
आर.बी.एल.निगम, वरिष्ठ पत्रकार
"I have however no doubt that had the audience of that day been constituted into a jury and entrusted with the task of deciding Godse's appeal, they would have brought in a verdict of 'not guilty' by overwhelming majority".
Justice Khosla
The Murder of the Mahatma
(page 234)

मेरा विश्वास अडिग है कि मेरा कार्य नीति की दृष्टि से पूर्णतया उचित है। मुझे इस बात में लेशमात्र भी सन्देह नहीं कि भविष्य में किसी समय सच्चे इतिहासकार इतिहास लिखेंगे तो वे मेरे कार्य को उचित ठहराएंगे।"
-- नाथूराम गोडसे
*देश को सत्य बताना यदि गुनाह है तो मैं यह गुनाह बार -बार करूंगी :साध्वी प्रज्ञा*
भोपाल से सांसद साध्वी प्रज्ञा ठाकुर ने लोकसभा में गोडसे को बताया 'देशभक्त', हंगामे के बाद BJP सांसदों ने ही उन्हें बैठाया

ऐसा स्पष्ट बयान देश की लोकसभा में देने वाली साध्वी प्रज्ञा पर हमें गर्व है!

अखंड भारत का इंतज़ार करती गोडसे की अस्थियां
गोडसे ने अपनी वसीयत में कहा है कि मेरे अंतिम संस्कार के बाद मेरी अस्थियों को तब तक रखना जब तक भारत अखंड न हो जाये तब मेरी अस्थियों को सिंधु नदी में ही प्रवाह करना। अब बताओं देशभक्त कौन?
इतना ही नहीं, महात्मा गाँधी भक्त देश को बताएं कि "जब ऊधम सिंह ने जनरल डायर को मारा था, तब गाँधी ने ब्रिटिश सरकार से क्या कहा था? क्या कोई देशभक्त ऐसी बात बोल सकता है?" दूसरे, जब जयपुर में जतिन दास की ब्रिटिश सरकार की गोली से हत्या होने पर, जब गाँधी(उस समय गाँधी जयपुर में ही थे) से श्रद्धांजलि देने के लिए आग्रह किया गया तो क्यों गाँधी ने श्रद्धांजलि देने से इंकार कर दिया था?(पढ़िए गोडसे के 150 बयानों में)

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पिताश्री एम.बी.एल.निगम |
बात सन 1945 की है, बकरा ईद के दिन पिताश्री अपने अनुज की ससुराल करोल बाग़ से घर वापस जब आ रहे थे, उनको झंडेवालान मंदिर के पास रोक लिया गया, मालूम हुआ कि लोटन पहलवान ने आज गाय को बचाते मुसलमानों से टक्कर ली है और पुलिस उसे गिरफ्तार कर थाने ला रही है। उस दिन पहली बार पिताश्री ने लोटन पहलवान को लहू-लुहान स्थिति में पुलिस ट्रक पर देखा था, घर पहुँच मौहल्ले में सबको बताया। उन दिनों गाँधी मंदिर मार्ग स्थित बाल्मीकि कॉलोनी में शाम के समय प्रवचन देते थे, जिसका सीधा रेडियो पर प्रसारण होता था। देखिए गाँधी जी महाराज अपने प्रसारण में क्या फरमाते हैं:-
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सत्यधर्म प्रकाशन डी-12, सेक्टर-8 रोहिणी, दिल्ली |

महात्मा गाँधी के अंधभक्तों को यदि नाथूराम गोडसे से इतनी नफरत है तो घर-घर गोडसे के कोर्ट में दर्ज उन बयानों को क्यों नहीं बंटवाते? अपने-आप जनता निर्णय कर लेगी कि गाँधी और गोडसे में कौन महान? क्या कारण था तत्कालीन जवाहर लाल नेहरू की सरकार ने उन बयानों के सार्वजनिक होने पर प्रतिबन्ध लगा दिया था? देश के लिए सबसे बड़ी दुःख की बात यह है कि नेहरू सरकार से लेकर आज वर्तमान मोदी सरकार तक गाँधी की बुराइयों पर पर्दा डाल रही है।
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हेमगंगा प्रकाशन 27, राजपुर रोड, सिविल लाइन्स, दिल्ली |
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सूर्य-भारती प्रकाशन नई सड़क, दिल्ली |
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, ''नाथू राम गोडसे को देशभक्त कहना तो दूर, उन्हें देशभक्त मानने की सोच का भी हमारी पार्टी निंदा करती है। महात्मा गांधी की विचारधारा हमेशा प्रासंगिक थी, है और रहेगी।''
सदन की कार्यवाही आरंभ होने के बाद सदन में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने प्रज्ञा के विवादित बयान का मुद्दा उठाया और कहा कि यह सदन इस तरह के बयानों की अनुमति कैसे दे सकता है। इस पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि टिप्पणी को रिकॉर्ड से हटा दिया गया है और ऐसी स्थिति में इस पर सदन के भीतर चर्चा करने का कोई मतलब नहीं है। इसके बाद कड़ी आपत्ति जताते हुए कांग्रेस के सभी सांसदों ने सदन से वॉकआउट कर दिया।
नाथूराम गोडसे को देशभक्त कहे जाने की बात तो दूर हम उन्हें देशभक्त मानने की सोच को ही condemn करते हैं।— Rajnath Singh (@rajnathsingh) November 28, 2019
महात्मा गांधी हम लोगों के आदर्श हैं।वे पहले भी हमारे मार्गदर्शक थे और भविष्य में भी मार्गदर्शक रहेंगे।
उनकी विचारधारा उस समय भी प्रासंगिक थी, आज भी है और आगे भी रहेगी। pic.twitter.com/WH6y09VOVt
नाथूराम गोडसे को देशभक्त बताने वाले बयान को लेकर प्रज्ञा सिंह ठाकुर का राजनैतिक दुनिया के साथ-साथ सोशल मीडिया पर भी इसका जमकर विरोध हो रहा है। नवम्बर 26 को लोकसभा सदन में द्रमुक सदस्य ए राजा ने चर्चा में भाग लेते हुए नकारात्मक मानसिकता को लेकर गोडसे का उदाहरण दिया, जिस पर प्रज्ञा अपने स्थान पर खड़ी हो गईं और कहा कि 'देशभक्तों का उदाहरण मत दीजिए'। इससे पहले भी प्रज्ञा सिंह नाथुराम गोडसे को देशभक्त बता चुकी हैं, जिसे लेकर काफी विवाद खड़ा हो गया था। इसके अलावा कुछ दिनों पहले ही भोपाल से BJP की सांसद साध्वी ठाकुर ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को राष्ट्रपिता की जगह राष्ट्रपुत्र बताया था।
प्रज्ञा ठाकुर की सफाई, कहा- बस, मैंने उधम सिंह का अपमान नहीं सहा
लोकसभा में बुधवार को महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे को 'देशभक्त' बताने वाली टिप्पणी पर भाजपा सांसद प्रज्ञा ठाकुर की सफाई आई है। प्रज्ञा ठाकुर ने ट्वीट करते हुए कहा कि यह झूठ है, मैंने केवल उधम सिंह का अपमान नहीं सहा। उन्होंने लिखा है, 'कभी-कभी झूठ का बवंडर इतना गहरा होता है कि दिन में भी रात लगने लगती है लेकिन सूर्य अपना प्रकाश नहीं खोता। पलभर के बवंडर में लोग भ्रमित न हों सूर्य का प्रकाश स्थाई है। सत्य यही है कि मैंने उधम सिंह जी का अपमान नहीं सहा बस।' बता दें, प्रज्ञा ठाकुर की इस टिप्पणी पर भाजपा ने भी कार्रवाई की है। केंद्र सरकार ने उनका नाम रक्षा मामलों की समिति से हटा दिया है।
नाथुराम गोडसे पर सांसद प्रज्ञा ठाकुर की टिप्पणी की भारतीय जनता पार्टी ने निंदा की है। भाजपा के कार्यकारी अध्यक्ष जे पी नड्डा ने कहा कि भाजपा, लोकसभा सांसद प्रज्ञा ठाकुर की टिप्पणी की निंदा करती है, पार्टी ऐसे बयानों का कभी समर्थन नहीं करती। नड्डा ने कहा, प्रज्ञा ठाकुर संसद सत्र के दौरान भाजपा संसदीय दल की बैठक में हिस्सा नहीं ले सकेंगी।
BJP MP Pragya Singh Thakur tweets over her reported remark in Parliament yesterday, referring to Nathuram Godse as a 'deshbhakt'. She says that she was misquoted and that she was referring to freedom fighter Udham Singh. pic.twitter.com/PaKtUC0Jlp— ANI (@ANI) November 28, 2019
वहीं, कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी निशाना साधा है। राहुल गांधी ने प्रज्ञा ठाकुर को 'आतंकी' कहा है. उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा है, 'आतंकी प्रज्ञा ने आतंकी गोडसे को एक देशभक्त कहा है। यह भारतीय संसद के इतिहास में एक दुखदायी दिन है।' वहीं, मीडिया से बातचीत में कहा कि प्रज्ञा ठाकुर जो बोल रही है वह बीजेपी और आरएसएस की आत्मा है। मैं क्या कह सकता हूं। यह कोई छुपा हुआ नहीं है।मैं अपना समय उस महिला के खिलाफ किसी तरह की कार्रवाई की मांग करके गंवाना नहीं चाहता हूं।
ऐसे में प्रश्न होता है कि जब लोकसभा महात्मा गाँधी के विरुद्ध कुछ नहीं सुन सकती, फिर किस आधार पर नाथूराम गोडसे को आतंकी सुन चुप्पी साध ली?
संसद में प्रज्ञा ठाकुर द्वरा नाथुराम गोडसे को देशभक्त के रूप में व्यक्त करने को लेकर विपक्षी दलों ने कड़ा रूख अपनाया है। इस बयान पर सदन में रक्षा मंत्री को बयान देना पड़ा है। विपक्षी दलों के हंगामें के बीच रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि महात्मा गांधी सभी के आदर्श हैं। वे जाति, धर्म, प्रांत से परे हैं।
गौरतलब है कि
प्रज्ञा ठाकुर ने तब एक टिप्पणी कर विवाद खड़ा कर दिया था जब द्रमुक सदस्य ए राजा अदालत के समक्ष नाथूराम गोडसे द्वारा दिये गए उस बयान को उद्धृत कर रहे थे कि उसने महात्मा गांधी को क्यों मारा। ठाकुर की टिप्पणी को लेकर विपक्षी सदस्यों द्वारा विरोध जताए जाने के बाद लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि एसपीजी (संशोधन) विधेयक पर चर्चा के दौरान सिर्फ द्रमुक नेता का बयान ही रिकॉर्ड में जाएगा। लोकसभा सचिवालय ने बाद में एक आधिकारिक बयान जारी कर कहा कि ठाकुर की टिप्पणी 'दर्ज नहीं की गई है।'

एससी/एसटी एक्ट का कठोर प्रावधान, सावरकर, गोकुल सिंह के स्थान पर, अम्बेडकर व गांधी का महिमामंडन, केवल मुसलमान की बेटी ही संघ+भाजपा की बेटी हैं, अहिन्दू (अल्पसंख्यक) सशक्तिकरण,
समलैंगिक व्याभिचार को स्वीकृति देना, भाजपा गौसेवा प्रकोष्ठ की समाप्ति, गौरक्षको को गुण्डे घोषित करके, उनके विरूद्ध कार्यवाही करने हेतु सभी राज्यों को दिशानिर्देश देना, कत्लखानों को सब्सिडी देना, ...इत्यादि... से ही संघ भाजपा का पतन होना शुरू हुआ।
मार्च 2018 तक जो भाजपा देश के सर्वाधिक राज्यों पर सत्तासीन थी, वो अपने नेताओं के अहंकार व सरकार की हिन्दू विरोधी नीतियों के चलते नवंबर 2019 तक देश के कुछ ही राज्यों तक सीमित हो गई।
अवलोकन करें:-
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