दिल्ली के शाहीन बाग में CAA-NRC के खिलाफ पिछले लगभग 2 महीने से विरोध प्रदर्शन हो रहा है। यहाँ प्रदर्शन के नाम पर हिन्दू विरोधी, देश विरोधी और आजादी के नारे लगाए जा रहे हैं। अब तक इस प्रदर्शन को आम आदमी पार्टी, कांग्रेस और PFI के समर्थन करने की बात सामने आई थी, लेकिन अब हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी AIMIM के भी इसमें शामिल होने की बात सामने आई है।
शाहीन बाग़ में जो हिन्दू, मुस्लिम और सिखों के शामिल होने का जो स्वांग खेला जा रहा है, हकीकत में हर पार्टी में सभी धर्म और जाति के लोग होते हैं, तुष्टिकरण पुजारी अपनी पार्टी के हिन्दू और सिखों को मोहरा बनाकर उनके कन्धों पर बैठ अपना खेल खेल रहे हैं।
ज्ञात हो कि ये डीएस बिंद्रा AIMIM के दिल्ली महासचिव हैं और बताया जा रहा है कि उन्होंने जो फ्लैट बेचा है, वो बिंद्रा ने AIMIM के पैसे से ही खरीदा था। जिसे बेचकर अब वो लंगर के पैसे जुटाने का नाटक कर रहे हैं।
मीडिया गिरोह ने ‘मुसलमान-सिख एकता’ की चासनी में डूबो कर बेचा
AIMIM के दिल्ली महासचिव पर अपना फ्लैट बेचकर शाहीन बाग में खाने-पीने का इंतजाम करने का आरोप है, जिसे मीडिया गिरोह ने ‘मुसलमान-सिख एकता’ की चासनी में डूबो कर बेचा।
ट्विटर पर goyalsanjeev नाम के यूजर ने लिखा कि दिल्ली में AIMIM की एक रैली में मुस्लिमों को उकसाते हुए कहा गया था, “क्या मुसलमानों के साथ भी हो सकता है 1984?” उन्होंने आगे लिखा कि इसके बाद इसमें कोई हैरानी कि बाद नहीं है कि वो शाहीन बाग प्रदर्शन का समर्थन कर रहे हैं और खाना उपलब्ध करा रहे हैं।
इन दिनों एक खबर पूरी मीडिया में घूम रही है कि डीएस बिंद्रा ने शाहीन बाग के प्रदर्शनकारियों को लंगर खिलाने के लिए अपना फ्लैट तक बेच दिया। इसके लिए इन्हें काफी तारीफें भी मिल रही हैं।
एक यूजर ने लिखा कि एडवोकेट डी एस बिंद्रा AIMIM के अधिकारी हैं और उन्होंने ये काम खुद को धर्मनिरपेक्ष दिखाने के लिए नहीं बल्कि अपने राजनीतिक प्रोपेगेंडा को भुनाने के लिए किया है। उन्होंने अपना फ्लैट बेचकर शाहीन बाग को फंडिग दी है।
इससे पहले भी इस प्रदर्शन ने कई सवाल पैदा किए। प्रदर्शन के लिए फंडिंग कौन कर रहा है? प्रदर्शनकारियों के खाने-पीने का इंतजाम कहाँ से हो रहा है? उनका खर्च कौन उठा रहा है? जिस तरह के वीडियो सामने आए हैं, उससे यह भी सवाल पैदा हुआ है कि यह किसकी साजिश है? प्रदर्शनकारी किनके हाथों की कठपुतली हैं?
इसी दौरान एक वीडियो सामने आया था जिसमें आसिम तूफानी नाम के एक प्रदर्शनकारी से जब रिपोर्टर ने पूछा कि आखिर इस प्रदर्शन के लिए पैसा कहाँ से आ रहा है? तो आसिफ ने जवाब दिया कि उसे ये सब मालूम नहीं है। लेकिन, उनके लिए ये सब अल्लाह कर रहे हैं और उन्हें मिलने वाली सब सुविधा कुदरती मदद है। वे अल्लाह के बंदे हैं और उन्हें इंसान ने पैदा नहीं किया। सब ऊपर वाले ने किया।
इससे पहले भी ED ने शाहीन बाग में PFI के फंडिंग देने की बात कही थी, जिसमें कई दिग्गज कांग्रेस नेताओं के नाम शामिल थे। कांग्रेस के नेता मुकेश शर्मा ने खुद कबूला था कि शाहीन बाग के ‘प्रदर्शनकारियों’ को उनका समर्थन हासिल है। उन्होंने एक सभा को संबोधित करते हुए कहा था, “मैं गाँव का रहने वाला हूँ। मैं जब मदद करता हूँ तो मर्दानगी से करता हूँ। मैंने तो शाहीन बाग वालों की भी मदद कर रखी है। शाहीन बाग वाले मुझे रोज फोन करते हैं।”
कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने भी कहा था कि राहुल गाँधी, केजरीवाल खामोश हैं, लेकिन उनके लोग खूब बोल रहे हैं। मनीष सिसोदिया बोलते हैं हम शाहीन बाग के साथ हैं। कांग्रेस के दिग्विजय सिंह और मणिशंकर अय्यर वहाँ जाकर क्या-क्या बोले हैं वो आप जानते हैं। इसके अलावा केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने भी आम आदमी पार्टी और कांग्रेस पर अल्पसंख्यकों के दिमाग में जहर घोलने का आरोप लगाया था।
वहीं केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने शाहीन बाग पर कहा था कि शाहीन बाग में आम आदमी पार्टी और कांग्रेस, जो 2019 लोकसभा का चुनाव नही जीत पाईं, वो देश को तोड़ने की बातों का समर्थन कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी के नेता मनीष सिसोदिया ने शाहीन बाग के प्रदर्शनकारियों को समर्थन दिया है। वहाँ देश विरोधी व संविधान विरोधी नारे लग रहे हैं। देश को बाँटने की बात की जा रही है। ये राजनीतिक दल 2019 के चुनाव में मिली हार को पचा नहीं पा रहे हैं। शाहीन बाग में अमानतुल्लाह खान के पोस्टर और पेम्फ्लेट्स बाँटते हुए देखे गए थे।
उल्लेखनीय है कि दिल्ली के शाहीन बाग में ‘जिन्ना वली आज़ादी ’के नारे लगाए गए थे। ये नारे शाहीन बाग के विरोधियों की मंशा की तरफ इशारा किया था, जो कि देश तोड़ना चाहते हैं। अब इसमें AAP, PFI और कांग्रेस के शामिल होने के साथ ही AIMIM का हाथ भी सामने आ गया है।
शाहीन बाग़ में जो हिन्दू, मुस्लिम और सिखों के शामिल होने का जो स्वांग खेला जा रहा है, हकीकत में हर पार्टी में सभी धर्म और जाति के लोग होते हैं, तुष्टिकरण पुजारी अपनी पार्टी के हिन्दू और सिखों को मोहरा बनाकर उनके कन्धों पर बैठ अपना खेल खेल रहे हैं।

मीडिया गिरोह ने ‘मुसलमान-सिख एकता’ की चासनी में डूबो कर बेचा
AIMIM के दिल्ली महासचिव पर अपना फ्लैट बेचकर शाहीन बाग में खाने-पीने का इंतजाम करने का आरोप है, जिसे मीडिया गिरोह ने ‘मुसलमान-सिख एकता’ की चासनी में डूबो कर बेचा।
ट्विटर पर goyalsanjeev नाम के यूजर ने लिखा कि दिल्ली में AIMIM की एक रैली में मुस्लिमों को उकसाते हुए कहा गया था, “क्या मुसलमानों के साथ भी हो सकता है 1984?” उन्होंने आगे लिखा कि इसके बाद इसमें कोई हैरानी कि बाद नहीं है कि वो शाहीन बाग प्रदर्शन का समर्थन कर रहे हैं और खाना उपलब्ध करा रहे हैं।
D.S.Bindra who's doing langar 4 #ShaheenBagh squatters, is General-Secretary of @aimim_national in #Delhi. So besides PFI/AAP/Congress, @asadowaisi party also behind #ShaheenBaghSham.— #Intolerant भारतीय (Sanjeev Goyal) (@goyalsanjeev) February 9, 2020
Bindra allegedly bought the flat with AIMIM money. Now drama to sell it 2 raise money 4 langar😎 pic.twitter.com/WPdTEZuoFU
D.S.Bindra who's doing langar 4 #ShaheenBagh squatters, is General-Secretary of @aimim_national in #Delhi. So besides PFI/AAP/Congress, @asadowaisi party also behind #ShaheenBaghSham.— #Intolerant भारतीय (Sanjeev Goyal) (@goyalsanjeev) February 9, 2020
Bindra allegedly bought the flat with AIMIM money. Now drama to sell it 2 raise money 4 langar😎 pic.twitter.com/WPdTEZuoFU
इन दिनों एक खबर पूरी मीडिया में घूम रही है कि डीएस बिंद्रा ने शाहीन बाग के प्रदर्शनकारियों को लंगर खिलाने के लिए अपना फ्लैट तक बेच दिया। इसके लिए इन्हें काफी तारीफें भी मिल रही हैं।
एक यूजर ने लिखा कि एडवोकेट डी एस बिंद्रा AIMIM के अधिकारी हैं और उन्होंने ये काम खुद को धर्मनिरपेक्ष दिखाने के लिए नहीं बल्कि अपने राजनीतिक प्रोपेगेंडा को भुनाने के लिए किया है। उन्होंने अपना फ्लैट बेचकर शाहीन बाग को फंडिग दी है।
Advocate 'D. S. Bindra' who sold his flat to arrange 'Langer' at #ShaheenBagh is basically office bearer of AIMIM. That act was not secularism but ridiculous political propaganda. pic.twitter.com/NiIkpKKgnG— Avinash Srivastava (@go4avinash) February 9, 2020
There is a Picture doing rounds in Social media depicting a Sikh man Advocate 'D. S. Bindra' has sold his property to feed Langar to Protestors of ShaheenBagh— Defence360_Official (@Defence_360) February 9, 2020
He is basically office bearer of AIMIM
Connect the Dots!! pic.twitter.com/T5oH7JFt4c
इससे पहले भी इस प्रदर्शन ने कई सवाल पैदा किए। प्रदर्शन के लिए फंडिंग कौन कर रहा है? प्रदर्शनकारियों के खाने-पीने का इंतजाम कहाँ से हो रहा है? उनका खर्च कौन उठा रहा है? जिस तरह के वीडियो सामने आए हैं, उससे यह भी सवाल पैदा हुआ है कि यह किसकी साजिश है? प्रदर्शनकारी किनके हाथों की कठपुतली हैं?
इसी दौरान एक वीडियो सामने आया था जिसमें आसिम तूफानी नाम के एक प्रदर्शनकारी से जब रिपोर्टर ने पूछा कि आखिर इस प्रदर्शन के लिए पैसा कहाँ से आ रहा है? तो आसिफ ने जवाब दिया कि उसे ये सब मालूम नहीं है। लेकिन, उनके लिए ये सब अल्लाह कर रहे हैं और उन्हें मिलने वाली सब सुविधा कुदरती मदद है। वे अल्लाह के बंदे हैं और उन्हें इंसान ने पैदा नहीं किया। सब ऊपर वाले ने किया।
इससे पहले भी ED ने शाहीन बाग में PFI के फंडिंग देने की बात कही थी, जिसमें कई दिग्गज कांग्रेस नेताओं के नाम शामिल थे। कांग्रेस के नेता मुकेश शर्मा ने खुद कबूला था कि शाहीन बाग के ‘प्रदर्शनकारियों’ को उनका समर्थन हासिल है। उन्होंने एक सभा को संबोधित करते हुए कहा था, “मैं गाँव का रहने वाला हूँ। मैं जब मदद करता हूँ तो मर्दानगी से करता हूँ। मैंने तो शाहीन बाग वालों की भी मदद कर रखी है। शाहीन बाग वाले मुझे रोज फोन करते हैं।”
कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने भी कहा था कि राहुल गाँधी, केजरीवाल खामोश हैं, लेकिन उनके लोग खूब बोल रहे हैं। मनीष सिसोदिया बोलते हैं हम शाहीन बाग के साथ हैं। कांग्रेस के दिग्विजय सिंह और मणिशंकर अय्यर वहाँ जाकर क्या-क्या बोले हैं वो आप जानते हैं। इसके अलावा केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने भी आम आदमी पार्टी और कांग्रेस पर अल्पसंख्यकों के दिमाग में जहर घोलने का आरोप लगाया था।
वहीं केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने शाहीन बाग पर कहा था कि शाहीन बाग में आम आदमी पार्टी और कांग्रेस, जो 2019 लोकसभा का चुनाव नही जीत पाईं, वो देश को तोड़ने की बातों का समर्थन कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी के नेता मनीष सिसोदिया ने शाहीन बाग के प्रदर्शनकारियों को समर्थन दिया है। वहाँ देश विरोधी व संविधान विरोधी नारे लग रहे हैं। देश को बाँटने की बात की जा रही है। ये राजनीतिक दल 2019 के चुनाव में मिली हार को पचा नहीं पा रहे हैं। शाहीन बाग में अमानतुल्लाह खान के पोस्टर और पेम्फ्लेट्स बाँटते हुए देखे गए थे।
उल्लेखनीय है कि दिल्ली के शाहीन बाग में ‘जिन्ना वली आज़ादी ’के नारे लगाए गए थे। ये नारे शाहीन बाग के विरोधियों की मंशा की तरफ इशारा किया था, जो कि देश तोड़ना चाहते हैं। अब इसमें AAP, PFI और कांग्रेस के शामिल होने के साथ ही AIMIM का हाथ भी सामने आ गया है।
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