दिल्ली में ‘मुफ्त बिजली’ का काला सच: चुनाव बाद लगेंगे पैसे


केजरीवालआर.बी.एल.निगम, वरिष्ठ पत्रकार 
अपनी विवादित टिप्पणियों के चलते हमेशा चर्चा में रहने वाले दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की पूरी राजनीति मानो झूठे वादों और नौटंकी पर ही टिकी हुई है। झूठ की सियासत करने वाले केजरीवाल का एक और झूठ बिजली के बिल माफ़ करने को लेकर सामने आया है। दरअसल, केजरीवाल यह कहते नज़र आ रहे हैं कि उनकी सरकार ने दिल्ली की जनता को 200 यूनिट तक बिजली मुफ़्त में देने का फ़ैसला किया है और इससे काफ़ी लोगों को फ़ायदा मिल रहा है। जबकि उनके इस खोखले दावे की सच्चाई यह है कि केजरीवाल सरकार ने सिर्फ़ चुनाव के मद्देनज़र यह सियासी खेल खेला है।
देखिये इस लिंक को:-
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जनता को यह नहीं बताया गया कि यह छूट केवल दिल्ली विधान सभा चुनाव तक ही सीमित है। इतना ही नहीं एक कार्यक्रम में मुख्यमंत्री बड़े फक्र से यह कह रहे हैं कि "जब मंत्रियों को 4000 यूनिट फ्री मिल रहे हैं, तो जनता को 200 यूनिट फ्री दे कर क्या गलत कर रहा हूँ। ये भाजपा वाले जनता को कुछ देना नहीं चाहते।"(इस वीडियो को सुनने के लिए नीचे लिंक का अवलोकन करें) जबकि यह छूट स्थायी नहीं अस्थाई है।  
इस तरह सरकारी धन पर जो वोट खरीदने का खुलेआम व्यापार हो रहा है, इस बात का कांग्रेस और न ही भाजपा ने संज्ञान लेकर, चुनाव आयोग से शिकायत की है। आखिर कब तक भाजपा और कांग्रेस केजरीवाल की इन भ्रमित नीतियों पर आंखें खोलते? कब तक जनता आम आदमी पार्टी की इन गलत नीतियों का शिकार होती रहेगी? कब तक जनता को पागल बनाया जाता रहेगा?
संभव है, विधान सभा चुनावों उपरांत पुनः बिजली बिल भुगतान करते समय जनता से ही किसी न किसी रूप में भरपाई हो सकती है। वह भरपाई अन्य मदों में टैक्स के रूप में हो या बिजली टैरिफ में हो, यह तो समय ही बताएगा। लेकिन भाजपा और कांग्रेस को इस मुद्दे को गंभीरता से लेकर वर्तमान दिल्ली सरकार को बेनकाब करना होगा।   
दिल्ली विधानसभा की आधिकारिक वेबसाइट पर जो मुफ़्त बिजली बिल से संबंधित दस्तावेज़ उपलब्ध हैं, उसके अनुसार, सिर्फ़ 31 मार्च 2020 तक ही 200 यूनिट मुफ़्त बिजली का प्रावधान किया गया है। दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल अपनी चुनावी राजनीति को अंजाम देते हुए जनता को बरगलाने की कोशिश कर रहे हैं कि उन्होंने दिल्ली वासियों के हित में कई अहम फ़ैसले लिए हैं, इनमें मुफ़्त बिजली भी शामिल है।
केजरीवाल ने अपने झूठ को भले ही सामने न आने दिया हो, लेकिन सोशल मीडिया के इस युग में लोगों की नज़र से कुछ नहीं बच पाता। देर-सवेर लोग इन चुनावी दावों की तह तक पहुँच ही जाते हैं और खोज लाते हैं इसकी असल हक़ीकत। ऐसा ही मुफ़्त बिजली के खोखले दावों के साथ भी हुआ। यूज़र्स ने आधिकारिक वेबसाइट के दस्तावेज़ को संलग्न करते हुए केजरीवाल के झूठ का पर्दाफ़ाश किया।

इसके अलावा, भाजपा के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी ने दिल्ली में 200 यूनिट तक बिजली का बिल माफ़ करने की मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की घोषणा को चुनावी लॉलीपॉप बताया था। उन्होंने तंज कसते हुए कहा था कि जब भी चुनाव आते हैं, अरविंद केजरीवाल मुफ़्त वाली घोषणाएँ करने में जुट जाते हैं
अवलोकन करें:-
उन्होंने दिल्ली सचिवालय से प्राप्त एक दस्तावेज़ (सर्कुलर) का हवाला देते हुए इस बात का भी ज़िक्र किया था कि 31 मार्च 2020 के बाद मुफ़्त बिजली का कोई उल्लेख ही नहीं है।

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