आर.बी.एल.निगम, वरिष्ठ पत्रकार
दिल्ली विधानसभा चुनाव में मिली शानदार जीत के बाद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल 16 फरवरी को मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे। इसके लिए आम आदमी पार्टी (AAP) की तैयारियाँ लगभग पूरी हो चुकी है। शपथ ग्रहण समारोह का आयोजन रामलीला मैदान में होगा। कई बड़े नेताओं को न्योता भेजा गया है। साथ ही शपथ ग्रहण समारोह में सरकारी स्कूल के शिक्षकों को भी शामिल होने का आदेश दिया गया है।
इसको लेकर दिल्ली शिक्षा निदेशालय ने एक सर्कुलर जारी किया है। इसमें सभी स्कूलों को आदेश दिया गया है कि वे अपने यहाँ से 20 शिक्षकों को शपथ ग्रहण स्थल पर भेजें। सर्कुलर जारी होते ही भाजपा और कांग्रेस ने केजरीवाल सरकार पर हमला बोला है।
बीजेपी नेता कपिल मिश्रा ने इस पर सवाल खड़ा करते हुए कहा, “सरकार के शपथ ग्रहण में टीचर्स आए ये अच्छी बात है। लेकिन सरकारी ऑर्डर निकालकर जबरदस्ती टीचर्स को लाया जाए। टीचर्स की हाजिरी रामलीला मैदान में लगाई जाए। ये एक गलत परंपरा की शुरुआत है। शपथ ग्रहण को ऐसे ‘अनावश्यक ग्रहणों’ से मुक्त रखना चाहिए।”
बीजेपी नेता मेजर सुरेंद्र पुनिया ने ट्वीट करते हुए लिखा, “तुग़लकी फ़रमान। केजरीवाल सरकार ने दिल्ली के शिक्षकों को आदेश दिया कि वो उनके शपथ ग्रहण में पहुँचे वरना…लोकतंत्र का यह कौन सा मॉडल है? सरकारी खर्चे/तानाशाही आदेश से भीड़ इकट्ठी की जाएगी? मीडिया इस शिक्षा क्रांति पर बोलेगी? ज़ोर ज़बर्दस्ती या तो तानाशाह करते हैं या फिर गुण्डे।”
बीजेपी विधायक विजेंदर गुप्ता ने इस बाबत अरविंद केजरीवाल को चिट्ठी लिखी है। चिट्ठी में उन्होंने शिक्षकों को रामलीला मैदान में बुलाए जाने वाले ऑर्डर को तुगलकी फरमान बताया है। गुप्ता ने यह ऑर्डर वापस लेने की माँग की है।
वहीं कांग्रेस प्रवक्ता मुकेश शर्मा ने ट्वीट कर कहा कि शपथ ग्रहण में भीड़ जुटाने के लिए शक्ति का दुरुपयोग किया जा रहा है। शर्मा ने उपराज्यपाल से इसकी जाँच कराने की माँग की है। उल्लेखनीय है कि अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी ने विधानसभा चुनाव में 70 में से 62 सीटें जीती हैं। सरकारी अधिसूचना के अनुसार मुख्यमंत्री की सलाह पर 6 विधायकों को मंत्री भी नियुक्त किया है। 16 फरवरी को अरविंद केजरीवाल के साथ जो 6 मंत्री भी शपथ लेंगे। ये हैं- मनीष सिसोदिया, सत्येंद्र जैन, गोपाल राय, कैलाश गहलोत, इमरान हुसैन और राजेंद्र गौतम।
दिल्ली विधानसभा चुनाव में मिली शानदार जीत के बाद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल 16 फरवरी को मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे। इसके लिए आम आदमी पार्टी (AAP) की तैयारियाँ लगभग पूरी हो चुकी है। शपथ ग्रहण समारोह का आयोजन रामलीला मैदान में होगा। कई बड़े नेताओं को न्योता भेजा गया है। साथ ही शपथ ग्रहण समारोह में सरकारी स्कूल के शिक्षकों को भी शामिल होने का आदेश दिया गया है।
इसको लेकर दिल्ली शिक्षा निदेशालय ने एक सर्कुलर जारी किया है। इसमें सभी स्कूलों को आदेश दिया गया है कि वे अपने यहाँ से 20 शिक्षकों को शपथ ग्रहण स्थल पर भेजें। सर्कुलर जारी होते ही भाजपा और कांग्रेस ने केजरीवाल सरकार पर हमला बोला है।
बीजेपी नेता कपिल मिश्रा ने इस पर सवाल खड़ा करते हुए कहा, “सरकार के शपथ ग्रहण में टीचर्स आए ये अच्छी बात है। लेकिन सरकारी ऑर्डर निकालकर जबरदस्ती टीचर्स को लाया जाए। टीचर्स की हाजिरी रामलीला मैदान में लगाई जाए। ये एक गलत परंपरा की शुरुआत है। शपथ ग्रहण को ऐसे ‘अनावश्यक ग्रहणों’ से मुक्त रखना चाहिए।”
सरकार के शपथ ग्रहण में टीचर्स आये ये अच्छी बात हैं— Kapil Mishra (@KapilMishra_IND) February 15, 2020
लेकिन सरकारी आर्डर निकालकर जबरदस्ती टीचर्स को लाया जाए
टीचर्स की हाजिरी रामलीला मैदान में लगाई जाए
ये एक गलत परंपरा की शुरुआत हैं
शपथ ग्रहण को ऐसे "अनावश्यक ग्रहणों" से मुक्त रखना चाहिए
तुग़लकी फ़रमान— Major Surendra Poonia (@MajorPoonia) February 15, 2020
केजरीवाल सरकार ने दिल्ली के शिक्षकों को आदेश दिया कि वो उनके शपथ ग्रहण में पहुँचे वरना..
लोकतंत्र का यह कौनसा मॉडल है ?
सरकारी खर्चे/तानाशाही आदेश से भीड़ इकट्ठी की जायेगी ?
मीडिया इस शिक्षा क्रांति पर बोलेगी ?
ज़ोर ज़बर्दस्ती या तो तानाशाह करते हैं या गुण्डे
👇👎 pic.twitter.com/sS5S1GzOPP
बीजेपी नेता मेजर सुरेंद्र पुनिया ने ट्वीट करते हुए लिखा, “तुग़लकी फ़रमान। केजरीवाल सरकार ने दिल्ली के शिक्षकों को आदेश दिया कि वो उनके शपथ ग्रहण में पहुँचे वरना…लोकतंत्र का यह कौन सा मॉडल है? सरकारी खर्चे/तानाशाही आदेश से भीड़ इकट्ठी की जाएगी? मीडिया इस शिक्षा क्रांति पर बोलेगी? ज़ोर ज़बर्दस्ती या तो तानाशाह करते हैं या फिर गुण्डे।”
बीजेपी विधायक विजेंदर गुप्ता ने इस बाबत अरविंद केजरीवाल को चिट्ठी लिखी है। चिट्ठी में उन्होंने शिक्षकों को रामलीला मैदान में बुलाए जाने वाले ऑर्डर को तुगलकी फरमान बताया है। गुप्ता ने यह ऑर्डर वापस लेने की माँग की है।
वहीं कांग्रेस प्रवक्ता मुकेश शर्मा ने ट्वीट कर कहा कि शपथ ग्रहण में भीड़ जुटाने के लिए शक्ति का दुरुपयोग किया जा रहा है। शर्मा ने उपराज्यपाल से इसकी जाँच कराने की माँग की है। उल्लेखनीय है कि अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी ने विधानसभा चुनाव में 70 में से 62 सीटें जीती हैं। सरकारी अधिसूचना के अनुसार मुख्यमंत्री की सलाह पर 6 विधायकों को मंत्री भी नियुक्त किया है। 16 फरवरी को अरविंद केजरीवाल के साथ जो 6 मंत्री भी शपथ लेंगे। ये हैं- मनीष सिसोदिया, सत्येंद्र जैन, गोपाल राय, कैलाश गहलोत, इमरान हुसैन और राजेंद्र गौतम।
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