क्या JDU- BJP के बीच सब ठीक नहीं है? इस खाली कुर्सी से उठ रहे सवाल

जेडीयू-बीजेपी में सब कुछ ठीक नहीं, आखिर पटना में भाजपा नेता रावण वध कार्यक्रम से अलग क्यों रहे?
पटना के गांधी मैदान पर आयोजित रावण वध कार्यक्रम में
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार
बिहार में सत्तारूढ़ NDA के दो घटक जनता दल यूनाइटेड और भारतीय जनता पार्टी के बीच सब कुछ ठीक नहीं चल रहा. इसका एक उदाहरण मंगलवार को पटना के गांधी मैदान में देखने को मिला जब हर साल आयोजित होने वाली रावण वध कार्यक्रम में वो चाहे बिहार के राज्यपाल हों या उप मुख्यमंत्री सुशील मोदी या भारतीय जनता पार्टी के स्थानीय विधायक, कोई नहीं दिखा.
उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी और अन्य लोगों सहित भाजपा के वरिष्ठ नेता पटना के प्रतिष्ठित गांधी मैदान में दशहरा समारोह के आयोजन में नहीं पहुंचे, जिसमें बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार मुख्य अतिथि थे। उपमुख्यमंत्री के लिए नामित कुर्सी उत्सव के दौरान खाली रह गई। उप मुख्यमंत्री मोदी के अलावा, इस कार्यक्रम में स्थानीय भाजपा विधायक, भाजपा के मंत्रियों और अन्य प्रतिष्ठित भाजपा नेताओं की अनुपस्थिति देखी गई।
जेडीयू नेता अजय आलोक ने भी ट्विटर पर बीजेपी से पूछा कि क्या हो गया? कोई गांधी मैदान में रावण वध में नहीं आया? रावण वध नहीं करना था क्या?
 
Patna Dussehra
दशहरा कार्यक्रम के दौरान खाली रही उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी की कुर्सी 
सरकार के कार्यक्रम में बीजेपी नेताओं का शामिल ना होना ऐसे समय में सामने आया है, जब पटना बाढ़ के बाद दोनों दलों के कुछ नेताओं के बीच बयानबाजी हुई। कार्यक्रम में बीजेपी नेताओं की गैरमौजूदगी से ये भी सवाल उठने खड़े हो जाएंगे कि क्या भाजपा और जेडीयू गठबंधन में सब सही नहीं है?
बाढ़ के बाद केंद्रीय मंत्री और बीजेपी नेता गिरिराज सिंह ने नीतीश कुमार पर निशाना साधते हुए कहा था कि राज्य प्रशासन राजधानी शहर में बाढ़ की स्थिति के कुप्रबंधन के लिए जिम्मेदार है और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को इसकी जिम्मेदारी लेनी चाहिए। उन्होंने कहा कि जब ताली सरदार को, तो गाली भी सरदार को। इस पर जदयू प्रवक्ता संजय सिंह ने पलटवार करते हुए कहा, 'वह (गिरिराज सिंह) नीतीश कुमार की पैरों की धूल के बराबर भी नहीं हैं। कोई भी जब-तब सिर्फ महादेव का नाम जप कर नेता नहीं बन जाता है।' 
जहां तक राज्यपाल फागू चौहान का प्रश्न है, राजभवन के सूत्रों के अनुसार उनकी तबियत पिछले कुछ दिनों से ठीक नहीं चल रही है तो वे अस्वस्थता के कारण इस कार्यक्रम में भाग लेने में असमर्थ थे. उप मुख्यमंत्री सुशील मोदी के अधिकांश स्टाफ का कहना है कि वे पटना में मौजूद हैं, लेकिन जानकारों का कहना है कि वे अपने बेटे के पास कर्नाटक गए हैं. वहीं स्थानीय विधायक नितिन नवीन ने कहा कि वे जल जमाव वाले इलाके का दौरा कर रहे थे और कुछ पारिवारिक कारणों से इस कार्यक्रम में शामिल नहीं हो पाए.
हालांकि पटना सिटी इलाके से विधायक नंदकिशोर यादव अपने इलाके में रावण के पुतला दहन के कार्यक्रम में शामिल हुए. जबकि केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद, जो मंगलवार की शाम को पटना पहुंचे, उन्होंने पहले से घोषणा कर दी थी कि वे किसी सार्वजनिक कार्यक्रम में जल जमाव और कुछ इलाकों में बाढ़ के पानी के कारण भाग नहीं लेंगे और प्रभावित परिवारों के साथ समय गुजारेंगे.
गांधी मैदान के कार्यक्रम के आयोजकों में सचिव कमल नोपानी का कहना था कि यह कार्यक्रम एक सामाजिक संस्था के तहत पिछले कई दशकों से हो रहा है. इसके सदस्यों में राज्यपाल से लेकर सभी विधायक और मंत्री हैं इसलिए सभी दलों के नेताओं को आमंत्रित किया जाता है. इस बार भी बिहार कांग्रेस के अध्यक्ष मदन मोहन झा आए थे. उन्होंने स्वीकार किया कि किसी भाजपा नेता की तरफ से नहीं आने की सूचना उन्हें प्राप्त नहीं हुई

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