
स्कूल का निरीक्षण करने पहुंचे डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट देवेंद्र कुमार पांडेय ने कहा, 'महिला टीचर को तत्काल प्रभाव से सस्पेंड कर दिया जाना चाहिए। वह एक इंग्लिश टीचर है। इसके बाद भी वह एक लाइन इंग्लिश में नहीं पढ़ सकतीं।' इंग्लिश टीचर के इंग्लिश न पढ़ पाने की वजह से डीएम काफी उखड़ गए। जब महिला टीचर ने अपनी सफाई पेश करने की कोशिश की तो अधिकारी ने कहा, 'ये क्या है, आप बीए पास हैं, या नहीं हैं? मैंने आपसे बुक से ट्रांसलेट करने के लिए नहीं कहा, मैंने किताब से कुछ लाइन आपसे पढ़ने के लिए कहा और आप ऐसा भी नहीं कर सकीं।'
#WATCH Unnao: An English teacher fails to read a few lines of the language from a book after the District Magistrate, Devendra Kumar Pandey, asked her to read during an inspection of a govt school in Sikandarpur Sarausi. (28.11) pic.twitter.com/wAVZSKCIMS— ANI UP (@ANINewsUP) November 30, 2019
डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट देवेंद्र कुमार पांडेय नवम्बर 29 को सिकंदरपुर सरोसी में स्कूल के निरीक्षण के लिए अचानक पहुंच गए। उन्होंने पहले क्लास में मौजूद बच्चों से इंग्लिश की किताब में से कुछ लाइनें पढ़ने के लिए कहा। जब बच्चे पढ़ते समय अटकने लगे तो उन्होंने महिला टीचर से किताब की कुछ लाइनें पढ़ने को कहा। अधिकारी ये देखकर खफा हो गए कि टीचर भी उन लाइनों को ढंग से नहीं पढ़ पा रही हैं। इसके बाद डीएम ने बेसिक शिक्षा अधिकारी (BSA) को टीचर को सस्पेंड करने के लिए कहा। बीएसए प्रदीप कुमार पांडेय ने कहा, 'जब डीएम अपनी रिपोर्ट दे देंगे उसके बाद इस मामले में आगे कार्रवाई की जाएगी।'
ये कोई पहला अवसर नहीं, जब किसी अध्यापिका को अयोग्य पाया जा रहा है। पिछले कई वर्षों से सोशल मीडिया पर ऐसे वीडियो आते रहे हैं, जहाँ अध्यापक/अध्यापिका इंग्लिश में दिन एवं महीना भी ठीक नहीं लिखते पाए गए। लेकिन उस समय तक सोशल मीडिया इतना प्रभावी नहीं था। इतना ही नहीं, टीचर तो टीचर प्रिंसिपल तक को यह नहीं मालूम कि उनके प्रदेश के मुख्यमंत्री और देश के प्रधानमंत्री का नाम क्या है। टीचर का कक्षा में आराम से सोना एवं मसाज करवाने तक के वीडियो सोशल मीडिया पर आते रहे हैं, परन्तु कोई कार्यवाही नहीं हुई। ऐसे में प्रश्न होता है कि आखिर किस अनपढ़ नेता/अधिकारी के आग्रह पर ऐसे टीचरों की नियुक्ति हुई? जिस दिन गंभीरता से उत्तर प्रदेश, बिहार, और मध्य प्रदेश के कुछ प्रांतों में स्कूलों की जाँच करने पर आधे से अधिक टीचर सड़क पर आ जाएंगे।
इससे दो दिन पहले उत्तर प्रदेश के ही सोनभद्र का स्कूल भी गलत खबरों के कारण चर्चा में आया था। उस समय प्राइमरी स्कूल में एक लीटर दूध को बाल्टी भर पानी में मिलाकर बच्चों को पिलाने का मामला सामने आया था। हालांकि इसके बाद दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए उन्हें सस्पेंड कर दिया गया था।
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