दिल्ली शहर आजकल प्रदूषण का ऐसा पर्याय बन चुका है जिसमें कि साफ़ हवा और साफ़ पानी दोनों ही मिलना आज के समय में नसीब होना हद से ज्यादा कठिन हो गया है। हाल ही में एक जाँच रिपोर्ट में सामने आया था कि राजधानी का पानी देश में सबसे गन्दा पानी है।
इस जाँच में 21 शहरों के पानी के सैम्पल लिए गए थे। इसमें राजधानी दिल्ली का भी सैंपल शामिल था जहाँ से करीब 11 सैम्पल उठाए गए थे। एक रिपोर्ट के मुताबिक दिल्ली के जिन इलाकों से सैम्पल लिए गए, उनमें लुटियंस ज़ोन से लेकर पीतमपुरा, बुराड़ी, अशोक नगर, सोनिया विहार, शाहदरा और नन्दनगरी जैसे इलाके शामिल हैं।
चुनाव निकट आते ही आम आदमी पार्टी के विरोधियों को पानी की समस्या सता रही है, जबकि यह कोई नयी समस्या नहीं है। अक्सर अपने लेखों में भाजपा के स्थानीय नेताओं पर प्रहार करता रहता हूँ, लेकिन शीर्ष नेतृत्व भी व्हाट्सअप आदि पर फोटो देख भ्रमित हो जाते हैं और स्थानीय नेता लापरवाही करते केवल मोदी-योगी-अमित त्रिमूर्ति के कन्धों पर उछलते रहते हैं। कुछ समय पूर्व जब ओम प्रकाश शर्मा की फेसबुक वाल पर फोटो शेयर किया, तो कार्यकर्ता मेरे रिश्तेदार के घर पहुँच, भविष्य में ऐसा न करने की बात कह, समस्या को दूर करने का आश्वासन देकर चले गए। यह समस्या केवल एक घर की नहीं, पूरी गली की है। फिर अक्सर गन्दा पानी आने पर टंकी में भरा सारा पानी बहाना पड़ता है।
आप पार्टी का मान लिया कि कोई काम नहीं करते, लेकिन भाजपा विधायक क्या कर रहे हैं? उन्हें तो पार्टी जनाधार मजबूत करने के लिए अपने पड़ोसी क्षेत्रों की समस्याओं का समाधान करना चाहिए, जैसाकि जनसंघ कार्यकाल में होता था।
साल 2015 में केजरीवाल ने दिल्ली के मुख्यमंत्री की शपथ लेने के साथ ही दिल्ली में पानी को लेकर बड़े बदलाव करने की बात कही थी मगर इसका कोई असर धरातल पर दिखाई नहीं पड़ता। यह हाल तब है जब केजरीवाल खुद जल बोर्ड के अध्यक्ष हैं। दिल्ली में साफ़ पानी को लेकर हालात इस कदर बुरे हैं कि घर के नलों में भी नालों और सीवर का पानी आ जाता है। एक ट्विटर यूजर ने इस मसले पर अपनी लिखकर बताया कि कैसे दिल्ली के घरों में नल से साफ़ पानी की बजाय नालों और सीवर का गन्दा पानी आता है। @proudkannadiga नामक ट्विटर हैंडल के इस शख्स ने इस मामले में काफी तथ्य भी सामने रखे।
यह एक ऐसी समस्या है जिसे सुनकर कोई भी इंसान अचरज में पड़ जाए। इसे झेलने वाले यूज़र ने अपने खुद के अनुभव से बताया कि कैसे नाले और सीवर का यह पानी घरों में पानी पहुँचाने वाले पाइप के ज़रिए टंकी तक में भर जाता है। यह पानी एकदम गन्दा, दुर्गन्ध वाला और काला होता है। इसके लिए टंकी साफ़ करने से लेकर सारे उपाय करने पड़ते।
यह एक ऐसी समस्या है जिसे सुनकर कोई भी इंसान अचरज में पड़ जाए। इसे झेलने वाले यूज़र ने अपने खुदके अनुभव से बताया कि कैसे नाले और सीवर का यह पानी घरों में पानी पहुँचाने वाले पाइप के ज़रिए टंकी तक में भर जाता है। यह पानी एकदम गन्दा, दुर्गन्ध वाला और काला होता है। इसके लिए टंकी साफ़ करने से लेकर सारे उपाय करने पड़ते। अपने एक ट्वीट में उन्होंने लिखा कि यह ज़रूरी नहीं कि दुर्गन्ध न आए तो पानी साफ़ ही आ रहा हो। क्योंकि जिस पाइप के ज़रिये पानी घरों में आता है वह खुद सीवर के जर्जर हो चुके पाइप के साथ समनान्तर हैं। कई-कई जगहों पर तो पानी के यह पाइप खुद सीवर के जल-जमाव से होकर आते हैं।
अधिकतर पाइप जिनसे सीवर और पानी अपने-अपने गंतव्य के लिए भेजे जाते हैं, वह पुराने हैं और सही रखरखाव न होने के चलते लीक कर जाते हैं। इसके बाद ही सप्लाई वाले पाइप में भी सीवर और नाले के जल-जमाव का पानी खिंच कर घरों में चला जाता है।
दरअसल मोटर चलने के बाद सक्शन के चलते पानी पाइप में खिंचकर घरों में आता है। मगर इस दौरान अगर सप्लाई वाला पाइप सीवर के दलदल या नाले या किसी अन्य तरह के जल जमाव के करीब से होकर गुज़रता है तो वह गन्दा पानी उस जर्जर पाइपलाइन के ज़रिये खुद-ब-खुद घर के नलों तक खिंचा चला आता है।
सोशल मीडिया पर अपना अनुभव शेयर करते हुए इस यूजर ने बताया कि कई बार बुलाने के बाद जाकर किसी तरह दिल्ली जल बोर्ड से एक कर्मचारी उसके घर पहुँचा। नलों में सीवर के पानी की बात पर खोजबीन शुरू हुई तो पता चला कि पास मे ही सीवर की एक पाइपलाइन फट गई, जिसके चलते लीकेज हुआ और इस जल-जमाव से आती घरों में पानी पहुँचाने वाली पाइपलाइन में सीवर का पानी भी आ गया।
उसने बताया कि कैसे अस्थायी जुगाड़ के तौर पर उस कर्मचारी ने सीवर पाइप का एक 2 से 3 फीट का हिस्सा काटकर बदल दिया। जब कर्मचारी से पूछा गया कि इस समस्या का उपाय क्या है तो उसने बताया कि सीवर के 400 मीटर लम्बे पाइप को बदले बगैर यह समस्या नहीं सुधरेगी, मगर इलाके के सीवर को ढोने वाली 40 इंच डायमीटर वाली मुख्य पाइपलाइन को तबतक नहीं बदला जा सकता जब तक कि ऊपर से (यानी जल बोर्ड से) इस सम्बन्ध में फण्ड नहीं दिया जाता।
अवलोकन करें:-
अपनी समस्या को लेकर विस्तार से लिखने के बाद गंदे पानी की इस समस्या से पीड़ित यूजर ने अपनी शिकायत में कांग्रेस को जमकर कोसा और कहा कि इस पार्टी ने कभी जनता की लड़ाई में साथ ही नहीं दिया। उन्होंने यह भी कहा कि टैक्स देने वाले इंसान के साथ यह एक बहुत बड़ा छलावा है।
अपने एक अन्य ट्वीट में उस यूजर ने यह भी लिखा कि वह खुद 15 साल से दिल्ली में रह रहते आ रहे हैं। 2018 में पश्चिमी दिल्ली में शिफ्ट हुए हैं मगर गंदे पानी की ऐसी समस्या उन्होंने 2015 से पहले कभी नहीं देखी थी।
इस जाँच में 21 शहरों के पानी के सैम्पल लिए गए थे। इसमें राजधानी दिल्ली का भी सैंपल शामिल था जहाँ से करीब 11 सैम्पल उठाए गए थे। एक रिपोर्ट के मुताबिक दिल्ली के जिन इलाकों से सैम्पल लिए गए, उनमें लुटियंस ज़ोन से लेकर पीतमपुरा, बुराड़ी, अशोक नगर, सोनिया विहार, शाहदरा और नन्दनगरी जैसे इलाके शामिल हैं।
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यह सैम्पल भीकम सिंह कॉलोनी का है, और विधायक हैं भाजपा के ओम प्रकाश शर्मा |
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यह सैम्पल है बलबीर नगर शाहदरा, और विधायक हैं आप के गोपाल राय |
आप पार्टी का मान लिया कि कोई काम नहीं करते, लेकिन भाजपा विधायक क्या कर रहे हैं? उन्हें तो पार्टी जनाधार मजबूत करने के लिए अपने पड़ोसी क्षेत्रों की समस्याओं का समाधान करना चाहिए, जैसाकि जनसंघ कार्यकाल में होता था।
साल 2015 में केजरीवाल ने दिल्ली के मुख्यमंत्री की शपथ लेने के साथ ही दिल्ली में पानी को लेकर बड़े बदलाव करने की बात कही थी मगर इसका कोई असर धरातल पर दिखाई नहीं पड़ता। यह हाल तब है जब केजरीवाल खुद जल बोर्ड के अध्यक्ष हैं। दिल्ली में साफ़ पानी को लेकर हालात इस कदर बुरे हैं कि घर के नलों में भी नालों और सीवर का पानी आ जाता है। एक ट्विटर यूजर ने इस मसले पर अपनी लिखकर बताया कि कैसे दिल्ली के घरों में नल से साफ़ पानी की बजाय नालों और सीवर का गन्दा पानी आता है। @proudkannadiga नामक ट्विटर हैंडल के इस शख्स ने इस मामले में काफी तथ्य भी सामने रखे।
यह एक ऐसी समस्या है जिसे सुनकर कोई भी इंसान अचरज में पड़ जाए। इसे झेलने वाले यूज़र ने अपने खुद के अनुभव से बताया कि कैसे नाले और सीवर का यह पानी घरों में पानी पहुँचाने वाले पाइप के ज़रिए टंकी तक में भर जाता है। यह पानी एकदम गन्दा, दुर्गन्ध वाला और काला होता है। इसके लिए टंकी साफ़ करने से लेकर सारे उपाय करने पड़ते।
यह एक ऐसी समस्या है जिसे सुनकर कोई भी इंसान अचरज में पड़ जाए। इसे झेलने वाले यूज़र ने अपने खुदके अनुभव से बताया कि कैसे नाले और सीवर का यह पानी घरों में पानी पहुँचाने वाले पाइप के ज़रिए टंकी तक में भर जाता है। यह पानी एकदम गन्दा, दुर्गन्ध वाला और काला होता है। इसके लिए टंकी साफ़ करने से लेकर सारे उपाय करने पड़ते। अपने एक ट्वीट में उन्होंने लिखा कि यह ज़रूरी नहीं कि दुर्गन्ध न आए तो पानी साफ़ ही आ रहा हो। क्योंकि जिस पाइप के ज़रिये पानी घरों में आता है वह खुद सीवर के जर्जर हो चुके पाइप के साथ समनान्तर हैं। कई-कई जगहों पर तो पानी के यह पाइप खुद सीवर के जल-जमाव से होकर आते हैं।
This is serious !— Proudkannadiga : (@Kannadanammamma) November 20, 2019
The @INCDelhi leaders who are tagged here need to go through this thread about Poisonous water being supplied in Delhi !@LambaAlka @ajaymaken @srivatsayb @haroonyusuf22 @ArvinderLovely @SChopraINC @Sharmistha_GK @INCDelhi @RahulGandhi
Particularly , the situation worsened after I shifted to Janakpuri BF Block.— Proudkannadiga : (@Kannadanammamma) November 20, 2019
I started noticing that on "some" days , i started getting sewer mixed water from DJB line , dark and smelly .
Thankfully , we have a tubewell backup.
3/n
2. The connecting sewer pipes to the Main sewer line from residences are old and made up of mainly clay (old types) and are susceptible to damage easily.— Proudkannadiga : (@Kannadanammamma) November 20, 2019
These pipes are old and need to be replaced, failing which the sewer water both from the pipes and the drain leaks
9/n
11. it is safe to say that while we may see water smelling bad on one day and refrain from using the contaminated water, instead chose to clean our tanks and use alum and water tablets to avoid infection the water is never safe 365 days as the line is ever contaminated— Proudkannadiga : (@Kannadanammamma) November 20, 2019
14/n
24. So he agrees that area sewer pipe line is broken— Proudkannadiga : (@Kannadanammamma) November 20, 2019
25 he agrees that there is no sanction to repair them
26. He agrees that sewage enters the water pipes.
27. Only wants us to take the water with diluted contamination !
He is not bothered !
This is @AamAadmiParty for you!
23/n
अधिकतर पाइप जिनसे सीवर और पानी अपने-अपने गंतव्य के लिए भेजे जाते हैं, वह पुराने हैं और सही रखरखाव न होने के चलते लीक कर जाते हैं। इसके बाद ही सप्लाई वाले पाइप में भी सीवर और नाले के जल-जमाव का पानी खिंच कर घरों में चला जाता है।
दरअसल मोटर चलने के बाद सक्शन के चलते पानी पाइप में खिंचकर घरों में आता है। मगर इस दौरान अगर सप्लाई वाला पाइप सीवर के दलदल या नाले या किसी अन्य तरह के जल जमाव के करीब से होकर गुज़रता है तो वह गन्दा पानी उस जर्जर पाइपलाइन के ज़रिये खुद-ब-खुद घर के नलों तक खिंचा चला आता है।
सोशल मीडिया पर अपना अनुभव शेयर करते हुए इस यूजर ने बताया कि कई बार बुलाने के बाद जाकर किसी तरह दिल्ली जल बोर्ड से एक कर्मचारी उसके घर पहुँचा। नलों में सीवर के पानी की बात पर खोजबीन शुरू हुई तो पता चला कि पास मे ही सीवर की एक पाइपलाइन फट गई, जिसके चलते लीकेज हुआ और इस जल-जमाव से आती घरों में पानी पहुँचाने वाली पाइपलाइन में सीवर का पानी भी आ गया।
उसने बताया कि कैसे अस्थायी जुगाड़ के तौर पर उस कर्मचारी ने सीवर पाइप का एक 2 से 3 फीट का हिस्सा काटकर बदल दिया। जब कर्मचारी से पूछा गया कि इस समस्या का उपाय क्या है तो उसने बताया कि सीवर के 400 मीटर लम्बे पाइप को बदले बगैर यह समस्या नहीं सुधरेगी, मगर इलाके के सीवर को ढोने वाली 40 इंच डायमीटर वाली मुख्य पाइपलाइन को तबतक नहीं बदला जा सकता जब तक कि ऊपर से (यानी जल बोर्ड से) इस सम्बन्ध में फण्ड नहीं दिया जाता।
अवलोकन करें:-
अपने एक अन्य ट्वीट में उस यूजर ने यह भी लिखा कि वह खुद 15 साल से दिल्ली में रह रहते आ रहे हैं। 2018 में पश्चिमी दिल्ली में शिफ्ट हुए हैं मगर गंदे पानी की ऐसी समस्या उन्होंने 2015 से पहले कभी नहीं देखी थी।
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