आर.बी.एल.निगम, वरिष्ठ पत्रकार
एक तरफ दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल पुनः सत्ता प्राप्त करने जनता को फ्री में बिजली(वैसे चर्चा है कि फ्री बिजली केवल मार्च यानि चुनाव तक ही है), पानी, महिलाओं को फ्री बस यात्रा आदि से लुभाने में व्यस्त हैं, लेकिन जनता को मिलने वाले पानी की गुणवत्ता कितनी निम्न स्तर पर जा रही है, उसकी चिंता नहीं, जबकि दिल्ली जल बोर्ड के अध्यक्ष स्वयं केजरीवाल हैं। उनकी इस कमी को विरोधी यानि भाजपा भुनाने का प्रयास कर रही है।
दिल्ली विधानसभा चुनावों से कुछ समय पहले ही अरविंद केजरीवाल को जल स्वच्छता और प्रदेश में प्रदूषण को लेकर कई ओर से घेरा जा रहा है। इसी बीच पोस्टरबाजी की राजनीति भी तेज हो गई है। पहले गौतम गंभीर के ख़िलाफ़ AAP कार्यकर्ताओं ने पोस्टर लेकर प्रदर्शन किया था और अब भाजपा के युवा मोर्चा ने दिल्ली भाजपा के पूर्व अध्यक्ष सतीश उपाध्याय के नेतृत्व में पोस्टर हाथ में लेकर केजरीवाल के ख़िलाफ़ प्रदर्शन किया है।
इन पर लिखा है, “क्या आपने दिल्ली जल बोर्ड के चेयरमैन अरविंद केजरीवाल को देखा है।” इसके अलावा इन पोस्टर्स में लिखा है कि दिल्ली के 20 शहरों के पानी का सर्वे हुआ है, जिसमें दिल्ली का पानी सबसे जहरीला पाया गया है।
इन पोस्टरों से दिल्ली की दीवारें पटी हुई हैं, तो इस पोस्टर की भी कमी नहीं, जिस पर लिखा है "बिजली फ्री, पानी फ्री और अब प्रदुषण फ्री", क्योकि प्राप्त समाचारों के अनुसार, केजरीवाल सरकार ने प्रदुषण मद का केवल 20% ही प्रयोग किया है।
अभी हाल में ही केंद्रीय खाद्य एवं उपभोक्ता मंत्री रामविलास पासवान ने पेयजल की गुणवत्ता के आधार पर देश के प्रमुख शहरों की रैंकिंग जारी की थी। जिसमें दिल्ली का पानी सबसे खराब बताया गया था। इस रिपोर्ट के सामने आते ही विपक्ष ने सत्ताधारी आम आदमी पार्टी को घेरना शुरु कर दिया था। भाजपा सांसद गौतम गंभीर ने खुद को ट्रोल किए जाने वाले मुद्दे को उठाकर पूछा था कि ‘जल या जलेबी।’
उन्होंने इशारा किया था कि उनके जलेबी खाने पर उन्हें ट्रोल कर लिया गया, लेकिन दिल्ली जल बोर्ड के अध्यक्ष होने के बाद भी उनकी ओर से पानी गुणवत्ता को सुधारने के लिए क्या किया गया। उनके अनुसार केजरीवाल ने दिल्ली वालों को पानी मुफ्त दिया, लेकिन उसे जहरीला करके।
हालाँकि पेयजल पर जारी की गई गुणवत्ता वाली रिपोर्ट पर केजरीवाल ने दावा किया है वो बिलकुल गलत है और दिल्ली में पीने वाला पानी एकदम साफ़ है। 9 माह में जाँच के लिए उठाए गए पानी के सिर्फ 1.43 फीसद (करीब डेढ़ फीसद से भी कम) सैंपल ही गुणवत्ता के मानक पर खरे नहीं उतरे। जबकि 98.57 फीसद पानी के सैंपल सही पाए गए।
वहीं, जल बोर्ड के उपाध्यक्ष दिनेश मोहनिया ने ट्वीट कर कहा कि इस साल जनवरी से सितंबर तक विभिन्न इलाकों से 1 लाख 55 हजार 302 सैंपल लिए गए। जिसमें से सिर्फ 2,222 सैंपल दूषित पाए गए। वहीं 1 लाख 53 हजार 80 सैंपल सही पाए गए।
पासवान ने केजरीवाल को चुनौती दी है कि वे भारतीय मानक ब्यूरो की जिस रिपोर्ट को गलत बता रहे हैं, वह उसे साबित करके दिखाएँ। केंद्रीय मंत्री पासवान ने केजरीवाल से कहा, “मैं आपको चुनौती देता हूँ कि आप अपने अधिकारियों से एक टीम भेजने को कहें जिसमें बीआइएस के अफसर भी शामिल हों। वे किसी भी इलाके में जाकर नमूना लें और उसकी जाँच किसी भी प्रयोगशाला में कराएँ। केजरीवाल आज शाम अथवा कल या परसों तक अफसरों को नामित करें।”
ये रिपोर्ट भाजपा नेता डॉ हर्षवर्धन द्वारा भी उनके ट्विटर हैंडल पर शेयर की गई है। जिसपर प्रतिक्रिया देते हुए केजरीवाल ने कहा, “सर आप तो डॉक्टर हैं। आप तो जानते हैं सर ये रिपोर्ट झूठी है और राजनीति से प्रेरित है। आप जैसे व्यक्ति को गंदी राजनीति का हिस्सा नहीं बनना चाहिए।”
ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड यानी BIS ने 20 राज्यों के कई शहरों के पानी की गुणवत्ता की जांच एक निजी लैब में करवाने के बाद ये पाया कि दिल्ली का पानी सबसे प्रदूषित है. दिल्ली में कृषि मंत्रालय, बुराड़ी, सोनिया विहार समेत खुद खाद्य एवं उपभोक्ता मंत्रालय के केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान का 12 जनपथ तक के घर के पानी का सैंपल 19 मापदंडो पर फेल मिला. इस पानी का TDS, PH, एल्यूमिनियम, नाइट्रेट, डिटरजेंट के अलावा E.coli जैसे बैक्टीरिया भी मिले हैं. सबसे प्रदूषित पानी में दिल्ली के बाद कोलकाता, चेन्नई, देहरादून और जयपुर का नंबर है. दिल्ली में पानी सप्लाई का जिम्मा दिल्ली जलबोर्ड के हवाले हैं.
सबसे साफ पानी मुंबई का
BIS की जांच में मुंबई का पानी सबसे साफ पाया गया है. मुंबई के बाद हैदराबाद, भुवनेश्वर, रांची, रायपुर, अमरावती और शिमला का पानी साफ पाया गया है.
पानी की जांच के पीछे राजनीतिक कारण नहीं
खाद्य एवं उपभोक्ता मामलों के मंत्री रामविलास पासवान ने साफ किया है कि पानी की इस रैंकिंग के कोई राजनीतिक मायने न निकाले जाए. उनके मंत्रालय के पास कई जगहों से अनुरोध आया था कि पानी के शुद्धता की जांच की जाए. इस पर उन्होंने देशभर में पानी के सैंपल लेकर उनकी जांच करवाई.
एक तरफ दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल पुनः सत्ता प्राप्त करने जनता को फ्री में बिजली(वैसे चर्चा है कि फ्री बिजली केवल मार्च यानि चुनाव तक ही है), पानी, महिलाओं को फ्री बस यात्रा आदि से लुभाने में व्यस्त हैं, लेकिन जनता को मिलने वाले पानी की गुणवत्ता कितनी निम्न स्तर पर जा रही है, उसकी चिंता नहीं, जबकि दिल्ली जल बोर्ड के अध्यक्ष स्वयं केजरीवाल हैं। उनकी इस कमी को विरोधी यानि भाजपा भुनाने का प्रयास कर रही है।
दिल्ली विधानसभा चुनावों से कुछ समय पहले ही अरविंद केजरीवाल को जल स्वच्छता और प्रदेश में प्रदूषण को लेकर कई ओर से घेरा जा रहा है। इसी बीच पोस्टरबाजी की राजनीति भी तेज हो गई है। पहले गौतम गंभीर के ख़िलाफ़ AAP कार्यकर्ताओं ने पोस्टर लेकर प्रदर्शन किया था और अब भाजपा के युवा मोर्चा ने दिल्ली भाजपा के पूर्व अध्यक्ष सतीश उपाध्याय के नेतृत्व में पोस्टर हाथ में लेकर केजरीवाल के ख़िलाफ़ प्रदर्शन किया है।
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शाहदरा में अक्सर ऐसा गन्दा पानी आने लगता है, जिस कारण टंकी में भरा पानी भी नाली में बहना पड़ता है। |
इन पोस्टरों से दिल्ली की दीवारें पटी हुई हैं, तो इस पोस्टर की भी कमी नहीं, जिस पर लिखा है "बिजली फ्री, पानी फ्री और अब प्रदुषण फ्री", क्योकि प्राप्त समाचारों के अनुसार, केजरीवाल सरकार ने प्रदुषण मद का केवल 20% ही प्रयोग किया है।
अभी हाल में ही केंद्रीय खाद्य एवं उपभोक्ता मंत्री रामविलास पासवान ने पेयजल की गुणवत्ता के आधार पर देश के प्रमुख शहरों की रैंकिंग जारी की थी। जिसमें दिल्ली का पानी सबसे खराब बताया गया था। इस रिपोर्ट के सामने आते ही विपक्ष ने सत्ताधारी आम आदमी पार्टी को घेरना शुरु कर दिया था। भाजपा सांसद गौतम गंभीर ने खुद को ट्रोल किए जाने वाले मुद्दे को उठाकर पूछा था कि ‘जल या जलेबी।’
उन्होंने इशारा किया था कि उनके जलेबी खाने पर उन्हें ट्रोल कर लिया गया, लेकिन दिल्ली जल बोर्ड के अध्यक्ष होने के बाद भी उनकी ओर से पानी गुणवत्ता को सुधारने के लिए क्या किया गया। उनके अनुसार केजरीवाल ने दिल्ली वालों को पानी मुफ्त दिया, लेकिन उसे जहरीला करके।
सर, आप तो डॉक्टर हैं। आप जानते हैं कि ये रिपोर्ट झूठी है, राजनीति से प्रेरित है। आप जैसे व्यक्ति को ऐसी गंदी राजनीति का हिस्सा नहीं बनना चाहिए। https://t.co/1qAPxXORcw— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) November 17, 2019
भाजपा युवा मोर्चा ने Missing Kejriwal का पोस्टर लेकर किया प्रदर्शन, पूछा क्या आपने देखा है?https://t.co/lMlV4TQVHS— Satish Upadhyay (@upadhyaysbjp) November 19, 2019
Delhi: BJP Yuva Morcha lead by party leader Satish Upadhyay holds a protest with posters reading 'Have you seen Delhi Jal Board Chairman Arvind Kejriwal?'; In rankings released by Bureau of Indian Standards on quality of tap water, Delhi is at the bottom. pic.twitter.com/uCAiY7vlWu— ANI (@ANI) November 19, 2019
हालाँकि पेयजल पर जारी की गई गुणवत्ता वाली रिपोर्ट पर केजरीवाल ने दावा किया है वो बिलकुल गलत है और दिल्ली में पीने वाला पानी एकदम साफ़ है। 9 माह में जाँच के लिए उठाए गए पानी के सिर्फ 1.43 फीसद (करीब डेढ़ फीसद से भी कम) सैंपल ही गुणवत्ता के मानक पर खरे नहीं उतरे। जबकि 98.57 फीसद पानी के सैंपल सही पाए गए।
वहीं, जल बोर्ड के उपाध्यक्ष दिनेश मोहनिया ने ट्वीट कर कहा कि इस साल जनवरी से सितंबर तक विभिन्न इलाकों से 1 लाख 55 हजार 302 सैंपल लिए गए। जिसमें से सिर्फ 2,222 सैंपल दूषित पाए गए। वहीं 1 लाख 53 हजार 80 सैंपल सही पाए गए।
पासवान ने केजरीवाल को चुनौती दी है कि वे भारतीय मानक ब्यूरो की जिस रिपोर्ट को गलत बता रहे हैं, वह उसे साबित करके दिखाएँ। केंद्रीय मंत्री पासवान ने केजरीवाल से कहा, “मैं आपको चुनौती देता हूँ कि आप अपने अधिकारियों से एक टीम भेजने को कहें जिसमें बीआइएस के अफसर भी शामिल हों। वे किसी भी इलाके में जाकर नमूना लें और उसकी जाँच किसी भी प्रयोगशाला में कराएँ। केजरीवाल आज शाम अथवा कल या परसों तक अफसरों को नामित करें।”
ये रिपोर्ट भाजपा नेता डॉ हर्षवर्धन द्वारा भी उनके ट्विटर हैंडल पर शेयर की गई है। जिसपर प्रतिक्रिया देते हुए केजरीवाल ने कहा, “सर आप तो डॉक्टर हैं। आप तो जानते हैं सर ये रिपोर्ट झूठी है और राजनीति से प्रेरित है। आप जैसे व्यक्ति को गंदी राजनीति का हिस्सा नहीं बनना चाहिए।”
ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड यानी BIS ने 20 राज्यों के कई शहरों के पानी की गुणवत्ता की जांच एक निजी लैब में करवाने के बाद ये पाया कि दिल्ली का पानी सबसे प्रदूषित है. दिल्ली में कृषि मंत्रालय, बुराड़ी, सोनिया विहार समेत खुद खाद्य एवं उपभोक्ता मंत्रालय के केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान का 12 जनपथ तक के घर के पानी का सैंपल 19 मापदंडो पर फेल मिला. इस पानी का TDS, PH, एल्यूमिनियम, नाइट्रेट, डिटरजेंट के अलावा E.coli जैसे बैक्टीरिया भी मिले हैं. सबसे प्रदूषित पानी में दिल्ली के बाद कोलकाता, चेन्नई, देहरादून और जयपुर का नंबर है. दिल्ली में पानी सप्लाई का जिम्मा दिल्ली जलबोर्ड के हवाले हैं.
सबसे साफ पानी मुंबई का
BIS की जांच में मुंबई का पानी सबसे साफ पाया गया है. मुंबई के बाद हैदराबाद, भुवनेश्वर, रांची, रायपुर, अमरावती और शिमला का पानी साफ पाया गया है.
पानी की जांच के पीछे राजनीतिक कारण नहीं
खाद्य एवं उपभोक्ता मामलों के मंत्री रामविलास पासवान ने साफ किया है कि पानी की इस रैंकिंग के कोई राजनीतिक मायने न निकाले जाए. उनके मंत्रालय के पास कई जगहों से अनुरोध आया था कि पानी के शुद्धता की जांच की जाए. इस पर उन्होंने देशभर में पानी के सैंपल लेकर उनकी जांच करवाई.
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