नेहरु की गलती से हुआ था कश्मीर पर चीन का कब्ज़ा : मनीष तिवारी, कांग्रेस सांसद

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आर.बी.एल.निगम, वरिष्ठ पत्रकार 
कहते हैं, सुबह भुला अगर शाम को घर लौट आये तो उसे भूला नहीं कहते", जो कांग्रेस पर चरितार्थ होती नज़र आ रही है। अप्रत्यक्ष रूप से कांग्रेस ने भी स्वीकारना शुरू कर दिया है कि जवाहर लाल नेहरू द्वारा की गयी गलतियों को आज तक देश को भुगतना पड़ रहा है।   
कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने चीन के मसले पर मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि प्रधानमंत्री मोदी को चीन से बात कर भारत के आतंरिक मामलों में दखल न देने की बात कहनी चाहिए। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी को यह साफ़ कर देना चाहिए कि कश्मीर मुद्दा भारत का आंतरिक मामला है।
अपने एक ट्वीट में उन्होंने कहा कि यदि चीन यह कहता है कि उसकी नज़र कश्मीर पर है तो उसे यह भी याद दिला दिया जाना चाहिए कि हमारी (भारत की) नज़र हॉन्ग-कॉन्ग पर है।
हॉन्ग-कॉन्ग में मानवाधिकारों के उल्लंघन और लोकतान्त्रिक मूल्यों के पतन का हवाला देते हुए अपने ट्वीट में उन्होंने लिखा कि तिब्बत में चीन का अत्याचार हम न जाने कब से देखते आ रहे हैं, साथ ही उन्होंने अपने इसी ट्वीट में दक्षिणी चीन सागर (साऊथ चाइना सी) का भी ज़िक्र किया। मनीष तिवारी ने सवाल उठाया कि चीन में हो रहे मानवाधिकार उल्लंघन पर भारत क्यों सवाल नहीं उठाता?


कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने यह बयान उस वक़्त दिया है जब चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग भारत दौरे पर आने वाले हैं। इतना ही नहीं, मनीष तिवारी ने यहाँ तक कह दिया कि मोदी को चीन से अक्साई चीन के मुद्दे पर बात करनी चाहिए जिसे अनधिकृत रूप से चीन ने अपने कब्ज़े में ले लिया था और मौजूदा वक़्त में उसने वह पकिस्तान को सौंपा हुआ है।
स्मरण हो, सन् 1962 में पंडित नेहरु के नेतृत्व वाली कॉन्ग्रेस सरकार की बेहद लाचार रक्षा नीतियों के चलते भारत को चीन से युद्ध में पराजय का सामना करना पड़ा था जिसके बाद कश्मीर का एक हिस्सा चीन ने अपने कब्ज़े में ले लिया था जिसे आज हम अक्साई-चिन के नाम से जानते हैं।

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