आर.बी.एल.निगम, वरिष्ठ पत्रकार
मोदी सरकार से पूर्व भारत की सरकारें पाकिस्तान और उसके समर्थकों के विरुद्ध कोई कार्यवाही करने की बजाए डरती थी, कहीं उनका मुस्लिम वोटबैंक नाराज़ न हो जाए। पाकिस्तान द्वारा प्रायोजित इस्लामिक आतंकवाद को "हिन्दू आतंकवाद" और "भगवा आतंकवाद" का नाम देकर उसे संरक्षण देते रहे, बेगुनाहों के खून से धरती लाल होती रही, लेकिन तुष्टिकरण पुजारी अपने वोटबैंक की सेवा में तल्लीन रहे। लेकिन सत्ता परिवर्तन की इच्छाशक्ति ने तुष्टिकरण पुजारियों को दरकिनार कर, देश की जनता को चैन से जीने का मार्ग सुगम किया। कल तक जो पाकिस्तान शेर बन भारतीय जनता को डरा रहा था, आज विश्व में अलग-थलग हो गया और भारत की सरकार ने पाकिस्तान का समर्थन कर रहे देशों के विरुद्ध अपनी कमर कस ली है।
कश्मीर को लेकर नई दिल्ली की आलोचना करने वाले मलेशिया को भारत अब दूसरे तरीके से जवाब देने की तैयारी कर रहा है। समाचार एजेंसी रॉयटर के मुताबिक,भारत मलेशिया से पाम ऑयल (ताड़ के तेल) समेत कई उत्पादों के आयात पर रोक लगाने का फैसला कर सकता है। भारत ताड़ के तेल के आयात को सीमित करने के उपायों की तलाश कर रहा है। एक उद्योग जगत के सूत्रों पाम ऑयल के अलाव कई अन्य उत्पादों के आयात पर भी रोक लग सकती है। सूत्रों ने नाम नहीं बताने की शर्त पर बताया कि इस प्रस्ताव पर अभी चर्चा चल रही है।
भारत ने इसी साल पांच अगस्त में कश्मीर के विशेष राज्य के प्रावधान वाले अनुच्छेद 370 को खत्म कर दिया था। मलेशियाई प्रधानमंत्री महातिर मोहम्मद ने पिछले महीने संयुक्त राष्ट्र महासभा में कहा था कि भारत ने कश्मीर पर 'आक्रमण और कब्जा' किया है। उन्होंने नई दिल्ली को इस मुद्दे को हल करने के लिए पाकिस्तान के साथ काम करने को कहा था। मलेशिया के बयान पर भारत ने नाराजगी जताई थी।
भारत दुनिया में ताड़ के तेल का सबसे बड़ा आयातक देश है। ऐसे में यदि भारत मलेशिया से ताड़ के तेल (पाम ऑयल) का आयात बंद करता है तो इससे मलेशिया के कारोबार पर बड़ा असर पड़ेगा। भारत इसके अलावा तुर्की से होने वाले आयातों पर भी रोक का फैसला हो सकता है।
भारत अब इंडोनेशिया, अर्जेंटीना और यूक्रेन जैसे देशों से खाद्य तेलों की आपूर्ति के साथ मलेशियाई पाम तेल का विकल्प तैयार करने की योजना बना रहा है। भारत में एडिबल ऑइल के कुल आयात में करीब दो तिहाई हिस्सा पाम ऑइल का है। इतना ही नहीं भारत सालाना 9 मिलियन टन से अधिक पाम ऑइल खरीदता है और इसका अधिकांश आयाता इंडोनेशिया और मलेशिया से होता है।
मलेशियाई पाम ऑयल बोर्ड के आंकड़ों के अनुसार, 2019 के पहले नौ महीनों में भारत मलेशियाई पाम ऑयल का सबसे बड़ा खरीदार था और उसने कुल 3.9 मिलियन टन पाम ऑयल का आयात किया था। वाणिज्य मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने कहा कि मंत्रालय उन बातों पर टिप्पणी नहीं कर सकता है जो विचाराधीन हैं। वहीं मलेशिया के प्रधानमंत्री ने कहा है कि उन्हें अभी तक भारत से इस मामले पर कोई आधिकारिक जानकारी नहीं मिली है।
मोदी सरकार से पूर्व भारत की सरकारें पाकिस्तान और उसके समर्थकों के विरुद्ध कोई कार्यवाही करने की बजाए डरती थी, कहीं उनका मुस्लिम वोटबैंक नाराज़ न हो जाए। पाकिस्तान द्वारा प्रायोजित इस्लामिक आतंकवाद को "हिन्दू आतंकवाद" और "भगवा आतंकवाद" का नाम देकर उसे संरक्षण देते रहे, बेगुनाहों के खून से धरती लाल होती रही, लेकिन तुष्टिकरण पुजारी अपने वोटबैंक की सेवा में तल्लीन रहे। लेकिन सत्ता परिवर्तन की इच्छाशक्ति ने तुष्टिकरण पुजारियों को दरकिनार कर, देश की जनता को चैन से जीने का मार्ग सुगम किया। कल तक जो पाकिस्तान शेर बन भारतीय जनता को डरा रहा था, आज विश्व में अलग-थलग हो गया और भारत की सरकार ने पाकिस्तान का समर्थन कर रहे देशों के विरुद्ध अपनी कमर कस ली है।
कश्मीर को लेकर नई दिल्ली की आलोचना करने वाले मलेशिया को भारत अब दूसरे तरीके से जवाब देने की तैयारी कर रहा है। समाचार एजेंसी रॉयटर के मुताबिक,भारत मलेशिया से पाम ऑयल (ताड़ के तेल) समेत कई उत्पादों के आयात पर रोक लगाने का फैसला कर सकता है। भारत ताड़ के तेल के आयात को सीमित करने के उपायों की तलाश कर रहा है। एक उद्योग जगत के सूत्रों पाम ऑयल के अलाव कई अन्य उत्पादों के आयात पर भी रोक लग सकती है। सूत्रों ने नाम नहीं बताने की शर्त पर बताया कि इस प्रस्ताव पर अभी चर्चा चल रही है।
भारत ने इसी साल पांच अगस्त में कश्मीर के विशेष राज्य के प्रावधान वाले अनुच्छेद 370 को खत्म कर दिया था। मलेशियाई प्रधानमंत्री महातिर मोहम्मद ने पिछले महीने संयुक्त राष्ट्र महासभा में कहा था कि भारत ने कश्मीर पर 'आक्रमण और कब्जा' किया है। उन्होंने नई दिल्ली को इस मुद्दे को हल करने के लिए पाकिस्तान के साथ काम करने को कहा था। मलेशिया के बयान पर भारत ने नाराजगी जताई थी।
भारत दुनिया में ताड़ के तेल का सबसे बड़ा आयातक देश है। ऐसे में यदि भारत मलेशिया से ताड़ के तेल (पाम ऑयल) का आयात बंद करता है तो इससे मलेशिया के कारोबार पर बड़ा असर पड़ेगा। भारत इसके अलावा तुर्की से होने वाले आयातों पर भी रोक का फैसला हो सकता है।
भारत अब इंडोनेशिया, अर्जेंटीना और यूक्रेन जैसे देशों से खाद्य तेलों की आपूर्ति के साथ मलेशियाई पाम तेल का विकल्प तैयार करने की योजना बना रहा है। भारत में एडिबल ऑइल के कुल आयात में करीब दो तिहाई हिस्सा पाम ऑइल का है। इतना ही नहीं भारत सालाना 9 मिलियन टन से अधिक पाम ऑइल खरीदता है और इसका अधिकांश आयाता इंडोनेशिया और मलेशिया से होता है।
मलेशियाई पाम ऑयल बोर्ड के आंकड़ों के अनुसार, 2019 के पहले नौ महीनों में भारत मलेशियाई पाम ऑयल का सबसे बड़ा खरीदार था और उसने कुल 3.9 मिलियन टन पाम ऑयल का आयात किया था। वाणिज्य मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने कहा कि मंत्रालय उन बातों पर टिप्पणी नहीं कर सकता है जो विचाराधीन हैं। वहीं मलेशिया के प्रधानमंत्री ने कहा है कि उन्हें अभी तक भारत से इस मामले पर कोई आधिकारिक जानकारी नहीं मिली है।
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