दिल्ली : क्या वास्तव में पार्टी को छोड़ने वाले हैं मनीष सिसोदिया?--मनोज तिवारी, सांसद एवं दिल्ली भाजपा अध्यक्ष

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आर.बी.एल.निगम, वरिष्ठ पत्रकार 
दिल्ली में होने वाले आगामी विधानसभा चुनावों में भारतीय जनता पार्टी का मुकाबला कांग्रेस से नहीं बल्कि आम आदमी पार्टी से है। जिस प्रकार कांग्रेस अपने अस्तित्व के लिए चुनाव मैदान में आती है, उसी भांति भाजपा भी दिल्ली में अपने अस्तित्व के लिए चुनाव लड़ती है। पहले 15 वर्ष शीला दीक्षित के नेतृत्व में कांग्रेस ने भाजपा को सत्ता से दूर रखने उपरांत अरविन्द केजरीवाल के नेतृत्व में आप ने भाजपा को सत्ता से दूर रखने में कामयाबी पायी। यानि लगभग 20 वर्षों से अधिक समय से भाजपा दिल्ली सत्ता से बाहर है। 
वास्तव में दिल्ली भाजपा मोदी-योगी-अमित त्रिमूर्ति के कन्धों पर निर्भर रहती है। लोकसभा चुनावों की भांति स्थानीय चुनावों में भी त्रिमूर्ति के करिश्में को प्रभावी समझती है। लोकसभा चुनाव में जनता इस त्रिमूर्ति के नाम पर वोट करती है। 
खैर, अब भाजपा ने दूसरे के घरों में झाँकने की नीति को अपनाये हुए है। दिल्ली नगर निगम चुनावों में क्या हुआ? केजरीवाल के कुछ पदाधिकारियों और मंत्री द्वारा राशन कार्ड बनाये जाने को खूब उछाला, परिणाम, नगर निगम में दूसरे नंबर पर आ गयी। और जिस तरह केजरीवाल सरकार जनता को जनता को मुफ्तखोर बना रही है, उसका लाभ भी निश्चित रूप से केजरीवाल सरकार को मिलना तय है, भले ही 67 सीटें न मिलें, लेकिन सत्ता से दूर नहीं रहेगी। 
अभी 200 यूनिट तक बिजली मुफ्त करने का जनता में मिलाजुला असर है, कुछ विरोध में है तो कुछ पक्ष में। पक्षकारो का मानना है कि जब नेता अपनी तिजोरियां भर रहे हैं, मोदी सरकार जनता की आमदनी पर गिद्ध की निगाह रख रही है, ऐसे में अगर अरविन्द केजरीवाल बिजली, पानी मुफ्त कर रहा है, तो कौन-सा पाप कर रहा है। नेता जनसेवक होता है, फिर उन्हें किस आधार पर हर माह लाखों की मुफ्त सुविधाएं, वेतन और कार्यकाल पूरा होने उपरांत पेंशन। आम जनता को नहीं मालूम की निगम पार्षद से लेकर एक सांसद को मिलने वाली इन मुफ्त सुविधाओं पर हर माह करोड़ों धन खर्च होता है, उस पर कोई नहीं बोलता, क्यों?
जहाँ तक दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया का पार्टी छोड़ने की अटकलों पर ज्यादा ध्यान नहीं देना चाहिए, क्योकि चुनाव निकट आने पर केजरीवाल-सिसोदिया मंडल चर्चा में बने रहने के नए-नए उपाय अमल में लाते रहते हैं। इसलिए सिसोदिया का पार्टी छोड़ना मात्र एक शिगूफा ही प्रतीत जान पड़ता है। फिर भी अगर भाजपा अध्यक्ष कोई बात बोले उसे नकारा भी नहीं जा सकता। क्योकि नेता कब गिरगिट की तरह रंग बदल लें कुछ नहीं कह सकते।   
दिल्ली प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष मनोज तिवारी ने आम आदमी पार्टी में टूट की तरफ इशारा करते हुए कहा है कि किसी भी दिन दिल्ली के उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया पार्टी से इस्तीफा दे सकते है। मनोज तिवारी ने कहा कि दिल्ली बीजेपी में कोई फूट नहीं है और ना ही पार्टी के भीतर कोई कलह चल रही है, अलबत्ता मनीष सिसोदिया कभी भी पार्टी छोड़ सकते हैं न्यूज एजेंसी आईएएनएस से बात करते हुए मनोज तिवारी ने कहा कि आम आदमी पार्टी के सभी संस्थापक सदस्य पार्टी छोड़ चुके हैं और अब सिर्फ अरविंद केजरीवाल ही बचे हैं जो अकेले लड़ रहे हैं तिवारी ने कहा कि पार्टी के बाकी संस्थापक सदस्य कुमार विश्वास कहां गए? प्रशांत भूषण कहां हैं? आनंद कुमार कहां हैं? योगेंद्र यादव कहां हैं?
मनोज तिवारी ने कहा कि इन नेताओं की तरह ही मनीष सिसोदिया भी किसी भी दिन पार्टी छोड़ने का एलान कर सकते हैं मनोज तिवारी ने ये भी कहा कि दिल्ली विधानसभा चुनावों का एलान भी नहीं हुआ है लेकिन अभी से अरविंद केजरीवाल ने खुद को पार्टी की तरफ से मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित कर दिया है उन्होंने कहा कि बीजेपी में अभी तक किसी का नाम मुख्यमंत्री के दौर पर घोषित नहीं किया है
दौर पर घोषित नहीं किया है.

उन्होंने कहा कि बीजेपी की परंपरा हमेशा ये रही है कि यहां हमेशा फैसले लोकतांत्रित तरीके से लिए जाते हैं मनोज तिवारी ने कहा कि बीजेपी विधानसभा चुनावों में अपने काम को लेकर जाएगी उन्होंने ये भी कहा कि दिल्ली बीजेपी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सपनों की दिल्ली को साकार करने की कोशिश करेगी
उत्तर पूर्वी दिल्ली से बीजेपी के सांसद मनोज तिवारी ने कहा कि बीजेपी में कोई भेदभाव नहीं होता उन्होंने कहा कि पार्टी की सारी पॉलिसी सभी नेताओं और कार्यकर्ताओं को लिए बनाई जाती है आप संयोजक अरविंद केजरीवाल पर हमला बोलते हुए उन्होंने कहा कि ये अरविंद केजरीवाल हैं जो बांटो और राज करो के सिद्धांत पर चलते हैं जबकि बीजेपी विकास की राजनीति करती है

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