मोबाइल टॉर्च और मोमबत्ती की रोशनी में कथित तौर पर 35 महिलाओं की नसबंदी का मामला मध्यप्रदेश में सतना के बिरसिंहपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र से आया है। ऑपरेशन के बाद मरीज़ों को फर्श पर ही लिटाने का भी आरोप परिजनों ने लगाया है। सतना जिला मुख्यालय से 40 किलोमीटर की दूरी पर स्थित बिरसिंहपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में नवम्बर 30 को 35 महिलाओं की नसबंदी किया जाना था। घरवालों का आरोप है कि उन्हें सुबह 9 बजे बुलवा लिया गया, लेकिन डॉक्टर शाम 5:00 बजे के बाद अस्पताल पहुंचे। यही नहीं ऑपरेशन भी शुरू हुआ तो अंधेरा होने के बाद। अस्पताल में ना तो पर्याप्त बेड थे ना ही कंबल और ना ही बिजली का सही इंतज़ाम। बिजली जाने के बाद अस्पताल में जनरेटर भी चालू हालत में नहीं था। त्रिवेणी पांडे, विक्रम साकेत और सुरेश जैसे लोगों ने सीधे अस्पताल और डॉक्टरों पर लापरवाही के आरोप लगाये वहीं डॉक्टर नरेन्द्र सिंह का कहना था कि ऑपरेशन के वक्त ओटी में बिजली चली गई लेकिन ऑपरेशन के यंत्रों में रोशनी होती है जिससे सर्जरी पूरी की गई, लेकिन चूंकि मरीज़ों को टांके लगाने ज़रूरी थी इसलिये उन्हें ओटी से बाहर निकालकर टांके लगाये गये।
मोबाइल टार्च और मोमबत्ती की रोशनी में नसबंदी का आरोप, सतना जिले का मामला @AunindyoC @OfficeOfKNath @ChouhanShivraj @BJP4MP @INCMP @ndtvindia #justiceforpriyanakareddy #RIPHumanity #HyderabadHorror pic.twitter.com/FvoxVGqcEL— Anurag Dwary (@Anurag_Dwary) November 30, 2019
इस मामले में ज़िला स्वास्थ्य अधिकारी अशोक अवधिया का कहना था कि डॉक्टरों ने उन्हें बताया कि 5-7 मिनट के लिये बिजली गई थी, फिर भी वो इस बारे में लिखित में स्पष्टीकरण मांगेंगे, क्योंकि इस बात को लेकर सख्त निर्देश हैं कि मरीजों को बेड कंबल की व्यवस्था के बिना ऑपरेशन नहीं किया जा सकता है।
वैसे सतना से कुछ ही दिनों पहले विदिशा ज़िले में 41 महिलाओं को ऑपरेशन के बाद अस्पताल के फर्श पर लिटाने का मामला सामने आया था फरवरी में कटनी ज़िले में भी इस तरह का मामला सामने आ चुका है।
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