आर.बी.एल.निगम, वरिष्ठ पत्रकार
ऐसा लगता है मानो जैसे-जैसे समय बीत रहा है, CAA-NRC का विरोध अब शाहीन बाग़ से होते हुए अपने असली रंग में आने लगा है। देशद्रोही नारे लगाने के कारण गिरफ्तार हुए शरजील इमाम के पकड़े जाने के ठीक एक दिन बाद ही सोशल मीडिया पर एक नया वीडियो शेयर होते देखा जा रहा है। इस वीडियो में CAA के विरोध प्रदर्शन के लिए जमा भीड़ को एक वकील द्वारा विशेष ब्रांड और कम्पनी के आर्थिक बहिष्कार की सलाह देते हुए देखा जा सकता है।
CAA विरोध के नाम पर आर्थिक जिहाद की माँग
CAA विरोधी मुसलमानों को स्वामी रामदेव, रिलायंस,अम्बानी और अडानी के उत्पादों के बहिष्कार करने के लिए बोल सकते हैं, लेकिन आज तक किसी में चीनी उत्पादों के बहिष्कार करने की हिम्मत नहीं हुई, जहाँ पर अब नए कुरान लिखे जाने की कवायद शुरू होने के अलावा इस्लाम पर इतनी पाबंदियां लगाई जा चुकी हैं, जिसका समय-समय पर अपने ब्लॉग में उल्लेख भी करता रहा हूँ। यदि इसका एक प्रतिशत भी भारत में हो रहा होता, CAA से कहीं अधिक चीख-पुकार हो रही होने के साथ-साथ सारे मानवाधिकार वाले भी शोर मचा रहे होते। लेकिन चीन में मुसलमानों पर हो रहे अत्याचारों पर सब खामोश हैं, क्यों? इस बात को विश्व भी जनता है कि मुसलमान जितना सुरक्षित भारत में है, कहीं और नहीं।
टाइम्स एक्सप्रेस द्वारा शेयर किए गए इस वीडियो को बीजेपी नेता संबित पात्रा ने भी अपने ट्विटर अकाउंट से शेयर किया है।
टाइम्स एक्सप्रेस के अनुसार, यह वीडियो उस वक़्त बनाया गया है जब वकील भानु प्रताप सिंह ने CAA पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के बाद दिल्ली के मुस्तफाबाद में धरने पर बैठी जनता को संबोधित कर रहे थे।
इस वीडियो में वकील भानु प्रताप भीड़ को सम्बोधित करते हुए कह रहे हैं- “खुद को हिंदुस्तानी कहना बंद करो, हम भारतीय हैं। इस सरकार की सबसे बड़ी ताकत मीडिया है। वो मीडिया आज की तारीख में अम्बानी ने खरीद लिए हैं। ये अम्बानी ही आरएसएस और भाजपा की पैसे की तिजोरी हैं। बताओ हम टीवी देखकर किसे पैसा दे रहे हैं? अम्बानी को दे रहे हैं या नहीं? हम इनकी रीढ़ की हड्डी तोड़ देंगे। क्या ये सीरियल और पिक्चर हमारे आंदोलन से बढ़कर हैं? हम अपना पैसा दुश्मन को क्यों दें? हम अपना एक भी पैसा रिलायंस को नहीं देंगे। हम इस रिलायंस की कमर तोड़ देंगे।”
“….रवीश जी ने कहा था टीवी मत देख, हम नहीं माने। लेकिन अब तो मानो, सरकार हमें दफन करना चाहती है, मारना चाहती है। सरकार के पास पैसा, पुलिस, फ़ौज और अदालतें भी हैं। हमारे पास कुछ भी नहीं है, ना सरकार, ना फ़ौज, ना पुलिस। हमारे पास बस हमारी एकता और बुद्धि है। इसी बुद्धि का इस्तेमाल कर के आज यहाँ सब लोग निर्णय करो, हम आज से टीवी पर ताला लगा देंगे, टीवी नहीं देखेंगे। रिलायंस के जितने भी… जिओ के मोबाइल हैं, सब चेंज करो, एयरटेल के लो, चाहे आईडिया के लो, चाहे वोडाफोन के खरीदो, जिसके लो लेकिन रिलायंस की कमर तोड़नी है चाहे जो हो जाए। इसके अलावा रिलायंस का पेट्रोल पम्प, जितने भी उत्पादन हैं, कोई भी रिलायंस का उत्पादन, सबका बहिष्कार करो।”
“….इसके साथ-साथ इस रामदेव के जितने भी उत्पादन हैं सब कचरा हैं। सब गाय और गोबर ही तो खिला रहा है वो। इसको बंद करो। रामदेव का सब पैसा हमारे खिलाफ जाता है। हमारा ही पैसा, अधिकतर पैसा आरएसएस के लिए हथियार खरीदने के काम आ रहा है। हम इन दुश्मनों की कमर और रीढ़ की हड्डी तोड़ देंगे। जिसकी रीढ़ टूट जाती है, कभी सीधा खड़ा नहीं हो पाता है। ये काम हमें करना है, ये काम हम ही कर सकते हैं, कोई दूसरा नहीं करेगा।”
वकील भानू प्रताप आगे कहते हैं- “अपने दोस्त, रिश्तेदारों को समझाओ, हम लड़ाई के मैदान में हैं, हम पिकनिक नहीं कर रहे, हम सैर मनाने नहीं आए हैं, लड़ाई की रणनीति हमें अपनानी पड़ेगी और उसका इस्तेमाल करना होगा। अब बस एक जरुरी बात बताना चाहूँगा, साथियों हम सबको सबसे ज्यादा दिक्क्त पुलिस से होती है। क्योंकि कानून हमें मालूम नहीं है और हमारी अज्ञानता का वो फायदा उठाते हैं। ना हम अखिलेश यादव के भरोसे हैं, ना उस दिल्ली के मुख्य्मंत्री केजरीवाल के भरोसे हैं, जो इस आंदोलन में अभी तक एक बार भी नहीं आया।”
कुछ दिनों पहले तक कई खबरें आये दिन आती थी जिसमे मुस्लिम कट्टरपंथी कहते थे की हम वन्दे मातरम नहीं कहेंगे, और कई घटनाओं में तो जन गन मन का भी विरोध किया गया, पर इन दिनों देश भर में यही तत्व तिरंगा लेकर चल रहे है और राष्ट्रगान गा रहे है।
असल में ये एक सोची समझी चाल है और इस बात को खुद मुस्लिम पत्रकार अरफा खानुम ने स्वीकार किया है, जहाँ सभी धर्म के लोग होते है वहां पर सेकुलरिज्म, देशभक्ति की बात करो, पर जहाँ पर सभी मुसलमान हो वहां पर इस्लामिक हुकूमत की बात करो।
अरफा खानुम का विडियो सामने आया है जिसमे वो मुसलमानों की भीड़ के आगे बोल रही है और बता रही है की कुछ समय के लिए हमे भारत के प्रति वफादारी दिखानी है, हमे तिरंगा लहराना है, राष्ट्रगान भी गाना है पर ये चीज सिर्फ तब तक जब तक हम इस्लामिक सोसाइटी यानि भारत में इस्लाम की हुकूमत न ले आये।
अरफा खानुम मुसलमानों की भीड़ को बताती है की अभी हम अल्पसंख्यक है अभी संख्या उतनी नहीं है।इसलिए अभी अल तकिया यानि छल छलावा करना होगा और सेक्युलर यानि बेवक़ूफ़ हिन्दुओ का अभी इस्तेमाल करना होगा, इसके लिए हमे तिरंगा लहराना पड़े तो लहराना होगा, राष्ट्रगान गाना पड़े तो गाना होगा।
अरफा बताती है की भले हम कुछ समय के लिए सेकुलरिज्म को अपना लेते है पर हम कभी अपनी असल विचारधारा (गजवा हिन्द) को नहीं छोड़ेंगे और ये सेकुलरिज्म सिर्फ तब तक के लिए है जब तक हम इस्लामिक सोसाइटी यानि भारत में इस्लाम की हुकूमत नहीं ले आते।
अरफा खानुम किस प्रकार प्लान बता रही है वो आपको गौर से सुनना चाहिए, इन दिनों कट्टरपंथी तत्व जो तिरंगा लहरा रहे है, राष्ट्रगान गा रहे है वो इनकी स्ट्रेटेजी का हिस्सा है, सुनिए क्या कहती है अरफा।
इस देश में काफी सारे सेक्युलर हिन्दू अरफा खानुम और इनके जैसे लोगों का मोदी विरोध में जमकर साथ दे रहे है, अरफा खानुम इन सेकुलरों के सामने तो भाईचारे, दलित, आदिवासी की बात करती है, पर मुस्लिम भीड़ के आगे वो पूरी प्लानिंग समझाती है।
अवलोकन करें:-
अरफ़ा की इस बात से देश समस्त छद्दम धर्म-निरपेक्षों को अपनी आंखें खोलने चाहिए, जो सेकुलरिज्म का हर वक़्त राग अलापते रहते हैं। वास्तव में हिन्दुओं का छद्दम धर्म-निरपेक्षों द्वारा मूर्ख ही बनाया जा रहा, बल्कि ये लोग स्वयं गजवा हिन्द बनाने में इन कट्टरपंथी स्लीपर सैल्स की मदद कर, भारत को पुनः गुलाम बनाने की ओर धकेल रहे हैं, जो अरफ़ा के बयानों से स्पष्ट झलक रहा है। (एजेंसीज इनपुट्स सहित)
ऐसा लगता है मानो जैसे-जैसे समय बीत रहा है, CAA-NRC का विरोध अब शाहीन बाग़ से होते हुए अपने असली रंग में आने लगा है। देशद्रोही नारे लगाने के कारण गिरफ्तार हुए शरजील इमाम के पकड़े जाने के ठीक एक दिन बाद ही सोशल मीडिया पर एक नया वीडियो शेयर होते देखा जा रहा है। इस वीडियो में CAA के विरोध प्रदर्शन के लिए जमा भीड़ को एक वकील द्वारा विशेष ब्रांड और कम्पनी के आर्थिक बहिष्कार की सलाह देते हुए देखा जा सकता है।
CAA विरोध के नाम पर आर्थिक जिहाद की माँग
CAA विरोधी मुसलमानों को स्वामी रामदेव, रिलायंस,अम्बानी और अडानी के उत्पादों के बहिष्कार करने के लिए बोल सकते हैं, लेकिन आज तक किसी में चीनी उत्पादों के बहिष्कार करने की हिम्मत नहीं हुई, जहाँ पर अब नए कुरान लिखे जाने की कवायद शुरू होने के अलावा इस्लाम पर इतनी पाबंदियां लगाई जा चुकी हैं, जिसका समय-समय पर अपने ब्लॉग में उल्लेख भी करता रहा हूँ। यदि इसका एक प्रतिशत भी भारत में हो रहा होता, CAA से कहीं अधिक चीख-पुकार हो रही होने के साथ-साथ सारे मानवाधिकार वाले भी शोर मचा रहे होते। लेकिन चीन में मुसलमानों पर हो रहे अत्याचारों पर सब खामोश हैं, क्यों? इस बात को विश्व भी जनता है कि मुसलमान जितना सुरक्षित भारत में है, कहीं और नहीं।
Note how the crowd erupts at mention of cow. Anti-CAA protests have made it clear. It's all about Hinduphobia. It's upon Hindus to decide whether they want to surrender and disappear or fight back. https://t.co/affCD6PWcw— Rahul Roushan (@rahulroushan) January 29, 2020
टाइम्स एक्सप्रेस द्वारा शेयर किए गए इस वीडियो को बीजेपी नेता संबित पात्रा ने भी अपने ट्विटर अकाउंट से शेयर किया है।
Now Who is this man? ..calling out for “Economic Jehad”— Sambit Patra (@sambitswaraj) January 28, 2020
AMU president Faizul Hasan says “क़ौम को ग़ुस्सा आ गया तो देश बर्बाद हो जाएगा”
Surgil Imam says “क़ौम chicken neck काट देगी”
और अब ये आर्थिक जिहाद की पुकार!!
दोस्तों ये #CAA के ख़िलाफ़ प्रदर्शन है या भारत के ख़िलाफ़?? pic.twitter.com/sLXYL2MwOZ
टाइम्स एक्सप्रेस के अनुसार, यह वीडियो उस वक़्त बनाया गया है जब वकील भानु प्रताप सिंह ने CAA पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के बाद दिल्ली के मुस्तफाबाद में धरने पर बैठी जनता को संबोधित कर रहे थे।
इस वीडियो में वकील भानु प्रताप भीड़ को सम्बोधित करते हुए कह रहे हैं- “खुद को हिंदुस्तानी कहना बंद करो, हम भारतीय हैं। इस सरकार की सबसे बड़ी ताकत मीडिया है। वो मीडिया आज की तारीख में अम्बानी ने खरीद लिए हैं। ये अम्बानी ही आरएसएस और भाजपा की पैसे की तिजोरी हैं। बताओ हम टीवी देखकर किसे पैसा दे रहे हैं? अम्बानी को दे रहे हैं या नहीं? हम इनकी रीढ़ की हड्डी तोड़ देंगे। क्या ये सीरियल और पिक्चर हमारे आंदोलन से बढ़कर हैं? हम अपना पैसा दुश्मन को क्यों दें? हम अपना एक भी पैसा रिलायंस को नहीं देंगे। हम इस रिलायंस की कमर तोड़ देंगे।”
“….रवीश जी ने कहा था टीवी मत देख, हम नहीं माने। लेकिन अब तो मानो, सरकार हमें दफन करना चाहती है, मारना चाहती है। सरकार के पास पैसा, पुलिस, फ़ौज और अदालतें भी हैं। हमारे पास कुछ भी नहीं है, ना सरकार, ना फ़ौज, ना पुलिस। हमारे पास बस हमारी एकता और बुद्धि है। इसी बुद्धि का इस्तेमाल कर के आज यहाँ सब लोग निर्णय करो, हम आज से टीवी पर ताला लगा देंगे, टीवी नहीं देखेंगे। रिलायंस के जितने भी… जिओ के मोबाइल हैं, सब चेंज करो, एयरटेल के लो, चाहे आईडिया के लो, चाहे वोडाफोन के खरीदो, जिसके लो लेकिन रिलायंस की कमर तोड़नी है चाहे जो हो जाए। इसके अलावा रिलायंस का पेट्रोल पम्प, जितने भी उत्पादन हैं, कोई भी रिलायंस का उत्पादन, सबका बहिष्कार करो।”
“….इसके साथ-साथ इस रामदेव के जितने भी उत्पादन हैं सब कचरा हैं। सब गाय और गोबर ही तो खिला रहा है वो। इसको बंद करो। रामदेव का सब पैसा हमारे खिलाफ जाता है। हमारा ही पैसा, अधिकतर पैसा आरएसएस के लिए हथियार खरीदने के काम आ रहा है। हम इन दुश्मनों की कमर और रीढ़ की हड्डी तोड़ देंगे। जिसकी रीढ़ टूट जाती है, कभी सीधा खड़ा नहीं हो पाता है। ये काम हमें करना है, ये काम हम ही कर सकते हैं, कोई दूसरा नहीं करेगा।”
वकील भानू प्रताप आगे कहते हैं- “अपने दोस्त, रिश्तेदारों को समझाओ, हम लड़ाई के मैदान में हैं, हम पिकनिक नहीं कर रहे, हम सैर मनाने नहीं आए हैं, लड़ाई की रणनीति हमें अपनानी पड़ेगी और उसका इस्तेमाल करना होगा। अब बस एक जरुरी बात बताना चाहूँगा, साथियों हम सबको सबसे ज्यादा दिक्क्त पुलिस से होती है। क्योंकि कानून हमें मालूम नहीं है और हमारी अज्ञानता का वो फायदा उठाते हैं। ना हम अखिलेश यादव के भरोसे हैं, ना उस दिल्ली के मुख्य्मंत्री केजरीवाल के भरोसे हैं, जो इस आंदोलन में अभी तक एक बार भी नहीं आया।”
इस्लाम की हुकूमत लाने के लिए कैसे करना है बेवक़ूफ़ हिन्दुओ का इस्तेमाल
कुछ दिनों पहले तक कई खबरें आये दिन आती थी जिसमे मुस्लिम कट्टरपंथी कहते थे की हम वन्दे मातरम नहीं कहेंगे, और कई घटनाओं में तो जन गन मन का भी विरोध किया गया, पर इन दिनों देश भर में यही तत्व तिरंगा लेकर चल रहे है और राष्ट्रगान गा रहे है।असल में ये एक सोची समझी चाल है और इस बात को खुद मुस्लिम पत्रकार अरफा खानुम ने स्वीकार किया है, जहाँ सभी धर्म के लोग होते है वहां पर सेकुलरिज्म, देशभक्ति की बात करो, पर जहाँ पर सभी मुसलमान हो वहां पर इस्लामिक हुकूमत की बात करो।
अरफा खानुम का विडियो सामने आया है जिसमे वो मुसलमानों की भीड़ के आगे बोल रही है और बता रही है की कुछ समय के लिए हमे भारत के प्रति वफादारी दिखानी है, हमे तिरंगा लहराना है, राष्ट्रगान भी गाना है पर ये चीज सिर्फ तब तक जब तक हम इस्लामिक सोसाइटी यानि भारत में इस्लाम की हुकूमत न ले आये।
अरफा खानुम मुसलमानों की भीड़ को बताती है की अभी हम अल्पसंख्यक है अभी संख्या उतनी नहीं है।इसलिए अभी अल तकिया यानि छल छलावा करना होगा और सेक्युलर यानि बेवक़ूफ़ हिन्दुओ का अभी इस्तेमाल करना होगा, इसके लिए हमे तिरंगा लहराना पड़े तो लहराना होगा, राष्ट्रगान गाना पड़े तो गाना होगा।
Basically what Jehadan Arfa is saying is , ‘for some time, let us do Taquiyya, talk constitution, sing Jana Gana Mana, fly tricolour oh mosques, but ultimately, we want a Shariah state’. pic.twitter.com/aObZTi5Qtz— Shefali Vaidya (@ShefVaidya) January 26, 2020
अरफा बताती है की भले हम कुछ समय के लिए सेकुलरिज्म को अपना लेते है पर हम कभी अपनी असल विचारधारा (गजवा हिन्द) को नहीं छोड़ेंगे और ये सेकुलरिज्म सिर्फ तब तक के लिए है जब तक हम इस्लामिक सोसाइटी यानि भारत में इस्लाम की हुकूमत नहीं ले आते।
अरफा खानुम किस प्रकार प्लान बता रही है वो आपको गौर से सुनना चाहिए, इन दिनों कट्टरपंथी तत्व जो तिरंगा लहरा रहे है, राष्ट्रगान गा रहे है वो इनकी स्ट्रेटेजी का हिस्सा है, सुनिए क्या कहती है अरफा।
इस देश में काफी सारे सेक्युलर हिन्दू अरफा खानुम और इनके जैसे लोगों का मोदी विरोध में जमकर साथ दे रहे है, अरफा खानुम इन सेकुलरों के सामने तो भाईचारे, दलित, आदिवासी की बात करती है, पर मुस्लिम भीड़ के आगे वो पूरी प्लानिंग समझाती है।
अवलोकन करें:-
अरफ़ा की इस बात से देश समस्त छद्दम धर्म-निरपेक्षों को अपनी आंखें खोलने चाहिए, जो सेकुलरिज्म का हर वक़्त राग अलापते रहते हैं। वास्तव में हिन्दुओं का छद्दम धर्म-निरपेक्षों द्वारा मूर्ख ही बनाया जा रहा, बल्कि ये लोग स्वयं गजवा हिन्द बनाने में इन कट्टरपंथी स्लीपर सैल्स की मदद कर, भारत को पुनः गुलाम बनाने की ओर धकेल रहे हैं, जो अरफ़ा के बयानों से स्पष्ट झलक रहा है। (एजेंसीज इनपुट्स सहित)
6 comments:
Bharat me sirf Hindutva rahega.
Hindus are invincible.
Jagadguru Shri Shankaracharya ji,
Govardhan Math. Puri
Informative blog. Liked it.
https://pomento.in
आपने बिल्कुल सही कहा ,पर भारत मे जो जयचंद लोगो का दल है वो डूबा कर रहेगा इस महान राष्ट्र को ऐसा लगता है ।क्योंकि ये सब सेक्युलर की आड़ में इन गद्दारो का भरणपोषण कर रहे है
Jay hind
Bharat mata ki jay...
Hindustan hinduo ka desh hai
Bilkul sahi bat h,ham hinduo ko bhi ye bate samajhni hongi ,or unko unke hi chal se mat deni hogi,Jai Sri Ram, Jay Sri Krishna
आपको नही लगता हर हिन्दू स्वयं इस्लाम का सपोर्टर है और वो चाहता है कि इस्लाम उनको धीरे धीरे निगल जाए , जैसे कश्मीर का इतिहास देखिये जो 850 तक पूर्ण हिन्दू था रानीदिद्दा थी शासक ,1100 में लिखी राजतरंगणी से कश्मीर का इतिहास पढ़े , उस समय भी कश्मीर से हिन्दू भगाए जा रहे थे जब सिकंदर राजा बना उसने सभी मन्दिर गिरा दिए ,हिंदुवो को घाटी से या तो भगाया गया या फिर इस्लाम में बदल दिया ,परंतु कुछ समय बाद जैन उल आबदीन उदार मुस्लिम शासक बना जिसे कश्मीर का अकबर कहते है उसने दुबारा हिन्दू बसाये मन्दिर बनाये।
आज जब हिन्दू से सामान नही लेने की बात मुस्लिम करते है तो हिन्दू में यदि कोई ऐसा करता है तो दूसरे जाती के लोग विरोध स्वरुप मुस्लिम से ही खरीदेंगे, मुसलमान से डरेंगे गाली देंगे जब उनकी लड़की को मुस्लिम भगा ले जाएंगे तो हिन्दू भी चद्दर ओढ़कर बैठ जाता है हर कसबे में हर साल करीब तीनसौ हिन्दू लड़कियां मुस्लिमो के साथ भाग जाती है हिन्दू में भी उन जातियों की लड़कियां जो जातियों में दबंग है पर जब मुस्लिम के साथ भाग जातीं है तो प्रसाद मान लेते है ।
हिन्दू को तो मुसलमान 60 साल बाद पूरा निगल ही जाएंगे यदि खुद को हिन्दू नहीं माना ।
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