उत्तर प्रदेश : मवाना में जुमे की नमाज के बाद मुस्लिम उपद्रवियों ने फिर लगाए ‘पाकिस्तान ज़िंदाबाद’ के नारे

देश-विरोधी नारे, CAA
नागरिकता संशोधन क़ानून (CAA) के ख़िलाफ़ हिंसक हुए विरोध-प्रदर्शनों को शांत कराने और स्थिति को नियंत्रण में रखने के लिए पुलिस तंत्र मुस्तैदी के साथ जुटा हुआ है। इस तरह की ख़बरें भी सामने आईं जिसमें जगह-जगह होने वाले विरोध-प्रदर्शनों के नाम पर उपद्रवी पुलिसकर्मियों की जान लेने तक पर उतारू रहे।  
इस बीच, मेरठ के मवाना में पुलिस ने थोड़ी सी ढील क्या छोड़ी कि कुछ दंगाई मोहल्ला तिहाई स्थित मस्जिद के बाहर नमाज के बाद सड़क पर उतर आए। इसके बाद उन्होंने विरोध के नाम पर ‘पाकिस्तान ज़िंदाबाद’ के नारे लगाने शुरू कर दिए। इससे पहले कि माहौल बिगड़ता घटना की सूचना मिलते ही एसडीएम ऋषिराज, सीओ यूएम मिश्रा पुलिस दल-बल के साथ घटना-स्थल पर पहुँचे। पुलिस के आते ही सभी उपद्रवियों ने अपने घरों और गलियों में घुसना शुरू कर दिया और ग़ायब हो गए। 
वहीं, एडीजी प्रशांत कुमार (मेरठ) ने ‘पाकिस्तान ज़िंदाबाद’ के नारे लगाने की ख़बरों पर कहा, “एक व्यक्ति को गिरफ़्तार किया गया है और बाक़ी लोगों को भी गिरफ़्तार किया जाएगा। किसी को भी राष्ट्र-विरोधी कार्य करने की छूट नहीं दी जाएगी।”

इससे पहले, उत्तर प्रदेश में मेरठ के एसपी सिटी अखिलेश नारायण सिंह का एक वीडियो वायरल होने के बाद राजनीति तेज़ हो गई थी। जहाँ, एक तरफ प्रियंका गाँधी ने उस वीडियो को ट्वीट करते हुए सवाल खड़ा किया, तो वहीं दूसरी तरफ़ एसपी सिटी डॉ. अखिलेश नारायण सिंह ने कहा था कि उन्होंने पाकिस्तान के पक्ष में नारे लगाने वाले उपद्रवियों को वहाँ से भगाया था।
इस मामले पर एडीजी प्रशांत कुमार ने बताया था कि पुलिसकर्मियों की तरफ़ से कोई गोलीबारी नहीं हुई थी। उन्होंने एसपी का बचाव करते हुए कहा था कि वायरल हुआ वीडियो बीते 20 दिसंबर को मेरठ शहर में हुए उपद्रव के बाद का है। उन्होंने बताया कि इसमें तथ्य यह है कि वहाँ भारत-विरोधी और पड़ोसी देश पाकिस्तान ज़िंदाबाद के नारे लगाए जा रहे थे और कुछ लोग पॉपुलर फ्रंट ऑफ़ इंडिया (PFI) और सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ़ इंडिया (SDPI) के आपत्त्तिजनक पर्चे बाँट रहे थे।
इसके बाद, इसी मामले पर यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने कहा था, “उन्‍होंने (एसपी ने) सभी मुस्लिमों के बारे में यह नहीं कहा था। जो लोग पत्‍थरबाजी के दौरान पाकिस्‍तान के समर्थन में नारे लगा रहे थे, उन्‍हें कहा था। जो लोग इस तरह की गतिविधि में शामिल हैं, उनके लिए एसपी सिटी का बयान ग़लत नहीं है।”
सोशल मीडिया पर 20 दिसंबर का एक वीडियो वायरल हो रहा था, जिसमें एडीएम सिटी अजय तिवारी और एसपी सिटी अखिलेश नारायण सिंह हिंसा के दौरान गली के अंदर भाग रहे कुछ उपद्रवियों से कहा था कि जहाँ जाओगे, चले जाओ। हम ठीक कर देंगे। काली पट्टी बाँधकर विरोध जता रहे हो, खाओगे यहाँ और गाओगे वहाँ का। एसपी का ये बयान वायरल होने के बाद मेरठ पुलिस ने दावा किया था कि कुछ उपद्रवियों ने काली पट्टी बाँधकर पाकिस्तान ज़िंदाबाद के नारे लगाए थे।
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आर.बी.एल.निगम, वरिष्ठ पत्रकार आज मोदी विरोधी जिस तरह जनता को गुमराह कर पत्थरबाज़ी और आगजनी के लिए उकसा रहे हैं, पुलिस ....
इसमें कोई दो राय नहीं, भारत में पाकिस्तान समर्थकों(sleeper cells) की कोई कमी नहीं। सरकार को पाकिस्तान ज़िंदाबाद कहने वालों के विरुद्ध सख्त और कठोर से कठोर कार्यवाही करनी चाहिए। नागरिक संशोधक कानून के विरुद्ध प्रदर्शन के दौरान पाकिस्तान ज़िंदाबाद के नारे लगने का मुख्य कारण है, भारत द्वारा विश्व पटल पर आतंकवाद के मुद्दे पर बेनकाब करने का दर्द उजागर हो रहा है।      

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