कंबोज ने चैनल से बात की और दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई का वादा किया। इसी दिन मंत्री ने डीएफएससी सुभाष को जांच का सुझाव दिया जिसके बाद पत्रकार समेत कुछ बीजेपी नेता और जिला फूड सप्लाई कंट्रोलर ने गोदाम का निरीक्षण किया
इस दौरान अधिकारियों को खराब अनाज मिला। अधिकारियों ने गलती को स्वीकार किया और साउंडबाइट दिया। लेकिन 19 जुलाई को जब करनाल में मंत्री से इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि पत्रकार ने गलत खबर दी है
25 जुलाई को पत्रकार ने डीसी हिसार के पास शिकायत दर्ज कराई और इस शिकायत को डीएफएससी हिसार के पास भी भेजा लेकिन यह अभी तक पेंडिंग है। इसके बाद 8 सितंबर को पत्रकार के खिलाफ धारा 451, 465 और 500 के तहत मामला दर्ज किया गया
अनूप कुण्डू पर दर्ज मुकदमे को लेकर जिले भर के पत्रकारों ने स्थानीय मीडिया सेंटर में एक बैठक का आयोजन कर रोष प्रकट किया और बैठक में जिले के सभी खंडों के पत्रकारों ने शिरकत की। यहां सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित कर जिला उपायुक्त और पुलिस अधीक्षक को एक शिकायत सौंपी गई जिसमें पत्रकार पर दर्ज मुकदमे को खारिज करते हुए फर्जी जांच रिपोर्ट पेश करने वाले जिला खाद्य आपूर्ति अधिकारी सुभाष सिहाग और जिला परिषद के निवर्तमान कार्यकारी अधिकारी विकास यादव के खिलाफ मामला दर्ज कर कार्यवाही करने की मांग की गई। 
अतिरिक्त उपायुक्त उत्तम सिंह ने कहा कि पत्रकारों को डिमांड को संबंधित अधिकारी को प्रेषित करते हुए दोबारा निष्पक्ष जांच करवाई जाएगी. साथ ही कहा कि किसी भी तरीके से मीडियाकर्मी के साथ गलत नही होने दिया जाएगा। अतिरिक्त उपायुक्त उत्तम सिंह ने खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के उस आरोप को भी नकारा जिसमे कहा गया है कि अवैध रूप से परिसर में घुसे हैं। उत्तम सिंह ने कहा कि इस तरीके की धाराएं प्राइवेट प्रॉपर्टी पर लागू होती हैं ना कि पब्लिक प्रॉपर्टी पर।  
हिसार के जिला पुलिस कप्तान के बाहर होने पर शिकायत की कॉपी पुलिस उपाधीक्षक अशोक कुमार को सौंपी गई जिस पर प्रतिक्रिया देते हुए अशोक कुमार ने कहा कि दोबारा से जांच कर दोनों पक्षों को शामिल किया जाएगा और निष्पक्षता से कार्यवाही करते हुए दूध का दूध और पानी का पानी किया जाएगा

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