आर.बी.एल.निगम, वरिष्ठ पत्रकार
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने गुजरात के सूरत में एक कार्यक्रम के दौरान कहा कि भारत से अलग होने के बाद पाकिस्तान के दो टुकड़े हो गए। अब जिस तरह वहां अल्पसंख्यक, बलूचियों, सिंधियों और पख्तूनियों के साथ अन्याय हो रहा है, उससे लगता है अब पाकिस्तान के टुकड़े-टुकड़े होने से दुनिया की कोई ताकत नहीं रोक सकती है।
राजनाथ ने भारतीय वीर जवान ट्रस्ट के कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा, "मजहब की राजनीति करने वाले पाकिस्तान के 1971 में दो टुकड़े हो गए और बांग्लादेश बना। यदि मजहब पर आधारित राजनीति पाकिस्तान में चलती है, तो कोई भी इसे कई भागों में विभाजित होने से नहीं रोक सकता है... यदि पाकिस्तान आतंकवाद का समर्थन करना बंद नहीं करता है तो भविष्य में इसे खंड-खंड होने से दुनिया की कोई भी ताकत नहीं रोक सकती।”
रक्षा मंत्री ने जम्मू-कश्मीर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दृढ़ रुख को दोहराया और कहा कि नई दिल्ली अब पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) के मुद्दे पर इस्लामाबाद के साथ बात करेगी। राजनाथ ने कहा, "मैंने स्पष्ट रूप से कहा है कि अगर भारत और पाकिस्तान के बीच वार्ता होती है, तो यह पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) पर होगी।"
इस दौरान राजनाथ ने कहा कि भारत कभी भी जाति, पंथ और मजहब की राजनीति में नहीं बल्कि इंसाफ और इंसानियत में विश्वास करता है। राजनाथ सिंह ने यह भी कहा कि अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को निरस्त करने के भारत के फैसले को पाकिस्तान पचा नहीं पा रहा था और इसे गुमराह करने के लिए संयुक्त राष्ट्र में गया। अंतरराष्ट्रीय समुदाय यह मानने को तैयार नहीं है कि पाकिस्तान क्या कह रहा है। राजनाथ सिंह ने कहा- आजादी के बाद भारत की अल्पसंख्यक आबादी बढ़ी है, जबकि पाकिस्तान में सिखों, बौद्धों और अन्य लोगों के अधिकारों का उल्लंघन होता रहता है। भारत में अल्पसंख्यक समुदाय सुरक्षित थे, सुरक्षित हैं और सुरक्षित रहेंगे। भारत लोगों को जाति या धर्म के आधार पर विभाजित नहीं करता है> पाकिस्तान को तोड़ने की जरुरत नहीं है वह खुद टूट जाएगा। पाकिस्तान को आतंकवाद को बढ़ावा देना बंद करना होगा, वरना इसके टुकड़े-टुकड़े होने से कोई नहीं रोक सकेगा।
रक्षा मंत्री सूरत में एक समारोह में भाग लेने के लिए आए थे, जिसका उद्देश्य सैनिकों के परिवारों का सम्मान करना था। इस दौरान उन्होंने कहा, "मुझे शहीद सैनिकों के 120 से अधिक परिवारों को सम्मानित करने का अवसर मिला। शहीद सैनिकों के परिवारों के साथ शक्ति के स्रोत के रूप में खड़ा होना हमारा राष्ट्रीय कर्तव्य है।"
साल 2019 को सेना द्वारा 'नेक्स्ट ऑफ किन' के रूप में भी देखा जा रहा है। देश के शहीद सैनिकों और अधिकारियों के परिवारों के संपर्क में आने के लिए सेना द्वारा किया जाने वाला प्रयास है।
इस प्रयास के तहत सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने सितम्बर 13 को पंजाब के पठानकोट में परमवीर चक्र कप्तान गुरबचन सिंह सलारिया के परिवार का दौरा किया था।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने गुजरात के सूरत में एक कार्यक्रम के दौरान कहा कि भारत से अलग होने के बाद पाकिस्तान के दो टुकड़े हो गए। अब जिस तरह वहां अल्पसंख्यक, बलूचियों, सिंधियों और पख्तूनियों के साथ अन्याय हो रहा है, उससे लगता है अब पाकिस्तान के टुकड़े-टुकड़े होने से दुनिया की कोई ताकत नहीं रोक सकती है।
राजनाथ ने भारतीय वीर जवान ट्रस्ट के कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा, "मजहब की राजनीति करने वाले पाकिस्तान के 1971 में दो टुकड़े हो गए और बांग्लादेश बना। यदि मजहब पर आधारित राजनीति पाकिस्तान में चलती है, तो कोई भी इसे कई भागों में विभाजित होने से नहीं रोक सकता है... यदि पाकिस्तान आतंकवाद का समर्थन करना बंद नहीं करता है तो भविष्य में इसे खंड-खंड होने से दुनिया की कोई भी ताकत नहीं रोक सकती।”
रक्षा मंत्री ने जम्मू-कश्मीर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दृढ़ रुख को दोहराया और कहा कि नई दिल्ली अब पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) के मुद्दे पर इस्लामाबाद के साथ बात करेगी। राजनाथ ने कहा, "मैंने स्पष्ट रूप से कहा है कि अगर भारत और पाकिस्तान के बीच वार्ता होती है, तो यह पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) पर होगी।"
#WATCH Defence Minister Rajnath Singh: India was divided into two parts on the basis of religion- India & Pakistan were formed. Pakistan was again partitioned in 1971. If this politics continues, no power can stop Pakistan from being broken into pieces. pic.twitter.com/EsnNnYaq6d— ANI (@ANI) September 14, 2019
इस दौरान राजनाथ ने कहा कि भारत कभी भी जाति, पंथ और मजहब की राजनीति में नहीं बल्कि इंसाफ और इंसानियत में विश्वास करता है। राजनाथ सिंह ने यह भी कहा कि अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को निरस्त करने के भारत के फैसले को पाकिस्तान पचा नहीं पा रहा था और इसे गुमराह करने के लिए संयुक्त राष्ट्र में गया। अंतरराष्ट्रीय समुदाय यह मानने को तैयार नहीं है कि पाकिस्तान क्या कह रहा है। राजनाथ सिंह ने कहा- आजादी के बाद भारत की अल्पसंख्यक आबादी बढ़ी है, जबकि पाकिस्तान में सिखों, बौद्धों और अन्य लोगों के अधिकारों का उल्लंघन होता रहता है। भारत में अल्पसंख्यक समुदाय सुरक्षित थे, सुरक्षित हैं और सुरक्षित रहेंगे। भारत लोगों को जाति या धर्म के आधार पर विभाजित नहीं करता है> पाकिस्तान को तोड़ने की जरुरत नहीं है वह खुद टूट जाएगा। पाकिस्तान को आतंकवाद को बढ़ावा देना बंद करना होगा, वरना इसके टुकड़े-टुकड़े होने से कोई नहीं रोक सकेगा।
रक्षा मंत्री सूरत में एक समारोह में भाग लेने के लिए आए थे, जिसका उद्देश्य सैनिकों के परिवारों का सम्मान करना था। इस दौरान उन्होंने कहा, "मुझे शहीद सैनिकों के 120 से अधिक परिवारों को सम्मानित करने का अवसर मिला। शहीद सैनिकों के परिवारों के साथ शक्ति के स्रोत के रूप में खड़ा होना हमारा राष्ट्रीय कर्तव्य है।"
ड्यूटी के दौरान अपनी जान गंवाने वाले 122 सैनिकों के परिवारों के लिए एक सत्कार कार्यक्रम में बोलते हुए राजनाथ सिंह ने पाकिस्तान को चेतावनी दी कि अगर उसके लोग नियंत्रण रेखा पार करते हैं तो भारतीय सेना तैयार है और उन्हें वापस जाने की अनुमति नहीं मिलेगी। उन्होंने कहा- “पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने नियंत्रण रेखा पार न करने के लिए अपने लोगों को अच्छी सलाह दी है क्योंकि भारतीय सैनिक तैयार हैं और उन्हें वापस नहीं आने देंगे।”
अवलोकन करें:-
इस प्रयास के तहत सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने सितम्बर 13 को पंजाब के पठानकोट में परमवीर चक्र कप्तान गुरबचन सिंह सलारिया के परिवार का दौरा किया था।

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