‘हम असम को हिंदुस्तान से परमानेंटली काट देंगे’ – शाहीन बाग के ‘मास्टरमाइंड’ की खुलेआम धमकी

शरजील इमाम
असम और भारत को अलग करने की बात करता शरजील इमाम
(फोटो साभार: Indian defence news)
आर.बी.एल.निगम, वरिष्ठ पत्रकार 
दिल्ली के जामिया इस्लामिया से शुरू होकर शाहीन बाग़ और देश  राज्यों में नागरिकता संधोधन कानून के विरोध में मुसलमानों में जो जहर घोलने का काम मोदी-विरोधियों ने किया है, क्या वह इस आग को बुझाने में सक्षम हैं? क्या जनता ने उन्हें नेता इसीलिए बनाया अथवा माना था कि सत्ता हाथ से निकलने पर देश के टुकड़े करवा दिए जाएं? क्या यही भारतीय संविधान कहता है?
विरोध की आग लगाने की आड़ में जो हिन्दू विरोधी नंगा नाच हो रहा था, वहीं से लग रहा था कि कहीं कोई अनहोनी न हो घटने की नौबत आए, लेकिन शक अब सामने आ गया। 
क्या स्वतन्त्रता सेनानियों की कुर्बानियों को व्यर्थ किया जाएगा?
इस सन्दर्भ में स्मरण होते है बंटवारे के समय पाकिस्तान जाते मुसलमानों के नारे "हंस के लिया है पाकिस्तान, लड़कर लेंगे हिन्दुस्तान"। और इस पर मोहम्मद अली जिन्ना ने भारत की सरकार से कहा था, "मुस्लिम लीग को हिन्दुस्तान में बैन कर दो", परन्तु तुष्टिकरण पुजारी जवाहर लाल नेहरू ने बैन करने की बजाए मुस्लिम लीग को केवल केरल तक ही सीमित रखा, लेकिन नेहरू की पुत्री इन्दिरा गाँधी उसे केरल से बाहर ले आयी। और उसके बाद भारत में SIMI, Popular Front of India और न जाने कितने नाम बदलकर मुस्लिम लीगी भारत में अपने पैर जमा चुके हैं, जिस पर तुष्टिकरण की राजनीति करने वालों ने कोई लगाम नहीं लगाई। लोग इतिहास से सीखते हैं, लेकिन यहाँ नेता जनसेवा के नाम पर जनता को भ्रमित कर देश के टुकड़े करने वालों के साथ जा खड़े होते हैं। यही कारण है कि नागरिक कानून की आड़ में आज देश तोड़ने का काला सच भी सामने आ गया है। कौन है इसका जिम्मेदार? क्या नेताजी सुभाष चन्द्र बोस, भगत सिंह, राजगुरु, सुखदेव, चंद्रशेखर आज़ाद, प्रो नन्द किशोर निगम, राम प्रसाद बिस्मिल, लाला लाजपत राय,आदि ने इसी दिन के लिए घर-परिवार छोड़ ब्रिटिश सरकार की यातनाएं सही थीं।  
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कहाँ हैं नागरिक कानून के विरोध की आग लगाने वाले?  
इन दिनों देश भर में नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के नाम पर हिंसा, मारपीट और बदसलूकी कर रहे हैं कुछ भ्रमित लोग। साथ ही इस प्रदर्शनों में देश विरोधी, हिंदू विरोधी और आजादी के नारे भी लगाए जा रहे हैं। इस बीच सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें एक शख्स खुलेआम असम को हिंदुस्तान से अलग करने की बात कर रहा है। शख्स का नाम शरजील इमाम बताया जा रहा है और इसे शाहीन बाग में हो रहे विरोध प्रदर्शन का मास्टरमाइंड बताया जा रहा है।
शाहीनबाग़
वायरल हुए इस वीडियो में शरजील कहता है, “अब वक्त आ गया है कि हम गैर मुस्लिमों से बोलें कि अगर हमारे हमदर्द हो तो हमारी शर्तों पर आकर खड़े हो। अगर वो हमारी शर्तों पर खड़े नहीं होते तो वो हमारे हमदर्द नहीं हैं। एक चीज तो यह है और दूसरी चीज जो मैंने बिहार में देखा। मैं यहाँ पर बिहार का उदाहरण दूँगा। वहाँ पर बहुत सारी रैलियाँ हो चुकी हैं। हर रोज एक-दो बड़ी रैलियाँ होती हैं। कन्हैया वाली रैली देखी थी। 5 लाख लोग थे उस रैली में। अब मसला यहाँ पर यह है कि अगर 5 लाख लोग हमारे पास ऑर्गेनाइज्ड हों तो हम नार्थ ईस्ट और हिंदुस्तान को परमानेंटली काट कर सकते हैं। परमानेंटली नहीं तो कम से कम एक-आध महीने के लिए असम को हिंदुस्तान से काट ही सकते हैं। मतलब इतना मवाद डालो पटरियों पर, रोड पर कि उनको हटाने में एक महीना लगे। जाना हो तो जाएँ एयरफोर्स से।”
आगे इमाम कहता है, “असम को काटना हमारी जिम्मेदारी है। असम और इंडिया कटकर अलग हो जाए, तभी ये हमारी बात सुनेंगे। असम में मुसलमानों का क्या हाल है, आपको पता है क्या? CAA-NRC लागू हो चुका है वहाँ। डिटेंशन कैंप में लोग डाले जा रहे हैं और वहाँ तो खैर कत्ले-आम चल रहा है। 6-8 महीनों में पता चलेगा कि सारे बंगालियों को मार दिया गया वहाँ, हिंदु हो या मुसलमान। अगर हमें असम की मदद करनी है तो हमें असम का रास्ता बंद करना होगा फौज के लिए और जो भी जितना भी सप्लाई जा रहा है बंद करो उसे। बंद कर सकते हैं हम उसे, क्योंकि चिकन नेक जो इलाका है, वह मुस्लिम बहुल इलाका है।”




वीडियो में शरजील ने चिकन नेक को बंद करने की बात कही। बता दें कि सिलीगुड़ी कॉरिडोर को चिकन नेक कहा जाता है। इस चिकन नेक के माध्यम से ही नॉर्थ इंडिया हिंदुस्तान की मुख्य भूमि से जुड़ा हुआ है। इस गलियारे की लंबाई 21 से 24 किमी है। इससे भूटान, म्यामार, बांग्लादेश और चीन जैसे देशों की सीमा जुड़ती है। यहीं से भारत में घुसपैठ सबसे अधिक होती है।
शरजील यहीं नहीं रूका। उसने आगे कहा, “कन्हैया जैसे लोग क्या करेंगे कि रैलियों में जाकर इनकलाब के नारे लगवाएँगे और फोटो खिंचवाकर चले आएँगे। उससे एक भी प्रोडक्टिव नहीं निकला है। एक चीज याद रखिए कि अगर अवाम गुस्से में है तो उस गुस्से का प्रोडक्टिव यूज करना जिम्मेदारी है सियासतदान की, स्कॉलर की, शहाफी की, जो भी है। एक और चीज समझ में आई कि अभी तक जो सेंसेटाइजेशन का भी मामला है वो हमारे कंट्रोल में नहीं है। वो उनके कंट्रोल में है जो इंडियन नेशन की पूजा करते हैं। वो लेफ्ट हो चाहे कॉन्ग्रेस, सारे उन्हीं के कंट्रोल में है। अब ये हमारे कंट्रोल में इस तरह आएगा कि हमलोग मुस्लिम स्कॉलर्स का ग्रुप बनाएँ और ऐसा ग्रुप बनाएँ, जिसमें आपस में इस बात पर बहस ना हो।” इस दौरान अल्लाह हू अकबर के नारे लगाते भी लगाए गए।
इस वीडियो के सामने आते ही लोग इसे गिरफ्तार करने की माँग कर रहे हैं। वहीं अमोल रामराव देशमुख नाम के एक यूजर ने इसे शाहीन बाग में हो रहे विरोध प्रदर्शन का मास्टरमाइंड बताते हुए कहा, “शरजील इमाम नाम है इसका। इसी ने जेएनयू में मुसलमानों को देश के सारे प्रमुख शहरों को जाम करने का आवाहन किया था। इसी का रिपब्लिक न्यूज ने स्टिंग किया था। ये शाहीन बाग नौटंकी का ऑर्गनाइज़र भी है।”
यह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण बयान है। अब देश की जनता को भी चाहिए कि ऐसे लोगों की पहचान कर इन पर ऐसा प्रहार करें कि ये या तो देश छोड़कर भाग जाएँ या फिर दोबारा ऐसी नीच हरकत करने की सोचें भी न।
हिमांत विश्व शर्मा
हिमांत विश्व शर्मा (फोटो साभार: ANI)
जिसने दी असम को हिंदुस्तान से काटने की धमकी, उस ‘इमाम’ के खिलाफ दर्ज होगा देशद्रोह का मुकदमा
दिल्ली के शाहीन बाग में नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के खिलाफ हो रहे विरोध प्रदर्शन के बीच एक वीडियो सामने आया। जिसमें शरजील इमाम नाम का शख्स असम को हिन्दुस्तान से परमानेंटली काटकर हटा देने की बात कहता हुआ नजर आ रहा है। अब असम के मंत्री हिमांत विश्व शर्मा ने इस पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए शरजील के बयान को देशद्रोही बयान बताया है। 
असम के मंत्री ने कहा कि शाहीन बाग में हो रहे विरोध प्रदर्शन के मास्टरमाइंड शरजील ने कहा कि असम को भारत से काट दिया जाना चाहिए। हिमांत विश्व शर्मा ने कहा कि राज्य सरकार ने शरजील के इस देशद्रोही बयान पर संज्ञान लिया है और उसके खिलाफ मामला दर्ज करने का फैसला किया है।

शरजील ने वीडियो में कहा था, “असम को काटना हमारी जिम्मेदारी है। असम और इंडिया कटकर अलग हो जाए, तभी ये हमारी बात सुनेंगे। असम में मुसलमानों का क्या हाल है, आपको पता है क्या? CAA-NRC लागू हो चुका है वहाँ। डिटेंशन कैंप में लोग डाले जा रहे हैं और वहाँ तो खैर कत्ले-आम चल रहा है। 6-8 महीनों में पता चलेगा कि सारे बंगालियों को मार दिया गया वहाँ, हिंदु हो या मुसलमान। अगर हमें असम की मदद करनी है तो हमें असम का रास्ता बंद करना होगा फौज के लिए और जो भी जितना भी सप्लाई जा रहा है बंद करो उसे। बंद कर सकते हैं हम उसे, क्योंकि चिकन नेक जो इलाका है, वह मुस्लिम बहुल इलाका है।”
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आर.बी.एल.निगम जिस प्रकार पानी बिन मछली तड़पती है, ठीक वही स्थिति नागरिकता कानून बनने के बाद मोदी विरोधियों की होने के...
उसने कहा था, “हम नॉर्थ ईस्ट और हिंदुस्तान को परमानेंटली काट कर सकते हैं। परमानेंटली नहीं तो कम से कम एक-आध महीने के लिए असम को हिंदुस्तान से काट ही सकते हैं। मतलब इतना मवाद डालो पटरियों पर, रोड पर कि उनको हटाने में एक महीना लगे। जाना हो तो जाएँ एयरफोर्स से।” इस दौरान इस दौरान अल्लाह हू अकबर के नारे लगाते भी लगाए गए थे।

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