
आर.बी.एल.निगम, वरिष्ठ पत्रकार
उत्तर प्रदेश में नागरिकता संशोधन कानून पर मचे उपद्रव पर उत्तर प्रदेश सरकार सख्ती बरतने में कोई कोताई नहीं कर रही। वोट के भूखे ने अपनी कुर्सी की खातिर जिस तरह मुस्लिम समाज को भ्रमित कर हिंसा पर उतरने को मजबूर किया, और बिना कुछ समझे नेताओं की भ्रमित बातों में आकर प्रदेश को अशान्त करने का दुस्साहस किया, उन्हें सबक सिखाने कमर कसली है। दिल्ली के जामिया मुस्लिम यूनिवर्सिटी से मचे उपद्रव को देश के अन्य भागों तक ले गए। परिणामस्वरुप, उपद्रवियों ने पुलिस पर बर्बरता, निजी एवं सरकारी सम्पत्तियों को आग के हवाले किया।
नेताओं की भड़काऊ बातों में अलीगढ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के जो उपद्रवी छात्र रडार पर आए हैं, उनका भविष्य इन नेताओं के कारण अंधकारमय होने जा रहा है। गुंडा एक्ट के तहत कार्यवाही होने पर शायद ये नेता भी इनको अपने कार्यालय में स्थान न दे पाएं। नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के विरोध के नाम पर अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (AMU) में हिंसा भड़काने वाले 12 लोगों की पुलिस ने पहचान कर ली है। इन पर गुंडा एक्ट के तहत कार्रवाई होगी। प्रशासन इन्हें 6 महीने के लिए जिलाबदर करने की तैयारी में भी है। इनमें एएमयू छात्र संघ का अध्यक्ष सलमान इम्तियाज भी है। मीडिया रिपोर्टों के अनुसार इनमें पॉंच पूर्व छात्र हैं और इनका आपराधिक अतीत भी रहा है।
इनलोगों पर मुस्लिम भीड़ को उकसाने और पुलिस पर हमला करने के लिए भड़काने का आरोप है। घटना 15 दिसंबर की है। सीसीटीवी फुटेज को खॅंगालने के बाद पुलिस ने इनकी पहचान की है। फुटेज एएमयू प्रशासन ने मुहैया कराए थे। पुलिस ने बताया कि इनमें से पॉंच पूर्व छात्र हैं। इन्हें जिले की शांति के लिए खतरा बताया गया है। साथ ही कहा गया है कि इनका आपराधिक रिकॉर्ड है। अलीगढ़ के एसएसपी आकाश कुल्हाड़ी ने बताया, “मैंने डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट को पत्र लिखकर इनके खिलाफ गुंडा एक्ट की तहत कार्रवाई करने की इजाजत मॉंगी है। इन्हें छह महीने के लिए जिलाबदर भी किया जा सकता है।”
आरोपितों में शामिल हुज़ैफ़ा आमिर एएमयू छात्र संघ का सचिव रहा है। हमजा सूफ़िया छात्र संघ का उपाध्यक्ष रहा है। नदीम अंसारी, आमिर, मिंटो और उस्मानी- इन पाँचों के अलावा एएमयू स्टूडेंट्स यूनियन के अध्यक्ष सलमान इम्तियाज़ का नाम भी एफआईआर में शामिल किया गया है। हमजा और हुज़ैफ़ा को एएमयू ने 5 सालों के लिए निकाल दिया गया था, क्योंकि उन्होंने वीसी ऑफिस में दंगा किया था। उन पर जुलाई 2019 में ही ये कार्रवाई की गई थी। दोनों ने यूनिवर्सिटी के कर्मचारियों के साथ भी दुर्व्यवहार किया था।
Omar Saleem Peerzada,Aligarh Muslim University (AMU) PRO:Campus is normal now.AMU administration intends to open the University in phases.Vice Chancellor had written a letter to students expressing his sadness over the incident of Dec 15&injuries sustained by protesting students. pic.twitter.com/NeRv75QuH1— ANI UP (@ANINewsUP) December 31, 2019
15 दिसंबर को रात आठ बजे एएमयू में अचानक छात्रों ने पथराव और फायरिंग शुरू कर दी थी। उपद्रवी छात्र जामिया में हुई पुलिस कार्रवाई के विरोध में उग्र हो गए थे। दंगाई छात्रों के उपद्रव के कारण डीआइजी समेत कई पुलिस अधिकारियों को चोट लगी थी। पुलिस को दंगाई छात्रों को रोकने के लिए आँसू गैस के गोले छोड़ने पड़े थे और लाठीचार्ज करना पड़ा था। इस मामले में पुलिस ने 78 नामजद व 1300 अज्ञात लोगों के ख़िलाफ़ सिविल लाइंस थाने में मुकदमा दर्ज कराया था। अब पुलिस आगे की कार्रवाई में जुट गई है।
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