
दिल्ली में भाजपा की सरकार बनते ही सरकारी जमीनों पर बने धार्मिक स्थलों को सरकारी जमीन से खाली कराया जाएगा ।दिल्ली में 54 से ज़्यादा मस्जिद, मदरसे सरकारी जमीन पर बने होने की शिकायत अभी तक आई है। सूची दिल्ली के उपराज्यपाल को पहले ही दी जा चुकी है।#PTI— Parvesh Sahib Singh (@p_sahibsingh) January 18, 2020
कोई भी मन्दिर या गुरुद्वारा अवैध जमीन पर नहीं
दिल्ली विधानसभा की 70 सीटों के लिए मतदान फरवरी 08, 2020 को होगा और 11 फरवरी को चुनाव परिणाम की घोषणा होगी। BJP सांसद प्रवेश साहिब सिंह वर्मा ने ट्वीट में लिखा है, “दिल्ली में भाजपा की सरकार बनते ही उन सरकारी जमीनों को खाली कराया जाएगा, जिन पर धार्मिक स्थलों का निर्माण किया गया है। दिल्ली में 54 से ज्यादा मस्जिद, मदरसे सरकारी जमीन पर बने होने की शिकायत अभी तक आई है। सूची दिल्ली के उपराज्यपाल को पहले ही दी जा चुकी है।”
गत सोमवार को ही वर्मा ने कहा था कि अगर उन्हें दिल्ली में किसी भी मंदिर या गुरुद्वारा द्वारा सरकारी जमीन पर अतिक्रमण किए जाने की शिकायत मिलेगी तो वह इस मामले को प्रशासन के समक्ष उठाएँगे। हालाँकि, उन्होंने एक संवाददाता सम्मेलन में यह भी कहा, “लेकिन कोई भी मंदिर या गुरुद्वारा सरकारी जमीन पर बना हुआ नहीं मिला। सिर्फ मस्जिद ही सरकारी जमीन पर बने हुए मिले हैं।”
दिल्ली में 54 सरकारी जमीनों पर मस्जिद और कब्रिस्तान का अवैध कब्ज़ा
लोकसभा चुनाव 2019 से ठीक पहले दिल्ली में केजरीवाल सरकार पर सरकारी जमीनों पर मस्जिद और कब्रिस्तानों को लेकर चुप्पी साधे रहने को लेकर दबाव बनाया गया था। दिल्ली से बीजेपी सांसद प्रवेश वर्मा ने जुलाई 11, 2019 को सरकारी जमीनों पर लगातार हो रहे अतिक्रमण को लेकर उपराज्यपाल अनिल बैजल से मुलाकात की थी।
इस दौरान 54 ऐसी सरकारी जमीनों की लिस्ट उपराज्यपाल को सौंपी गई थी, जिन पर अवैध रूप से मजार, मस्जिद और कब्रिस्तान बनाए गए हैं। उपराज्यपाल ने कहा था कि इन सभी जगहों की पड़ताल की जाएगी और अगर ऐसा कुछ पाया जाएगा तो उन कब्जों को हटाया जाएगा।
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